bharat or iran ke beech suraksha urja samet 9 Karar hue

भारत और ईरान के बीच सुरक्षा-ऊर्जा समेत 9 करार, पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, भारत चाबहार प्रोजेक्ट में सहयोग करेगा

ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी भारत के तीन दिवसीय दौरे पर थे। शनिवार को रूहानी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच डेलिगेशन लेवल की बातचीत हुई। इस मीटिंग के बाद दोनों देशों के बीच सुरक्षा, व्यापार और ऊर्जा समेत 9 करारों पर सहमति बनी। ज्वाइंट स्टेटमेंट में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा- “चाबहार पोर्ट को डेवलप करने के लिए लीडरशिप देने पर मैं ईरान का शुक्रिया अदा करता हूं। चाबहार गेटवे के लिए भारत सहयोग करेगा।” इससे पहले रूहानी राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से भी मिले। राष्ट्रपति भवन में उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। उन्होंने राजघाट जाकर महात्मा गांधी जी की समाधी पर श्रद्धांजलि भी दी।

पड़ोसियों को आतंक से मुक्त देखना चाहते हैं भारत-ईरान

  • ज्वाइंट स्टेटमेंट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा- मैं 2016 में तेहरान गया था और अब जब आप (रूहानी) यहां आए हैं तो इससे हमारे रिश्ते गहरे और मजबूत हुए हैं।
  • दोनों देश पड़ोसी अफगानिस्तान को सुरक्षित और समृद्ध देखना चाहते हैं। हम अपने पड़ोसियों को आतंक से आजाद देखना चाहते हैं।

रुहानी ने कहा- भारत का शुक्रिया

  • इसके बाद, रुहानी ने अपनी बात रखी। उन्होंने कहा- हमें भारत सरकार से काफी प्यार मिला और इसके लिए मैं यहां के लोगों और सरकार का शुक्रिया अदा करता हूं। दोनों देशों का रिश्ता कारोबार और व्यापार से बहुत आगे है। ये इतिहास से जुड़ा हुआ है। परिवर्तन और अर्थव्यवस्था इन 2 महत्वपूर्ण मुद्दों पर हमारी राय एक है। हम दोनों देशों के बीच रेलवे संबंध भी शुरू करना चाहते हैं। दोनों देश चाबहार पोर्ट के विकास में भी शामिल हैं।
  • बता दें कि रूहानी के तीन दिवसीय दौरे का शनिवार को आखिरी दिन रहा।

भारत-ईरान के बीच ये 9 करार

  1. डबल टैक्सेशन और टैक्स सेविंग के लिए पैसे बाहर भेजने की रोकथाम के लिए समझौता।
  2. डिप्लोमैटिक पासपोर्टधारकों को वीजा में छूट के लिए एमओयू।
  3. एक्स्ट्राडीशन ट्रीटी (प्रत्यर्पण संधि) का लागू करने के लिए समझौता।
  4. चाबहार पोर्ट के पहले फेस के लिए समझौता।
  5. ट्रेडिशनल सिस्टम और मेडिसिन में सहयोग के लिए समझौता।
  6. आपसी व्यापार को बढ़ाने के लिए समझौता।
  7. एग्रीकल्चर और उससे जुड़े सेक्टर में सहयोग के लिए समझौता।
  8. स्वास्थ्य एवं दवाओं के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए समझौता।
  9. पोस्टल सहयोग के लिए एमओयू।

चाबहार होगा ट्रांजिट रूट

  • रूहानी शुक्रवार को हैदराबाद की मक्का मस्जिद में नमाज अदा करने पहुचे थे। इसके बाद उन्होंने कहा था कि ईरान का चाबहार बंदरगाह भारत के लिए (पाकिस्तान से गुजरे बगैर) ईरान और अफगानिस्तान, मध्य एशियाई देशों के साथ यूरोप तक ट्रांजिट रूट खोलेगा।
  • उन्होंने यह भी कहा कि ईरान तेल और नेचुरल गैस रिसोर्स के मामले में अमीर है। इसलिए वह भारत की तरक्की के लिए अपने नेचुरल रिसोर्सेज साझा करने को तैयार है। इसके अलावा रूहानी ने दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए वीजा नियमों में ढील देने की भी मंशा जाहिर की।

भारत को ईरान की जरूरत क्यों?

  • भारत को सस्ते ऑयल और गैस के लिए पश्चिम एशिया की जरूरत है। ईरान समेत इस रीजन के बाकी देश इस सच्चाई को जानते हैं। अमेरिका अब अपनी जरूरतों के लिए इन मुल्कों का मोहताज नहीं रहा। भारत दुनिया का सबसे बड़ा बाजार है। एनर्जी सेक्टर में दोनों देश मिलकर बड़ी कामयाबी हासिल कर सकते हैं।
  • चाबहार पोर्ट दोनों देशों का प्रोजेक्ट है। कुछ हद तक शुरू हो चुका है। यहां से बिना पाकिस्तान जाए अफगानिस्तान और आगे के मुल्कों तक सामान सप्लाई किया जा सकता है। दोनों ही देश चाहते हैं कि चाबहार का काम तय वक्त से पहले पूरा किया जाए। ईरान में इससे रोजगार बढ़ेगा। रूहानी इस पर भारत की मदद चाहेंगे।
  • ऐसी रिपोर्ट्स हैं कि रूस, पाकिस्तान और कुछ हद तक ईरान भी अफगान तालिबान को मदद करते हैं। अफगानिस्तान में भारत की बड़ी मौजूदगी है। तालिबान अफगान सरकार और अमेरिका के लिए खतरा है। रूहानी पर भारत दबाव डाल सकता है कि वो तालिबान और दूसरे आतंकी संगठनों पर सख्ती दिखाएं।
Prabhat Sharma
By Prabhat Sharma , February 17, 2018

RELATED POSTS

Copyright 2018 | All Rights Reserved.