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Pakistan chunav me pm narendra modi ke naam par vote maang rahe hai pak neta

पाकिस्तान के चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर वोट मांग रहे पाक नेता

भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी विश्व की राजनीति में ऐसे आइकन बन गये हैं कि दोस्त तो दोस्त, दुश्मन भी उनके नाम का सहारा ले रहा है। पाकिस्तान में आगामी 25 जुलाई को होने वाले चुनाव में बिजली, पानी, सड़क, आतंकवाद या गरीबी… जैसे मुद्दे बिल्कुल नहीं है, साथ ही कश्मीर भी किसी भी पार्टी के घोषणा-पत्र का एजेंडे में नहीं है। दरअसल भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदर दास मोदी पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में हो रहे आम चुनावों में सबसे बड़ा मुद्दा बने हुए हैं।

स्वभावगत समस्या के चलते वहां की हर बड़ी-छोटी पार्टी भारतीय पीएम नरेंद्र मोदी को ही कोस रही है। पाकिस्तान में सभी राजनीतिक दलों को मोदी से ही शिकायत है। कोई कह रहा है कि मोदी की सधी हुई विदेश नीति ने पाकिस्तान को वैश्विक मंच पर अलग-थलग कर दिया तो किसी की शिकायत है कि एक अकेला मोदी देखो भारत को कहां पहुंचा रहा है और हमारे यहां लोग अपनी जेबें भरने में जुटे हुए हैं।

हाफिज सईद, इमरान खान की हर रैली में होता है मोदी का जिक्र

जमात-उद-दावा और लश्कर-ए-तैयबा प्रमुख हाफिज सईद और इसके संगठन को संयुक्त राष्ट्र ने आतंकी संगठनों की सूची में डाल रखा है। पाकिस्तान चुनाव में मिल्ली मुस्लिम लीग पार्टी बनाकर उम्मीदवारों को उतार चुका है। हाफिज सईद खुद तो चुनाव नहीं लड़ रहा है लेकिन अपनी पार्टी के उम्मीदवारों के समर्थन में रैलियां और सभाएं कर पीएम मोदी को कोस कर वोट मांग रहा है। भीड़ को संबोधित करते हुए हाफिज सईद पाकिस्तानी जनता को बता रहा है कि मोदी सरकार कश्मीर में नदियों पर बांध बनाकर पाकिस्तान का पानी रोक रही है। वह पाकिस्तानी अवाम से अपील कर रहा है कि उन लोगों को वोट दो जो पाकिस्तानी नदियों पर भारत को बांध बनाने से रोक सकें।

मोदी के पास न मकान न ही किसी दूसरे देश में बैंक खाता- इमरान खान

पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के मुखिया इमरान खान चुनावी भाषणों में कह रहे हैं कि पाकिस्तान के नेता जहां लगातार भ्रष्टाचार तथा देश का धन दूसरे देशों में ले जाने में लगे हुए है, वही भारत के प्रधानमंत्री ऐसे नेता हैं जो एक राज्य का 14 वर्षों तक मुख्यमंत्री और देश का प्रधानमंत्री बनने के बाद भी उनके पास न कोई मकान नहीं है और न ही किसी देश में उनका बैंक खाता है।

इमरान पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ पर पनामा भ्रष्टाचार के आरोपों का उल्लेख करते हुए कहते है कि यह नेता अपने देश का धन दूसरे देशों में ले जा रहे हैं। इन नेताओं ने अपनी पूंजी बढ़ाने के लिए अवाम के लिए कोई काम नही किया जिससे देश काफी पिछड़ गया है। इसके साथ ही नवाज शरीफ की पार्टी, भुट्टो परिवार तथा आतंकी सरगना हाफिज सईद, इमरान खान लगभग सभी राजनीतिक दल किसी न किसी बहाने चुनावी सभाओं में मोदी के नाम का सहारा ले रहे हैं।

वैसे तो पाकिस्तानी चुनाव में भारत विरोध हमेशा एक बड़ा मुद्दा रहा है लेकिन ऐसा पहली बार हो रहा है जब भारत विरोध से ज्यादा पाकिस्तान में मोदी विरोध के नाम पर नेता वोट मांग रहे हैं। पाकिस्तानी चुनाव से पहले विश्व के सबसे ताकतवर देश अमरीका, जापान, फ्रांस, आस्ट्रेलिया आदि देशों के चुनाव में भी मोदी की नीतियों तथा चुनावी भाषणों का प्रयोग किया गया था।

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मोदी सरकार ने दिया किसानों को तोहफा, MSP में की डेढ़ गुना वृद्धि

आगामी लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार ने किसानों को बड़ा तोहफा दिया है। सूत्रों के मुताबिक, खरीफ फसलों की लागत पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) डेढ़ गुना से ज्यादा बढ़ाने पर कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। इस फैसले से किसानों को उनकी लागत का 50 फीसदी ज्यादा एमएसपी मिलेगा। कैबिनेट की बैठक में धान, दाल, सोयाबीन, मूंगफली और मक्का जैसे खरीफ फसलों पर एमएसपी को मंजूरी दी गई। हालांकि, अभी इसके लिए क्या फॉर्मूला होगा इसका खुलासा नहीं हुआ है। कैबिनेट के फैसले पर 1:30 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस की जाएगी।

धान पर बढ़ाया गया 200 रुपए MSP

धान के लिए डेढ़ गुना से ज्यादा न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को मंजूरी दी गई है। धान के MSP पर 200रुपए/क्विंटल का इजाफा किया गया है। धान पर लागत के मुकाबले 200 रुपए की बढ़तोरी की गई है। धान पर अभी तक न्यूनतम समर्थन मूल्य 1550 रुपए प्रति क्विंटल था।

किस पर कितना बढ़ाया गया मस्प

  • कॉटन (मीडियम स्टेपल) के एमएसपी में 1130/क्विंटल की बढ़ोतरी
  • कॉटन (लॉन्ग स्टेपल) के एमएसपी में 1130/क्विंटल की बढ़ोतरी
  • बाजरे के एमएसपी में 525 रुपए/क्विंटल की बढ़ोतरी
  • मूगं के एमएसपी में 1400 रुपए/क्विंटल की बढ़ोतरी
  • मक्के के एमएसपी 275 रुपए/क्विंटल की बढ़ोतरी
  • मूंगफली के एमएसपी में 440 रुपए/क्विंटल की बढ़ोतरी
  • सोयाबीन के एमएमसी में 349 रुपए/क्विंटल की बढ़ोतरी
  • उड़द के एमएसपी में 200 रुपए/क्विंटल की बढ़ोतरी
  • तुअर के एमएसपी में 225 रुपए/क्विंटल की बढ़ोतरी
  • रागी के एमएसपी में 997 रुपए/क्विंटल की बढ़ोतरी
  • सूरजमुखी का एमएसपी में 1288 रुपए/क्विंटल की बढ़ोतरी

पहले के मुकाबले अब कितना MSP

  • धान का एमएसपी 1550 रुपए से बढ़ाकर 1,750 रुपए/क्विंटल
  • धान (ग्रेड ए) का एमएसपी 1,590 रुपए से बढ़ाकर 1,750 रुपए/क्विंटल
  • कॉटन (मीडियम स्टेपल) का एमएसपी 4020 रुपए से बढ़ाकर 5150 रुपए/क्विंटल
  • कॉटन (लॉन्ग स्टेपल) का एमएसपी 4320 रुपए से बढ़ाकर 5450 रुपए/क्विंटल
  • तुअर का एमएसपी 5450 रुपए से बढ़ाकर 5675 रुपए/क्विंटल
  • मूंग का एमएसपी 5,575 रुपए से बढ़ाकर 6,975 रुपए/क्विंटल
  • उड़द का एमएसपी 5,400 रुपए से बढ़ाकर 5,600 रुपए/क्विंटल

खाद्य सब्सिडी बिल में होगी वृद्धि

2016-17 के (अक्टूबर-सितंबर) की खरीद आंकड़े के हिसाब से धान का MSP बढ़ने से खाद्य सब्सिडी बिल में 11000 करोड़ रुपए की वृद्धि होगी। आपको बता दें, खाद्यान्न की खरीद और वितरण के लिए सरकार की नोडल एजेंसी भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) किसानों से एमएसपी पर गेहूं और चावल खरीदती है और खाद्य सुरक्षा कानून के तहत अनाज की आपूर्ति करती है।

इस फॉर्मूले से तय होगी MSP

जानकारों के मुताबिक, सरकार ए2+एफएल फॉर्मूला को अपनाने का प्रस्ताव लेकर आई है। ए2+एफएल फॉर्मूले के तहत फसल की बुआई पर होने वाले कुल खर्च और परिवार के सदस्यों की मजदूरी शामिल होगी। फिलहाल, बाजरा, उड़द, अरहर जैसे कुछ फसलो के लिए ये फॉर्मूला लागू है।

जमीन की कीमत नहीं होगी शामिल?

फसल की पैदावार लागत में सभी तरह के खर्चे शामिल किए जाएंगे। इनमें बीज, खाद, कीटनाशक, मजदूरी, मशीन आदि को शामिल किया जा सकता है। उसी आधार पर एमएसपी तय किया जाएगा। हालांकि, किसान की लागत में जमीन की कीमत शामिल नहीं होगी, जिसकी सिफारिश स्वामीनाथन आयोग ने की थी।