Imf ne ki modi sarkar ki taarif kaha bhartiya arthvyavastha ek daudata hua haathi

IMF ने की मोदी सरकार की तारीफ, कहा- भारतीय अर्थव्यवस्था एक दौड़ता हुआ हाथी

इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड (IMF) ने कहा है कि भारत दुनिया में सबसे तेज गति से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था के रूप में स्थापित होने की राह पर है। IMF ने एक बार फिर मोदी सरकार की तारीफ करते हुए कहा कि भारत में हो रहे रिफॉर्म्स का फायदा अब दिख रहा है। IMF के भारतीय मिशन चीफ रानिल सालगादो ने 2.6 ट्रिल्यन डॉलर की भारतीय अर्थव्यवस्था को ऐसा हाथी बताया जिसने दौड़ना शुरू कर दिया है। यह पहली बार नहीं है जब आईएमएफ ने मोदी सरकार के रिफॉर्म्स की तारीफ करते हुए भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूत बताया है।

आईएमएफ की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, भारत मार्च 2019 तक 7.3 फीसदी और उसके बाद 7.5 फीसदी की रफ्तार से विकास करेगा। ग्लोबल ग्रोथ में भारत की हिस्सेदारी 15 फीसदी होगी। IMF की रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय अर्थव्यवस्था अगले कुछ दशकों तक वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए वृद्धि का प्रमुख स्रोत बनी रहेगी। दुनिया के लिए इसका वही योगदान होगा जो कि अब तक चीन का रहा है। वैश्विक संस्थान ने देश को अधिक संरचनात्मक सुधारों के लिए कदम उठाने की भी सलाह दी है।

एक वार्षिक रिपोर्ट पेश करते हुए सालगादो ने कहा कि परचेजिंग पावर पैरिटी (PPP) के मामले में कुल वैश्विक ग्रोथ का 15 फीसदी हिस्सा भारत का होगा। हालांकि, ट्रेडिंग चीन के स्तर का नहीं होगा।’ उन्होंने कहा कि आईएमएफ भारत को ‘लंबे समय तक ग्लोबल ग्रोथ के सोर्स’ के रूप में देखता है।

उन्होंने आगे कहा, ‘भारतीय कार्यबल जनसंख्या में गिरावट आने में अभी तक तीन दशक का समय है। यह एक लंबा समय है। यह एशिया में भारत के लिए अवसर की खिड़की है। कुछ ही एशियाई देशों के पास ऐसा अवसर है। अगले तीन दशक या इससे लंबे समय के लिए भारत वैश्विक अर्थव्यवस्था के ग्रोथ का सोर्स रहेगा। तीन दशक में भारत वहीं होगा जहां कुछ समय पहले तक चीन था।’

IMF के कार्यकारी बोर्ड ने अपनी रिपोर्ट में निवेश में बढ़ोतरी तथा मजबूत निजी खपत के आधार भारत की आर्थिक वृद्धि दर 2018-19 में 7.3 प्रतिशत तथा 2019-20 में 7.5 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है।

आईएमएफ के मुताबिक, भारत की ग्रोथ में कोई बाधा नहीं है, लेकिन ऊंची तेल की कीमतें उसके लिए चिंता का विषय है। पिछले दिनों ही आईएमएफ ने विकास दर का अनुमान तेल कीमतों की वजह से ही घटाया था। साथ ही आशंका जताई थी कि महंगाई बढ़ सकती है और तेल की ऊंची कीमतों से आरबीआई भी ब्याज दरों में बढ़ोतरी करता रहेगा। आपको बता दें, अगस्त में हुई मॉनिटरी पॉलिसी में आरबीआई ने रेपो रेट 0.25 फीसदी बढ़ा दिया था।

mridul kesharwani
By mridul kesharwani , August 9, 2018

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