china ne kaha modi sarkar ke aane se badh rahi bharat ki jokhim lene ki kshamata

चीन ने कहा, नरेन्द्र मोदी सरकार के आने के बाद से बढ़ रही भारत की जोखिम लेने की क्षमता

डोकलाम में भारत के दबाव में पीछे हटने को मजबूर हुए चीन ने मोदी सरकार की विदेश नीति पर महत्वपूर्ण टिप्पणी की है। चीन ने कहा है कि मोदी सरकार में भारत की विदेश नीति काफी जीवंत और मुखर हुई है। चीन के एक प्रमुख सरकारी थिंक-टैंक के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में भारत की जोखिम लेने की क्षमता बढ़ रही है। चाइना इंस्टिट्यूट ऑफ इंटरनैशनल स्टडीज (CIIS) के उपाध्यक्ष रोंग यिंग ने कहा कि पिछले 3 साल से ज्यादा समय में भारत की डिप्लोमैसी काफी दृढ़ हुई है।

चीन के विदेश मंत्रालय से संबद्ध थिंक-टैंक के अधिकारी ने कहा कि भारत ने काफी अलग और अद्वितीय ‘मोदी डॉक्ट्रीन’ बनाई है। नए हालात में एक महाशक्ति के तौर पर भारत के उभार की यह एक रणनीति है। CIIS जर्नल में लिखे एक लेख में ये बातें कही गई हैं। मोदी सरकार पर किसी भी चीनी थिंक-टैंक द्वारा इस तरह की यह पहली टिप्पणी है। रोंग बतौर चीनी राजनयिक भारत में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं।

उन्होंने काफी गहराई से भारत के चीन, दक्षिण और दक्षिण पूर्व एशिया के साथ संबंधों और अमेरिका व जापान के साथ घनिष्ठ रिश्तों की समीक्षा की है। उनका कहना है कि नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत की विदेश नीति काफी मुखर होती जा रही है, हालांकि इससे पारस्परिक लाभ हो रहा है। भारत – चीन संबंध पर रोंग ने कहा कि जबसे  नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री बने हैं, दोनों देशों के बीच संबंध स्थिर बने हुए हैं।

भारत – चीन संबंधों पर कही ये बड़ी बात

उन्होंने कहा, ‘चीन – भारत सीमा पर सिक्किम क्षेत्र में डोकलाम की घटना से न केवल बॉर्डर का मुद्दा प्रकाश में आया बल्कि इससे दोनों देशों के बीच संबंध तनावपूर्ण हो गए थे।’ CIIS के सीनियर रिसर्च फेलो ने कहा कि भारत और चीन को एक दूसरे के विकास के लिए पारस्परिक सहयोग को लेकर रणनीतिक सहमति बनानी चाहिए।भविष्य में संबंधों पर उन्होंने कहा कि भारत और चीन दोनों साझेदार और प्रतिद्वंद्वी हैं। उन्होंने कहा, ‘यहां सहयोग में प्रतिस्पर्धा है और प्रतिस्पर्धा में सहयोग है। सहयोग और प्रतिस्पर्धा का साथ-साथ होना आदर्श बन जाएगा। यह भारत – चीन संबंधों में यथास्थिति है, जिसे टाला नहीं जा सकता है।’

बोले – भारत के विकास में चीन बाधा नहीं

रोंग ने आगे कहा कि दोनों नेताओं में कूटनीतिक तौर पर सर्वसम्मति बनाने की जरूरत है। चीनी विशेषज्ञ ने कहा कि भारत के विकास में चीन कोई बाधा नहीं है बल्कि भारत के लिए एक बड़ा अवसर है। रोंग ने कहा, ‘कोई भी भारत के उत्थान को रोक नहीं सकता है। भारत के विकास में सबसे बड़ी बाधा भारत खुद है।’ हालांकि उन्होंने इसे स्पष्ट नहीं किया। उन्होंने कहा कि भारत के विशाल बाजार की क्षमता चीन की अर्थव्यवस्था के लिए बड़ा मौका प्रदान करेगी। इससे चीनी उद्यमों को ग्लोबल होने में मदद मिलेगी।

सर्जिकल स्ट्राइक का भी किया जिक्र

रोंग ने मोदी द्वारा शपथ ग्रहण समारोह में दक्षिण एशिया के सभी पड़ोसी देशों के नेताओं को बुलाने की उनकी नीति की भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि पुराने प्रशासन की तुलना में मोदी डॉक्ट्रीन ने अपनी अथॉरिटी के साथ ही पड़ोसियों को लाभ पहुंचाने पर फोकस किया। इसके साथ ही दक्षिण एशिया में भारत के प्रभाव बढ़ाने की भी कोशिश की गई। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को लेकर भारत सख्त है। मोदी सरकार को पीओके से भारत के खिलाफ काम कर रहे आतंकियों के बेस पर हमला करने में थोड़ी भी हिचकिचाहट नहीं हुई। उन्होंने म्यांमार सीमा पर भारतीय सैनिकों की कार्रवाई का भी जिक्र किया।

Prabhat Sharma
By Prabhat Sharma , January 31, 2018

RELATED POSTS

Copyright 2018 | All Rights Reserved.