प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि सरकार का काम ईमानदार कर्मचारियों का संरक्षण सुनिश्चित करना होना चाहिए और उन्हें प्रोत्साहित किया जाना चाहिए.
प्रधानमंत्री का बयान इस लिहाज से महत्वपूर्ण माना जा रहा है कि कुछ सेवारत और सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारियों ने संरक्षण की मांग की है जिनका नाम कथित तौर पर कोयला ब्लॉक और स्पेक्ट्रम आवंटन से जुड़े कुछ बड़े घोटालों में आया था.
मोदी ने कहा, ‘यह सच है कि लोग कानूनों से नहीं डरते. सरकार में भी, अगर कर्मचारी को निलंबित किया जाता है तो उसे पता है कि उसे 50 प्रतिशत वेतन मिलेगा. फिर विभागीय जांच होगी जिसे अपने हिसाब से संभाल लिया जाएगा और जांच पूरी होने पर उसे बहाल कर दिया जाएगा और अंतत: सारा बकाया मिल जाएगा.’
उन्होंने कहा, ‘जो ईमानदारी से काम करना चाहता है, उसके लिए इस तरह की प्रणाली समस्या पैदा कर रही है. ऐसे में सरकार का काम ईमानदार लोगों का संरक्षण सुनिश्चित करना है और उन्हें उनका उचित हिस्सा दिलाना है. हमें इस पर जोर देना होगा.’ प्रधानमंत्री ने कहा कि आम लोग और देश के अधिकांश सरकारी कर्मचारी बेइमान नहीं हैं.
मोदी ने कहा, ‘आम आदमी बेइमान नहीं है. आम सरकारी कर्मचारी बेइमान नहीं है. बड़ा वर्ग है जो ईमानदारी के साथ रह रहा है लेकिन कुछ लोग हैं जिनकी वजह से यह धारणा बनती है कि सभी कर्मचारी भ्रष्ट हैं.’ प्रधानमंत्री केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) द्वारा आयोजित सतर्कता जागरुकता सप्ताह के समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे. केंद्रीय कर्मचारियों के विभिन्न संगठन अपने सदस्यों के लिए संरक्षण की मांग करते रहे हैं.