प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी के बीच रविवार को द्विपक्षीय वार्ता हुई, जिसमें व्यापार और निवेश बढ़ाने, युद्ध से जर्जर देश में भारत की पुनर्निर्माण गतिविधियों और दोनों के बीच रक्षा तथा सुरक्षा साझेदारी मजबूत करने सहित अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई.
माना जा रहा है कि दोनों देशों के बीच मालवाहक विमान सेवा के लिए समझौते की बात भी वार्ता के दौरान उठी, जिससे भारत, अफगानिस्तान में पाकिस्तान के मुकाबले कुछ लाभ की स्थिति में आ जाएगा, क्योंकि इस्लामाबाद लगातार उसकी सीमा से ट्रांज़िट संपर्क देने से इंकार कर रहा है.
अमृतसर में शुरू हुए हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन के भाग लेने के लिए अशरफ गनी शनिवार शाम यहां पहुंचे थे. बैठक में मोदी ने अफगानिस्तान में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए भारत का समर्थन जारी रखने का आश्वासन गनी को दिया.
सूचनाओं के अनुसार, अफगानिस्तान ने सैन्य हार्डवेयर आपूर्ति बढ़ाने संबंधी मांग भी भारत से की है. करीब दो साल पहले शुरू हुई नाटो बलों की संख्या में कमी लाने की प्रक्रिया के बाद तालिबान के फिर से सिर उठाने के कारण, अफगानिस्तान उससे लड़ने के लिए अपनी सैन्य शक्ति बढ़ाने के प्रयासों में लगा हुआ है.
सूत्रों ने कहा कि भारत और अफगानिस्तान दोनों ही जितनी जल्दी संभव हो, विमान मालवाहक सेवा समझौता शुरू करने तथा पहले से तय समझौते में विस्तार करने के इच्छुक हैं.