प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में लायी गई मुद्रा योजना लगातार तीसरे साल भी सफल रही। इस योजना के अंतर्गत भारत सरकार ने 2018-19 के दौरान 3 लाख करोड़ का ऋण लोगों को दिया है। इस दौरान प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY) के अंतर्गत कुल 3.21 लाख रूपये का ऋण मंजूर किया गया। जिसमें से 3.12 लाख करोड़ रूपये ज़रूरतमंदों को उपलब्ध कराए गए हैं।
मोदी जी की सरकार ने पिछले वर्ष के बजट में इस महत्वाकांक्षी योजना के अंतर्गत 3 लाख करोड़ रूपये वितरित करने का लक्ष्य रखा था। ये लक्ष्य इसके पहले वाले वित्तीय वर्ष यानि 2017-18 के लक्ष्य से 23 प्रतिशत अधिक था। अनुमान लगाया जा रहा था कि इस लक्ष्य को पूरा नही किया जा सकेगा। लेकिन मोदी सरकार इसे समय रहते पूरा करने में सफल रही। इस योजना में लक्ष्य पूर्ति के लिए वित्त वर्ष के आख़िरी 8 दिनों में लगभग 18 हजार करोड़ रूपये ऋण के रूप में वितरित किये गए।
PMMY योजना के अंतर्गत अधिक से अधिक लोगों तक लाभ पहुंचे इसके लिए वित्तीय वर्ष के अंतिम चार दिनों में प्रतिदिन 4,500 करोड़ रूपये का ऋण वितरित किया गया। इस बारे में सरकार के द्वारा जल्द ही आधिकारिक आंकड़ा उपलब्ध कराया जायेगा।
क्या है प्रधानमंत्री मुद्रा योजना?
श्री नरेंद्र मोदी जी की सरकार ने युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रेरित करने के लिए प्रधानमंत्री मुद्रा योजना की नींव रखी थी। इस योजना के अंतर्गत स्वरोजगार के इच्छुक युवाओं को बैंकों के माध्यम से वित्तीय मदद उपलब्ध कराई जाती है। इस योजना को 8 अप्रैल 2015 से शुरू किया गया था। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के अंतर्गत शिशु लोन, किशोर लोन और तरुण लोन प्रदान किये जाते हैं। शिशु लोन के अंतर्गत 50 हजार तक का लोन, किशोर योजना में 50 हजार से 5 लाख तक का लोन तथा तरुण योजना में 5 लाख से 10 लाख तक का लोन उपलब्ध कराया जाता है।
इस योजना में सूक्ष्म, लघु या मध्यम उद्योग या कारोबार के लिए बिना किसी कोलैटरल सिक्योरिटी के ऋण उपलब्ध कराया जाता है। भारत सरकार ने बैंकों पर इस योजना के अंतर्गत ऋण के लक्ष्य को पूरा करने लिए दबाव बना रखा है, लेकिन इससे उनके सामने एनपीए का संतुलन बनाए रखने की भी चुनौती खड़ी हो गयी है।
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के अंतर्गत कोई सब्सिडी उपलब्ध नही है। लेकिन यदि लोन का प्रपोजल किसी सरकारी योजना के साथ जुड़ा है तो उस योजना के अंतर्गत आवेदक सब्सिडी पाने का हक़दार होगा।
इस योजना में परिवहन क्षेत्र में ऑटो रिक्शा, छोटे सामान परिवहन व्हीकल, ई-रिक्शा, टैक्सी आदि के लिए ऋण दिया जाता है। सामुदायिक या व्यक्तिगत सेवा प्रदाता जैसे- बुटीक, पार्लर, जिम, टेलर शॉप और मोटरसाइकिल रिपेयर आदि के लिए भी इस योजना में ऋण उपलब्ध कराया जाता है। खाद्य उत्पाद क्षेत्र में अचार, पापड़, मिठाई, केटरिंग, कैंटीन, कोल्ड स्टोरेज, आइस क्रीम, बिस्कुट, ब्रेड आदि से सम्बंधित व्यवसायों के लिए इस योजना में ऋण उपलब्ध कराया जाता है। इस योजना में कपड़े से जुड़े धंधों के लिए भी सरकार के द्वारा ऋण उपलब्ध कराया जाता है। हैंडलूम, पॉवरलूम, चिकन वर्क, ज़री और ज़रदोरी वर्क, एम्ब्रॉइडरी, कॉटन जिनिंग, कंप्यूटराइज्ड एम्ब्रॉइडरी आदि के लिए भी मुद्रा योजना के अंतर्गत लोन उपलब्ध कराया जाता है।
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना का लाभ लेने के के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों, माइक्रो फाइनेंस इंस्टीटूट्स और निजी बैंकों में संपर्क किया जा सकता है।