प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और उनकी सरकार द्वारा कोरोना वायरस के संक्रमण से निपटने के लिए अब तक कई ऐसे ठोस कदम उठाए गए हैं। जिस कारण आज हमारा देश कोरोना वायरस की 3rd स्टेज से अब तक दूर है।
जब विश्व के दूसरे देश चीन में कोरोना के बढते संक्रमण को देखने के बावजूद शायद सतर्क नहीं हुए थे लेकिन हमारी सरकार ने इसे अनदेखा ना करते हुए अपनी तैयारी शुरू कर दी थी। ऐसा हम क्यों कह रहे हैं आप भी जाने –
7 जनवरी को चीन में पहला मामला दर्ज किया गया था और 8 जनवरी को भारत में विशेषज्ञों के साथ पहली बैठक आयोजित हुई थी।
17 जनवरी से चीन से आने वाले यात्रियों की स्क्रीनिंग हमारे देश में शुरू की गई थी।
25 जनवरी को प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक हुई।
इसके बाद 29 जनवरी से N95 मास्क और PPE का निर्यात प्रतिबंधित कर दिया गया।
30 जनवरी को भारत में कोरोना का पहला मामला सामने आया और उसी दिन परीक्षण के लिए 6 लैब तय की गई।
31 जनवरी को 6 क्वारंटाइन सेंटर स्थापित किए गए।
1 फरवरी से भारत ने विदेशों में फंसे भारतीयों को लाना शुरू किया।
3 फरवरी: स्थिति से निपटने के लिए मंत्रियों के समूह का गठन किया।
चीन के लिए यात्रा एडवाइजरी जारी की गई।
चीन का ई-वीजा भी निलंबित किया गया।
7 फरवरी: केवल 3 मामलों के बाद ही 1,39,539 लोगों की जाँच की और करीब 7000 लोगों को ट्रैक भी किया गया।
22 फरवरी: सिंगापुर यात्रा के लिए जारी की गई यात्रा सलाह।
24 फरवरी: वियतनाम, नेपाल, इंडोनेशिया और मलेशिया को स्क्रीनिंग सूची में शामिल किया गया
26 फरवरी दक्षिण कोरिया, ईरान और इटली की यात्रा से बचने के लिए एडवाइजरी जारी की।
3 मार्च सिर्फ 6 मामलों की पुष्टि के बाद से ही यूनिवर्सल स्क्रीनिंग शुरू की गई।
4 मार्च: पीएम मोदी ने होली न मनाने का निर्णय लिया और देशवासियों से भी होली मिलन समारोह आयोजित न करने की अपील की।
7 मार्च: पीएम मोदी ने स्थिति की समीक्षा करते हुए क्वारंटाइन के नए दिशा-निर्देश और यात्रा प्रतिबंध जारी किये गए।
12 मार्च: अब तक देश में 100 से कम कोरोना संक्रमण के मामले दर्ज हो चुके थे।
- पीएम मोदी ने ट्वीट कर जनता से ‘ना घबराने और सावधानी बरतने’ की अपील करते हुए ट्वीट भी किये।
- इसी दिन अधिकांश वीजा और 15 अप्रैल तक सभी मुफ्त वीज़ा यात्राएं बंद की गई थी।
14 मार्च: देश में 52 लैब परीक्षण के लिए तैयार की गई।
18 मार्च: देश में लगभग 175 कोरोना पॉजिटिव पाए गए, तभी से क्वारंटाइन को भी अनिवार्य किया गया।
19 मार्च: 200 से काम कोरोना के मामले होने के बावजूद प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए ‘जनता कर्फ्यू’ की घोषणा की और इस आपदा की घड़ी में कोरोना से लड़ाई लड़ने वाले सभी कर्मवीरों का ताली, थाली या घंटी बजाकर अभिवादन करने की अपील की।
सभी अंतराष्ट्रीय उड़ाने 22 मार्च से बंद करने की घोषणा के साथ ही इकोनॉमिक टास्क फाॅर्स की स्थापना की गई।
21 मार्च: 75 जिलों में लॉकडाउन लगाया गया।
22 मार्च: सभी ट्रेनें, मेट्रो अंतराष्ट्रीय सेवाएं बंद की गई।
सरकार तब तक 50 हजार टेस्ट प्रति सप्ताह करने में सक्षम हो चुकी थी।
23 मार्च: अब तह संक्रमित लोगों का आंकड़ा लगभग 500 तक पहुँच गया था, लेकिन सुरक्षा के मद्देनज़र घरेलू उड़ानों को बंद कर दिया गया था।
24 मार्च: प्रधानमंत्री मोदी ने पुनः देश की जनता को संबोधित करते हुए 21 दिन के देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की। उन्होंने अपने संबोधन में साफ़ साफ़ कहा कि ‘लॉक डाउन का देश की आर्थिक स्थिति पर बुरा असर पड़ेगा लेकिन देश की जनता की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लेना ही होगा’. पीएम ने आगे कहा कि ‘जान है तो जहान है’
साथ ही सरकार ने GST एवं अन्य सेवाओं पर राहत भरी घोषणाएं भी की।
26 मार्च: अब तक देश में कोरोना से संक्रमित लोगों की संख्या लगभग 650 तक पहुँच गई थी, इसी दिन सरकार ने 1.7 लाख करोड़ के गरीब कल्याण पैकेज की घोषणा की।
27 मार्च: RBI ने सभी लोन की किश्तों और वर्किंग कैपिटल पर ब्याज के भुगतान पर 3 महीने की राहत दी।
28 मार्च: देश की जनता के आग्रह पर दूरदर्शन चैनल पर ‘रामायण’ और ‘महाभारत’ का पुनः प्रसारण शुरू किया गया। यह भी एक सराहनीय पहल है क्योंकि यह वो सीरियल हैं जिन्हें पुनः देखने का मौका हमें शायद कभी नहीं मिलता।
इसी दिन प्रधानमंत्री जी ने देश की जनता से PM-CARES Fund में ज्यादा से ज्यादा सहयोग करने की अपील कि ताकि आपदा प्रबंधन क्षमताओं को मजबूत किया जा सके।
29 मार्च: माह के अंतिम रविवार को होने वाले ‘मन की बात’ कार्यक्रम के माध्यम से प्रधानमंत्री जी ने पुनः देश की जनता से संवाद किया और पुनः जनता से सोशल डिस्टैन्सिंग का गंभीरता से पालन करने और घर से बाहर ना निकलने की अपील की।
30 मार्च: पीएम मोदी ने सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से कोरोनो वायरस से लड़ने, जागरूकता फैलाने, गरीबों को भोजन कराने और उनके सक्रिय प्रयास की प्रशंसा की।
30 मार्च: प्रधानमंत्री जी ने ट्वीट कर कहा “कोरोना से लड़ने के लिए हर क्षेत्र के लोग सहयोग के लिए आगे आ रहे हैं। देश की यही वो सामूहिक ताकत है, जो इस लड़ाई में जीत दिलाएगी।”
केंद्र की मोदी सरकार की सुझबुझ और हमारे देश के देवदूत कर्मवीरों की सेवाभावी स्वाभाव के कारण ही आज हमारा देश कोरोना के महासंकट से डटकर मुकाबला कर रहा है।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के आह्वान पर पूरा देश कोरोना के खिलाफ एकजुट है। इस लड़ाई में कोरोना वॉरियर्स अग्रिम पंक्ति में खड़े हैं। उनके योगदान, साहस और सेवा के लिए हम उन्हें हृदय से अभिनंदन करतें हैं।
आप भी देश के साथ आएं, कोरोना को हराने में अपने प्रधान सेवक का साथ दें।
घर पर रहें, सुरक्षित रहें