बस दो दिन और बचे हैं यानी 14 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी महायोजना लॉन्च करेंगे। इस योजना को छत्तीसगढ़ से लॉन्च किया जाएगा। 14 अप्रैल यानी डॉ. भीमराव आम्बेडकर की जयंति के दिन यह योजना लॉन्च होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस महत्वाकांक्षी योजना में प्रति वर्ष 10 करोड़ परिवारों को इलाज के लिए 5-5 लाख रुपए तक का स्वास्थ्य बीमा कवर मिलेगा। इस योजना को मोदी केयर का नाम भी दिया गया है। असल में इस योजना का नाम है आयुषमान योजना है।
इस योजना का आरंभ छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले के जांगला से होगा। सरकार ने बजट के दौरान प्रत्येक परिवार को हर साल 5 लाख रुपए तक का इलाज फ्री में कराने का वादा किया था। इसके बाद अब ये सुविधा शुरू होने जा रही है। इस स्कीम में फायदा लेने वाले परिवार में कितने भी सदस्य हों, सभी उसका फायदा उठा सकेंगे। इस स्कीम का फायदा ठीक से सभी को मिले, इसके लिए एक काउंसिल का गठन भी किया जाएगा। इसकी अध्यक्षता हेल्थ मिनिस्टर करेंगे।
ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वालों को इस स्कीम का फायदा तभी मिलेगा, जब उनके पास एक कमरे का कच्चा मकान, खपरैल में रहने वाली फैमली और ऐसा परिवार जिसमें 16 से 59 वर्ष के बीच की उम्र का कोई अडल्ट सदस्य न हो, महिला मुखिया वाले परिवार, जिनमें 16 से 59 वर्ष के बीच का कोई पुरुष न हो। ऐसे परिवार जिनमें विकलांग सदस्य हों और उसकी देखरेख करने वाला कोई अडल्ट सदस्य परिवार में न हो। एससी और एसटी के अलावा ऐसे परिवार जिनके पास जमीन न हो और उनकी आमदनी कैजुअल मजदूरी हो। जिन परिवारों के पास छत न हो और कानूनी रूप से बंधुआ मजदूरी से मुक्त कराए गए हों।
शहरी में रहने वालों के लिए शर्तें अलग हैं। सरकार ने शहरी क्षेत्र में रहने वाले गरीबों को भी स्कीम का फायदा मिलेगा, गरीबों के चयन के लिए कई कैटेगरी बनाई गई हैं, कुल मिलाकर 11 कैटेगरी में शहरी गरीबों को बांटा गया है, जो इस स्कीम का फायदा ले सकेंगे।
इसके अंतर्गत प्रति परिवार सालाना 5 लाख रुपए तक का कवर मिलेगा। इसमें लगभग सभी गंभीर बीमारियों का इलाज कवर होगा। इसके अलावा कोई भी व्यक्ति (विशेष रूप से महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग) इलाज से वंचित न रह जाए, इसके लिए स्कीम में फैमिली साइज और उम्र पर कोई सीमा नहीं लगाई गई है। इस स्कीम में हॉस्पिटलाइजेशन से पहले और बाद के खर्च को भी शामिल किया गया है। हर बार हॉस्पिटलाइजेशन के लिए ट्रांसपोर्टेशन अलाउंस का भी उल्लेख किया गया है, जिसका भुगतान लाभार्थी को किया जाएगा।
इस स्कीम के तहत पैनल में शामिल देश के किसी भी सरकारी या प्राइवेट अस्पताल में कैशलेस इलाज कराया जा सकेगा। राज्यों के सभी सरकारी अस्पताल इस स्कीम में शामिल माने जाएंगे। संबंधित अस्पतालों को बेड ऑक्यूपैंसी रेश्यो के पैरामीटर के आधार पर इसके पैनल में शामिल किया जा सकता है। प्राइवेट अस्पतालों के मामले में निश्चित क्राइटीरिया के आधार ऑनलाइन इम्पैनल्ड किया जाएगा।