भारतीय सेना का इतिहास स्वर्णिम और गौरवशाली रहा है। भारतीय जवानों के शौर्य, पराक्रम, साहस एवं बलिदान की गाथा सदियों से सुनाई जाती रही हैं।शौर्य और साहस के अलावा भारतीय सेना सैन्य धर्म एवं चरित्रगत आचरण के लिए भी दुनिया भर में प्रसिद्ध है।
“बारहवीं शताब्दी से लेकर वर्तमान की इक्कीसवीं सदी तक तक, चाहे वह पृथ्वीराज चौहान, राणा साँगा, राजा पोरस, शिवाजी या महाराणा प्रताप के नेतृत्व में लड़ी हो या फिर प्रथम और द्वितीय विश्वयुद्ध में ब्रिटिश सेना के झंडे के नीचे या स्वतंत्र भारत में चीन और पाकिस्तान के साथ का लड़ा गया युद्ध हो, सभी का इतिहास सैन्य दृष्टिकोण से गौरवपूर्ण और उज्ज्वल रहा है।
Image Source=”warfarehistorynetwork
पूर्व सरकारों के समय सैन्य स्थिति
आजादी के बाद जब हमारा देश भारत और पाकिस्तान में बंट गया तब ब्रिटिश भारतीय सेना भी दो हिस्सों में बटी। जहाँ पाकिस्तानी सेना निरंकुश हो कर कई बार तख्ता पलट के जरिये पाकिस्तान की सत्ता को अपने हाँथ में ले लिया वहीं भारतीय सेना हमेशा अनुशासित रही और चाहे कैसा भी मौका आया हो कभी अपने देश की लोकतंत्र पर दाग नहीं लगाया।
Image Source=”intoday”
भारतीय सेना हमेशा भारतीय लोकतान्त्रिक सरकारों के कहे पर हीं चलती रही जबकि कई बार लोकतान्त्रिक सरकारों ने अपने राजनितिक फायदे के लिए भी सैन्य इस्तेमाल किये। वैश्विक दवाबों के कारण कई बार हमारी सेना को सरकार अपने मन मुताबिक़ सरहदों की निगहबानी करने की भी खुली छूट नहीं देती थी।
पिछली सरकार के दौरान ऐसे कई वाकये हुए जब सेना को सरकार की इक्षाशक्ति की कमी के कारण मन मार कर बैठ जाना पड़ा। ऐसा हीं एक वाक्या है शहीद हेमराज का, सीमा सुरक्षा बल के जवान हेमराज जब सरहद पे गस्त कर रहे थे तब पाकिस्तानी सेना ने उन पर गोलियां चला दी और उनका सर पाकिस्तान ले के चले गए। इस घिनौने वाकये के बाद भी भारतीय सेना कोई कार्यवाई नहीं कर पाई क्यूंकि तब की सरकार ने उनके हाँथ बाँध रखे थे।
उन्ही दिनों जनरल वी के सिंह के जन्म-तिथि का मुद्दा भी बहुत तूल पकड़ा जिसमे सरकार और सेना प्रमुख के बीच ठन गई थी। मामला कोर्ट तक पहुंचा और सरकार की बहुत किरकिरी हुई।
मोदी सरकार ने दी सेना को खुली छूट
2014 में नरेंद्र मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद से हीं भारतीय सेना में एक स्फूर्ति देखी गई। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि मोदी जी ने कई बार खुले मंच से भारतीय सेना को अपने मुताबिक़ काम करने की खुली छूट दी। रक्षा बजट में बढ़ोतरी कर के जहाँ मोदी सरकार ने सेना को अत्याधुनिक बनाया वहीँ सैन्य सुविधाओं पर भी बहुत जोर दिया।
Image Source=”defenceupdate”
जहाँ बाकी सरकारें सेना का अपने राजनितिक फायदों के लिए इस्तेमाल करते थे वहीं मोदी जी प्रधानमंत्री बनने के बाद से अपनी हर दीवाली सरहद पर सैनिकों के साथ मानते हैं। मोदी जी द्वारा की जाने वाली ये सारे कार्य कहीं ना कहीं सैनिकों के जोश में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करते हैं।
पाकिस्तान पे किया गया सर्जिकल स्ट्राइक
Image Source=”rediff”
मोदी जी द्वारा सेना को दिए जाने वाले महत्व का हीं एक नतीजा था भारतीय सैनिकों के द्वारा पाकिस्तान की धरती पे घुस के किया गया एक सफल हमला जिसे सर्जिकल स्ट्राइक के नाम से जाना गया।
पठानकोट के बाद उरी बेस कैम्प पे हुए आतंकी हमले ने कई सैनिकों की जान ले ली थी और सैनिकों के साथ साथ पुरे देश में पकिस्तान के प्रति गुसा था, इस गुस्से को सरकार ने जाया नहीं होने दिया और आजाद भारत में पहली बार सेना को सरहद पार कर के दुश्मनों पर हमला करने का आदेश दे दिया। भारतीय सैनिकों ने कुछ दिन का वक़्त ले कर एक फुलप्रूफ प्लान बना कर पाकिस्तानी सीमा से सटे आतंकी बेसकैम्प पर आधीरात को औचक हमला कर दिया और करीब दर्जन भर बेसकैम्प को नेस्तोनाबूत कर दिया।
सबसे बड़ी बात ये रही की इस हमले को भारत सरकार ने छुपाने के बजाये विश्व को बताया की हमारे सीमा में घुसपैठ के आकांछी आतंकियों को हमने पाकिस्तानी सिमा के अंदर घुस कर मारा है। विश्व समुदाय ने इस कृत्य पर भारत की प्रसंशा की और पकिस्तान को उनके आतंकियों से सांठ गाँठ पर खरी खोटी सुनाई।
इस घटना के बाद भी भारतीय सेना ने 2 बार और पाकिस्तानी सीमा में घुस कर इसी तरह की कार्यवाई की और आतंकियों को मार गिराए। हर बार पाकिस्तान ने ऐसे किसी भी हमले से इंकार किया पर पाकिस्तान ऐसा कबूल कर के अपने देशवासियों की नजर में हारा हुआ भी नहीं दिखना चाहता था, इसीलिए ऐसा करने पर वो मजबूर था।
भविष्य की सम्भावनाये
Image Source=”indiandhamal”
भारतीय सेना वर्तमान में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी सेना है, भारतीय सेना हर तरह के युद्ध के लिए हमेशा तैयार है। यही आक्रामकता कई मौकों पर दुश्मन पडोसी देशों पाकिस्तान और चीन को भी पीछे हटने पर मजबूर कर देते हैं। पाकिस्तान जहाँ सर्जिकल स्ट्राइक के बाद सम्हल सम्हल कर अपने पत्ते खोल रहा है वहीं चीन भी हाल हीं में डोकलाम विवाद से अपने कदम पीछे हटाने पर मजबूर हो गया है।
भविष्य में भारतीय सेना और ज्यादा शक्तिसम्पन्न होने वाली है, बढ़ता रक्षा बजट बताता है की दुश्मन देशों से घिरे हमारे देश को हमारी सुरक्षा सुनिश्चित करना प्राथमिकताओं में सबसे ऊपर आता है।