संसद के मॉनसून सत्र का तीसरा दिन काफी अहम है। आज लोकसभा में मोदी सरकार के खिलाफ विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर बहस होगी। पूरे देश की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि आज लोकसभा में क्या होगा और कांग्रेस और सरकार को जो समय दिये गये हैं, उनमें किस तरह की बातों को उठाया जाएगा। हालांकि, अविश्वास प्रस्ताव पर बहस से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रचनात्मक और व्यवधान मुक्त बहस की उम्मीद जताई है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार की सुबह ट्वीट किया, ‘हमारे संसदीय लोकतंत्र में आज का दिन महत्वपूर्ण है. मुझे विश्वास है कि मेरे साथी सांसद मौके की नजाकत को समझेंगे और सकारात्मक, व्यापक तथा व्यवधान रहित बहस सुनिश्चित करेंगे। यह जनता और संविधान निर्माताओं के प्रति सांसदों का दायित्व है। भारत हमें काफी नजदीक से देख रहा होगा।’
Today is an important day in our Parliamentary democracy. I am sure my fellow MP colleagues will rise to the occasion and ensure a constructive, comprehensive & disruption free debate. We owe this to the people & the makers of our Constitution. India will be watching us closely.
— Narendra Modi (@narendramodi) July 20, 2018
बता दें कि सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने वाला मुख्य दल तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) आज लोकसभा में इस पर चर्चा की शुरुआत करेगा और लोकसभा अध्यक्ष ने उसे बोलने के लिए 13 मिनट का समय दिया है। पार्टी की ओर से जयदेव गल्ला पहले वक्ता होंगे। वहीं, मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस को प्रस्ताव पर अपने विचार रखने के लिए 38 मिनट का समय दिया गया है। कांग्रेस प्रमुख राहुल गांधी और सदन में पार्टी के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे इस पर बोल सकते हैं।
सदन में बहुमत वाली सत्तारूढ़ बीजेपी को चर्चा में 3 घंटे और 33 मिनट का समय दिया गया है। संसद में बीजेपी को ओर से चर्चा की शुरुआत राकेश सिंह करेंगे और सरकार की तरफ से अंत में पीएम नरेंद्र मोदी लोकसभा में बोलेंगे। आज अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान ना तो प्रश्नकाल होगा, ना ही लंच ब्रेक होगा. यहां तक कि शुक्रवार को होने वाला निजी विधेयक का समय भी अगले सप्ताह तक के लिए टाल दिया गया है। 11 से लगातार 6 बजे तक होगा भाषणों का दौर चलेगा।
अभी लोकसभा में स्पीकर को छोड़कर 533 सदस्य हैं और 11 सीटें खाली हैं। एनडीए के पास 312 सांसद हैं जो बहुमत के आंकड़े 267 से काफी ज्यादा है। बीजेपी की कोशिश एआईएडीएमके और टीआरएस के 48 सासंदों से अपने पक्ष में वोट डलवा कर देश के सामने एनडीए की बढ़ी ताकत दिखाने की है। ऐसे में एनडीए प्लस को 360 वोट मिल सकते हैं। वो यह साबित करना चाहती है कि चुनावी साल में उससे सहयोगी दल छिटक नहीं रहे बल्कि नए सहयोगी दल मिल रहे हैं।