पीएम नरेंद्र मोदी ने आज बीजेपी के संसदीय दल की बैठक में कहा कि इंदिरा गांधी के दौर में भी नोटबंदी का प्रस्ताव आया था लेकिन कांग्रेस चुनाव के डर से इसको लागू करने का हिम्मत नहीं जुटा पाई थी. उस दौर में वरिष्ठ नौकरशाह निरंजन नाथ वांचू कमेटी ने इसे लागू करने की सिफारिश की थी. उसके बाद उस प्रस्ताव को तत्कालीन वित्त मंत्री वाईबी चव्हाण प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के पास लेकर गए लेकिन इंदिरा गांधी ने उनसे कहा, क्या अब कांग्रेस को आगे चुनाव नहीं लड़ना है?
दरअसल कांग्रेस को इस निर्णय के लागू होने की स्थिति में चुनाव में खामियाजा भुगतने का डर था. लिहाजा इंदिरा गांधी ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया और फिर इसे लागू नहीं किया गया.
उल्लेखनीय है कि आठ नवंबर की नोटबंदी की घोषणा के बाद से कांग्रेस लगातार सरकार को इस मोर्चे पर घेर रही है. राहुल गांधी ने तो बाकायदा इसके खिलाफ मुहिम छेड़ रही है. इसी पृष्ठभूमि में पीएम मोदी ने भाषण में यह भी कहा कि कांग्रेस के लिए देश नहीं दल सबसे ऊपर है और इसीलिए वे इस मुद्दे पर राजनीति कर रहे हैं लेकिन भाजपा के लिए देश सबसे ऊपर है. उन्होंने पार्टी के सांसदों से अब शीतकालीन सत्र के बाद अपने निर्वाचन क्षेत्र में जाकर नोटबंदी से देश को होने वाले लाभों के बारे में जनता को बताने को कहा है.