modi government decides to stop our share of water to pakistan

पानी की किल्लत से टूट जायेगी पाकिस्तान की कमर, पीएम श्री नरेंद्र मोदी जी की सरकार का अहम निर्णय

भारत पाकिस्तान सम्बन्ध में सुधार की संभावना नगण्य है। ऐसे में हमें पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए कोई दीर्घकालिक कदम उठाने की जरुरत है। इसी दीर्घकालिक कदम के अंतर्गत प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की सरकार ने एक अहम पहल की है। ये पहल भारत पाकिस्तान के मध्य चल रहे सिंधु जल संधि को तोड़ने की बाबत लिया गया है।

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इस मसले पर कहा है कि भारत ने भारत से पाकिस्तान जाने वाले नदियों के अपने हिस्से के पानी रोकने का निर्णय किया है। इसके बाद अब भारत की पूर्व से बहने वाली नदियों के पानी को डायवर्ट करके जम्मू कश्मीर और पंजाब में इसका इस्तेमाल करेगा।

सिंधु के पानी पर हमेशा से भारत तथा पाकिस्तान के मध्य समस्याएं रही हैं। यह जल संधि भारत पाकिस्तान के मध्य पानी के बंटवारे की एक व्यवस्था है जिस पर 19 सितम्बर, 1960 को नेहरू और अयूब खान ने कराची में दस्तख़त किए थे। विशेषज्ञों का मानना है कि इस जल समझौते से भारत को एकतरफा हानि ही हुई है और उसे छह सिंधु नदियों की जल व्यवस्था का महज 20 फीसदी पानी ही मिला है।

बहरहाल अब सरकार ने पाकिस्तान की ओर जाने वाले ‘हमारे हिस्से के पानी’ को रोकने और पूर्वी नदियों की धारा जम्मू कश्मीर और पंजाब की ओर मोड़ने का फैसला ले लिया है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने यह जानकारी एक ट्वीट के माध्यम से दी है। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के अनुसार “भारत के तीन नदियों के अधिकार का पानी प्रोजेक्ट बनाकर पाकिस्तान के बजाय यमुना में छोड़ा जाएगा।” मालूम हो कि व्यास, रावी और सतलज नदियों का पानी भारत से होकर पाकिस्तान पहुँचता है। इसका मतलब यह हुआ कि आतंक की खेती करने वाले पाकिस्तान अब बूंद-बूंद को तरसेगा।

केंद्रीय मंत्री श्री नितिन गडकरी जी ने अपने ट्वीट में लिखा की “प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हमारी सरकार ने पाकिस्तान की ओर जाने वाले ‘हमारे हिस्से के पानी’ को रोकने का निर्णय किया है। हम पूर्वी नदियों की धारा का मार्ग परिवर्तित करेंगे और जम्मू कश्मीर और पंजाब में अपने लोगों को पहुंचायेंगे।

सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि रावी, व्यास और सतलुज नदियों से पाकिस्तान जाने वाले जल को जम्मू-कश्मीर और पंजाब की ओर मोड़ा जाएगा। इस पर गडकरी जी ने कहा कि “रावी नदी पर शाहपुर-कांडी बांध का निर्माण शुरू हो गया है। इसके अलावा यूजेएच परियोजना के जरिये जम्मू कश्मीर में उपयोग के लिये हमारे हिस्से के पानी का भंडारण होगा और शेष पानी दूसरी रावी व्यास लिंक के जरिये अन्य राज्यों के बेसिन में प्रवाहित होगा।”

मतलब साफ़ है, आने वाले सालों में भारत पाकिस्तान को पानी के लिए तरसाने वाला है। इस निर्णय से शायद पाकिस्तान की आतंक वाली फैक्ट्री को भी नुक्सान पहुंचे और वो अपने सिरफिरे जिहाद के मुगालते से बाहर निकल पाए।

Rohit Gangwal
By Rohit Gangwal , March 6, 2019

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