प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में स्वागत भाषण दिया है। यहां अंतरराष्ट्रीय आर्थिक मंच (वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम) पर कहा कि वैश्विकरण की चमक धीरे-धीरे फीकी पड़ती जा रही है। लिहाजा वैश्विकरण के प्रवाह के रुख को बदलने की जरूरत है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने कहा कि दुनियाभर में दो देशों के बीच और कुछ देशों के समूहों के बीच (द्विपक्षीय और बहुपक्षीय व्यापार) कारोबारी समझौते नहीं हो रहे हैं। इसके चलते ग्लोबल इकोनॉमी में कारोबार पर प्रतिबंधों में इजाफा हुआ है। टेक्नोलॉजी के स्वतंत्र संचार में रुकावटे बढ़ी हैं।
दावोस में आयोजित विश्व आर्थिक मंच के वार्षिक सम्मेलन में कीनोट एड्रेस देते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि वैश्विक स्तर पर मौजूदा समय में संरक्षणवाद की नीतियां हावी है। वैश्विक स्तर पर कुछ शक्तियां वैश्विकरण के प्रभावों से बचने के लिए संरक्षणवाद को बढ़ावा दे रही हैं और इनकी कोशिश है कि ग्लोबलाइजेशन की धारा को बदल दें।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि क्लाइमेट चेंज दुनिया की लिए सबसे बड़ी चुनौती है इसके बावजूद ग्लोबलाइजेशन के दौर में भी हम इससे लड़ने के लिए एकजुट नहीं हो पा रहे हैं। नरेंद्र मोदी ने कहा कि दुनिया के सभी देश मानते हैं कि प्रदूषण पर लगाम के कड़े मानक लागू किए जाएं। लेकिन दुनिया भर के अमीर देश उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं को प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए नई टेक्नोलॉजी से वंचित रखा है।
इस मंच से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इसके साथ ही वैश्विक कारोबारी ढांचे के साथ-साथ वैश्विक संगठनों में भी तुरंत सुधार की जरूरत है। संयुक्त राष्ट्र के ढांचें में सुधार की जरूरत पर जोर देते हुए मोदी ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र द्वितीय विश्व युद्ध के बाद बना था और तत्कालीन वैश्विक आर्थिक स्थिति को केन्द्र में रखते हुए बना था। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि बीते दो दशकों के दौरान भारत ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बड़ी छलांग लगाई है।
इसके साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के साथ ही भारत में रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म की नीतियों पर चलने की कोशिश की जा रही है। इसी का नतीजा है कि भारत में निवेश करना, कारोबार करना, टूरिज्म के लिए जाना इत्यादि पहले की तुलना में बहुत आसान हो चुका है।
वैश्विक मंच से पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत में रेड टेप हटाकर रेड कार्पेट बिछाया जा रहा है। ज्यादातर क्षेत्रों में ऑटोमैटिक रूट के जरिए विदेशी निवेश को मंजूरी दे दी गई है। भारत में बीते तीन साल के अंदर सैकड़ों पुराने और बेकार हो चुके कानून को हटाने का काम किया है। देश में पार्दर्शिता को बढ़ाने के लिए देश में जीएसटी को भी लागू किया गया है।
पीएम नरेंद्र मोदी के मुताबिक भारत के युवा 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के निर्माण में सक्रिय हैं। इनोवेशन के जरिए वह जॉब सीकर नहीं जॉब गिवर बनेंगे। पीएम मोदी ने कहा कि भारत की रैंकिंग और रेटिंग में हुए सुधार से दुनिया परिचित है। देश में स्वेच्छा से सब्सिडी का त्याग किया जा चुका है। ऐसे अनेक प्रमाण भारत की आर्थिक विकास की गाथा सुनाता है।