प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अुगवाई में बीजेपी को जो एतिहासिक जीत मिली है उसकी चर्चा अमेरिकी न्यूजपेपर न्यूयॉर्क टाइम्स से लेकर ब्रिटिश डेली, डेली मेल तक में हो रही है। यूपी और उत्तराखंड में बीजेपी की जीत के बाद वर्ल्ड पॉलिटिक्स में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कद और बढ़ गया है।
दुनिया के पॉपुलर लीडर बन चुके हैं पीएम मोदी
पीएम मोदी दुनिया के कुछ सबसे पॉपुलर नेताओं में वर्ष 2014 में हुए लोकसभा चुनावों में मिली जीत के बाद ही शामिल हो गए थे। शनिवार को जो इतिहास बीजेपी ने रचा है उसके बाद अब दुनिया की राजनीति में उन्हें नजरअंदाज करना थोड़ा मुश्किल होगा। एक नजर डालिए दुनिया के उन खास पांच चुनिंदा नेताओं के नाम पर जिन्हें पीएम मोदी ने अपनी किसी न किसी शर्त को मानने पर मजबूर कर दिया है। पीएम मोदी को भी इन्हीं वर्ल्ड लीडर्स की तर्ज पर ताकतवर नेता बताया जा चुका है।
ब्लादीमिर पुतिन
रूस के रष्ट्रपति ब्लादीमिर पुतिन दुनिया के सबसे ताकतवर शख्स हैं। पिछले दिनों जब पीएम मोदी ने ‘मेक इन इंडिया’ को सफल बनाने के लिए रूस को दो टूक कहा कि फाइटर जेट सुखोई की टेक्नोलॉजी भारत को ट्रांसफर की जाए तो भारत से लेकर रूस तक की मीडिया में इसकी चर्चा हुई। इसके अलावा जब पिछले वर्ष अक्टूबर में पुतिन भारत आए तो पीएम मोदी ने पाकिस्तान मिलिट्री के साथ रशियन आर्मी की वॉर एक्सरसाइज पर भारत की चिंताओं के बारे में साफ-साफ बताया।
जर्मन चांसलर एंजेला मार्केल
जर्मन चांसलर एंजेला मार्केल वर्ष 2015 में अपने दूसरे भारत दौर पर आई थीं। मार्केल को दुनिया की सबसे ताकतवर राजनेता के खिताब से नवाजा जा चुका है। जब वह भारत आईं तो जर्मनी के एजेंडे को आगे बढ़ाने की बजाय उन्होंने पीएम मोदी के मेक इन इंडिया के तहत ही कुछ जर्मन प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी। चांसलर मार्केल और पीएम मोदी की तीन अलग-अलग मौकों पर मुलाकात हो चुकी है।
थेरेसा मे
ब्रिटेन की दूसरी महिला प्रधानमंत्री थेरेसा मे ने वर्ष 2016 में भारत का दौरा किया था। जब वह भारत आईं तो उससे पहले उन्होंने ब्रिटेन की संसद में एक पाक सांसद को यह साबित कर दिया था कि कश्मीर पर ब्रिटेन का रुख पहले जैसा ही है और इसमें कोई परिवर्तन नहीं आएगा। साथ ही थेरेसा मे ने ब्रिटिश वीजा से जुड़े भारत की चिंताओं को भी दूर किया और पीएम मोदी को भरोसा दिलाया कि ब्रिटेन कोई भी ऐसा कदम नहीं उठाएगा जिसकी वजह से भारत को परेशानी होगी।
शी जिनपिंग
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और पीएम मोदी की पहली मुलाकात वर्ष 2014 में तब हुई थी जब पीएम बनने के बाद मोदी ब्राजील में ब्रिक्स सम्मेलन में भाग लेने के लिए पहुंचे थे। पहली ही मुलाकात ने पीएम मोदी ने साफ कर दिया था कि भारत सीमा विवाद पर किसी तरह का समझौता नहीं करेगा। इसके बाद पीएम मोदी चीन के दुश्मन जापान के दौरे पर गए और चीन की चिंताओं के बावजूद जापान के प्राइम मिनिस्टर शिंजो एबे से खुलकर मुलाकात की। इसके अलावा वन चाइना पॉलिसी के जवाब में पीएम मोदी ने चीन को साफ कर दिया है कि पहले चीन को वन इंडिया पॉलिसी माननी होगी। चीन की धमकियों के बावजूद दलाई लामा को मोदी सरकार ने अरुणाचल प्रदेश का दौरा करने की इजाजत दी है।