प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कजाकिस्तान का अपना दो दिवसीय दौरा संपन्न कर शुक्रवार को स्वदेश के लिए रवाना हो गए. कजाकिस्तान में उन्होंने शंघाई सहयोग संगठन के शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग सहित कुछ विदेशी नेताओं से मुलाकात की.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने ट्वीट किया, ‘बहुपक्षीय कूटनीति और द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर केंद्रित ऐतिहासिक दौरा संपन्न. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एससीओ के बाद भारत के लिए रवाना हुए’. भारत और पाकिस्तान आज एससीओ का हिस्सा बने. चीन की अगुवाई वाले सुरक्षा समूह का यह पहला विस्तार है, जिसे नाटो के समान देखा जा रहा है.
कजाकिस्तान की राजधानी में एससीओ के सालाना शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी ने कहा कि एससीओ परिवार में भारत का प्रवेश आतंकवाद तथा क्षेत्र में मौजूद अन्य चुनौतियों से निपटने के समूह के प्रयासों को नई गति देगा.
प्रधानमंत्री ने क्षेत्र में संपर्क बढ़ाने की जरूरत पर भी अपनी बात रखी और कहा कि व्यापार और निवेश को बढ़ाने के लिए यह जरूरी है.
इससे पहले दिन में पीएम मोदी ने शिखर सम्मेलन से अलग शी चिनफिंग से मुलाकात की और एक दूसरे की प्रमुख चिंताओं का सम्मान करने तथा विवादों के समुचित समाधान करने की जरूरत पर जोर दिया.
बैठक के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि भारत और चीन को सहयोग में संभावनाओं का लाभ उठाना चाहिए, संवाद मजबूत करना चाहिए अंतरराष्ट्रीय मामलों में समन्वय मजबूत करना चाहिए, एक दूसरे की प्रमुख चिंताओं का सम्मान करना चाहिए और अपने विवादों को समुचित तरीके से निपटाना चाहिए.
एससीओ में भारत की सदस्यता का रूस ने पुरजोर समर्थन किया, जबकि पाकिस्तान के इस समूह में प्रवेश का चीन ने समर्थन किया. वर्ष 2001 में अस्तित्व में आने के बाद से एससीओ का यह पहला विस्तार है.