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जानिए प्रधानमंत्री वय वंदना योजना (PMVVY) के बारे में? और इसके लाभ

वित्तमंत्री अरुण जेटली ने बजट पेश करते हुए प्रधानमंत्री वय वंदना योजना की शुरुआत की थी। बुजुर्गों पर विशेष ध्यान देते हुए सरकार ने इस योजना की शुरुआत की थी। बुधवार की कैबिनेट बैठक में सरकार ने इस योजना पर कुछ खास फैसले लिये। वरिष्ठ नागरिकों को कुछ राहत देते हुए सरकार ने प्रधानमंत्री वय वंदना योजना (पीएमवीवीवाई PMVVY) के तहत निवेश सीमा को दोगुना कर 15 लाख रुपये करने को मंजूरी दी। इससे वरिष्ठ नागरिकों का सामाजिक सुरक्षा कवर बढ़ सकेगा। साथ ही इस योजना में निवेश सीमा को दो साल के लिए बढ़ा दिया गया है। यह सीमा 4 मई को समाप्त हो रही थी। पीएमवीवीवाई (PMVVY) 60 साल और उससे अधिक उम्र के नागरिकों के लिए है।

बता दें कि इस योजना में निवेश की समयसीमा 4 मई, 2017 से 3 मई, 2018 थी। अब इसे बढ़ाकर 31 मार्च, 2020 कर दिया गया है।

क्या हैं पीएमवीवीवाई (PMVVY)

पीएमवीवीवाई 60 वर्ष तथा उससे ऊपर के वरिष्ठ नागरिकों के लिए एक पेंशन योजना है। इस योजना के तहत वरिष्ठ नागरिकों को मासिक पेंशन विकल्प चुनने पर 10 वर्षों के लिए 8% के गारंटी के साथ रिटर्न की व्यवस्था की गई है। अगर इसमें वार्षिक पेंशन विकल्प चुना जाता है तब 10 वर्षों के लिए 8.3% की गारंटीशुदा वापसी होगी। बता दें कि गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी GST) से इस योजना को छूट दी गई है। इस पालिसी को ऑनलाइन और ऑफ़लाइन दोनों तरीकों से खरीदा जा सकता है। सरकार इस योजना को एलआईसी (LIC) के साथ मिलकर लाई है।

किसे मिलेगा लाभ

इस योजना में अधिकतम पेंशन राशि के मापदंड पूरे परिवार के लिए है। यहाँ परिवार का अर्थ पेंशनभोगी, पति या पत्नी और आश्रित शामिल हैं।

योजना पूरी होने पर लाभ

योजना के तहत अगर पॉलिसीधारक पूरे पॉलिसी अवधि अर्थात 10 साल तक जीवित रहता है तो उसे खरीदी रकम के साथ पेंशन की अंतिम किश्त का भुगतान किया जाएगा।

पॉलिसी सरेंडर का प्रावधान

इस पॉलिसी से यह भी लाभ है कि यदि पॉलिसी अवधि के दौरान गंभीर परिस्थितियों में पॉलिसी को सरेंडर करना है तब भी यह संभव है। नियमानुसार गंभीर परिस्थितियों का अर्थ पॉलिसीधारक (पति/पत्नी) को किसी प्रकार की गंभीर बीमारी से पीड़ित हो जाता है। ऐसी परिस्थिति में पॉलिसी सरेंडर की जा सकती है। ऐसे में खरीदी मुल्य की 98% राशि वापस की जाती है।

पॉलिसी पर लोन सुविधा

पॉलिसी के तहत 3 साल पूरा होने पर लोन की सुविधा भी उपलब्ध है। इसके तहत अधिकतम खरीदी मूल्य का 75% लोन दिया जाता है। वित्तीय वर्ष में लोन पर लागू होने वाला ब्याज दर 10% प्रति वर्ष है।

कैसे मिलेगी पेंशन

पेंशन धारक को मासिक, त्रैमासिक, अर्ध-वार्षिक और वार्षिक तौर पर पेंशन का भुगतान किया जा सकता है। पेंशन का भुगतान सीधे बैंक खाते में किया जाता है।

योजना का लाभ

अगर पॉलिसीधारक पूरे पॉलिसी अवधि अर्थात 10 साल तक जीवित रहता है तो उसके द्वारा चुनी गई अवधि (मासिक/ तिमाही/ छमाही/ वार्षिक) के अंत में पेंशन का भुगतान किया जाएगा।

फ्री-लुक पीरड का फायदा

इस पॉलिसी की एक खासियत यह भी है कि इसमें फ्री-लुक समय दिया जाता है। अगर कोई पॉलिसीधारक पॉलिसी के “नियम और शर्तों” से संतुष्ट नहीं है, तो वह पॉलिसी की प्राप्ति की तारीख से 15 दिनों के भीतर LIC को आपत्ति के कारण के साथ पॉलिसी वापस कर सकता है। यह समय 30 दिन का है अगर यह पॉलिसी ऑनलाइन खरीदी जाती है। ऐसा होने पर पॉलिसी वापस करने वाले को स्टाम्प ड्यूटी और अगर किसी पेंशन की किश्त का भुगतान हुआ है तो वह शुल्क घटाकर पूरी राशि वापस कर दी जाएगी।

पॉलिसी पूरी होने से पहले मृत्यु

अगर पालिसी धारक की मृत्यु पॉलिसी अवधि के 10 साल के भीतर होती है तो उसके नॉमिनी को खरीदी मुल्य वापस कर दी जाएगी। अगर कोई पॉलिसीधारक आत्महत्या करता लेता है तो उसके नॉमिनी को पूर्ण खरीदी मूल्य का भुगतान किया जाएगा।

कर नियमों से जुड़ा प्रावधान

आयकर सन 1961 की धारा 80सी के तहत इस योजना में जमा की गई राशि करमुक्त है। हालांकि जमा हुई राशि से अर्जित ब्याज पर पॉलिसी धारक को आयकर देना होगा।

Prabhat Sharma
By Prabhat Sharma , May 3, 2018

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