प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 अप्रैल को उत्तर प्रदेश के बागपत पहुंच रहे हैं। यहां वह ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे की शुरुआत करेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के यहां आने से पहले केंद्रीय मंत्री डॉ. सत्यपाल सिंह बागपत पहुंचे और मवीकला गांव का दौरा किया। इस एक्सप्रेसवे को बनाने का काम साल 2015 में शुरू हुआ था।
बागपत में बने इस एक्सप्रेसवे से हजारों लोगों को फायदा होगा। पहले बागपत से या यहां से होते हुए नोएडा और गुड़गांव जाने वालों को पहले दिल्ली जाना पड़ता था। दिल्ली से वे नोएडा या गुड़गांव पहुंचते थे। इस एक्सप्रेसवे को बनाए जाने में 14 हजार करोड़ रुपये का बजट खर्च हुआ है। इस एक्सप्रेस वे पर 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से वाहन चलाए जा सकते हैं।
एक्सप्रेसवे के दोनों तरफ पेड़-पौधे लगाए गए हैं ताकि यहां हरियाली बनी रही। अधिकारियों ने बताया कि 135 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेसवे के दोनों तरफ ढाई लाख पौधे लगाए गए हैं। ऐसा नहीं है कि सिर्फ बागपत को ही एक्सप्रेसवे का फायदा मिलेगा। दिल्ली की राजधानी पर भी बोझ कम होगा। जो गाड़ियां दिल्ली होते हुए नोएडा और गुड़गांव जाती थीं वह सीधे जाएंगी और दिल्ली का ट्रैफिक कम होगा।
ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे देश का सबसे पहला स्मार्ट हाइवे होगा। इस हाइवे की खास बात यह भी है कि ट्रैफिक जाम या किसी सड़क दुर्घटना जैसी घटना हो जाने पर मार्ग की स्थिति ड्राइवर्स को सूचित हो जाएगा। यह सूचना हाइवे पर लगे लाइव साइनेज से दी जाएगी। हाइवे पर ओवर स्पीड गाड़ियां न चलें इसके लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। मार्ग पर प्रकाश के लिए सोलर सिस्टम लगाए गए हैं। इस मार्ग पर ओवरलोड गाड़ियां नहीं चल पाएंगी।