Monthly Archives: January 2018

इजरायल के साथ हमारा सहयोग विविधताओं से भरा है, दोनों देशों को मिल रहा है इसका लाभ: प्रधानमंत्री मोदी

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी और इजराइल के प्रधानमंत्री श्री बेन्‍यामिन नेतन्‍याहू ने आज गुजरात के साबरकंथा जिले में वडराड स्थित सब्‍जी उत्‍कृष्‍टता केन्‍द्र का दौरा किया।

Indo Israel cooperation in agriculture

इस अवसर पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी और इजराइल के प्रधानमंत्री श्री बेन्‍यामिन नेतन्‍याहू को इस केन्‍द्र की विभिन्‍न उपलब्धियों से अवगत कराया गया। प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी और इजराइल के प्रधानमंत्री श्री बेन्‍यामिन नेतन्‍याहू ने वीडियो लिंक के जरिए कच्‍छ जिले के कुकामा स्थित खजूर उत्‍कृष्‍टता केन्‍द्र का भी उद्घाटन किया। उन्‍होंने कच्‍छ जिले के किसानों के साथ संवाद किया।

इस अवसर पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने कहा कि इजराइल ने पूरी दुनिया को वह मार्ग दिखाया है कि आखिरकार कृषि क्षेत्र की प्रधानता वाले किसी देश में आमूलचूल बदलाव कैसे लाया जा सकता है। उन्‍होंने कहा कि कृषि क्षेत्र में प्रौद्योगिकी का इस्‍तेमाल करना अत्‍यंत आवश्‍यक है। उन्‍होंने यह बात भी रेखांकित की कि भारत वर्ष 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करने की दिशा में किस तरह से अभिनव कदम उठा रहा है। उन्‍होंने कहा कि सिंचाई के साथ-साथ खेती-बाड़ी के अभिनव तौर-तरीकों पर ध्यान देना अत्‍यंत आवश्‍यक है।

 

pm narendra modi ne israel pm benjamin netanyahu ki gujarat me agawani ki

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी गुजरात में इजराइल प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्‍याहू की अगवानी करेंगे

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी जी गुजरात दौरे के दौरान इजराइल प्रधानमंत्री श्री बेंजामिन नेतन्‍याहू और श्रीमती सारा नेतन्‍याहू की अगवानी करेंगे।

अहमदाबाद शहर एक स्‍वागत समारोह में श्रीमती और श्री नेतन्‍याहू का अभिवादन करेगा। श्रीमती और श्री नेतन्‍याहू अहमदाबाद हवाई अड्डे से साबरमती आश्रम के लिए रवाना हो जाएंगे। वे साबरमती आश्रम में महात्‍मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे।

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी और प्रधानमंत्री नेतन्‍याहू अहमदाबाद स्थित देव धोलेरा गांव में आईक्रिएट सेंटर का उद्घाटन करेंगे। वे एक स्‍टार्टअप प्रदर्शनी देखने जाएंगे और वहां अन्‍वेषकों (इनोवेटर) एवं विभिन्‍न स्‍टार्टअप के सीईओ के साथ संवाद करेंगे। दोनों प्रधानमंत्री एक वीडियो लिंक के जरिए बानसकंथा जिले के सुईगम तालुका को एक मोबाइल जल अलवणीकरण वैन समर्पित करेंगे। दोनों ही प्रधानमंत्री उपस्थित जन सभा को संबोधित भी करेंगे।

प्रधानमंत्री नेतन्‍याहू और प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी बानसकंथा जिले में स्थित वडराड में सब्‍जी उत्‍कृष्‍टता केन्‍द्र का भी दौरा करेंगे। उन्‍हें इस केन्‍द्र की कार्य योजना से अवगत कराया जाएगा। दोनों प्रधानमंत्री एक वीडियो लिंक के जरिए भुज जिले के कुकामा स्थित खजूर उत्‍कृष्‍टता केन्‍द्र का उद्घाटन करेंगे। दोनों प्रधानमंत्री किसानों के साथ भी संवाद करेंगे। प्रधानमंत्री नेतन्‍याहू बाद में मुम्‍बई के लिए प्रस्‍थान कर जाएंगे।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक करिश्माई नेता: प्रधानमंत्री नेतन्याहू

इजरायल प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अपनी जबरदस्त आगवानी के लिए आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया। उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी को एक ‘करिश्माई नेता’ बताया और कहा कि उन्होंने इजरायल और भारत के बीच संबंधों में क्रांतिकारी बदलाव लाने का काम किया है।

प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा,

“आप एक करिश्माई नेता हैं। आपने भारत में क्रांति ला दी है और इसे नए भविष्य की ओर लेकर जा रहे हैं। आपने इजरायल और भारत के बीच संबंधों में क्रांति ला दी है।”

इजरायल के प्रधानमंत्री ने पिछले वर्ष जुलाई 2017 में प्रधानमंत्री मोदी के इजरायल दौरे को ‘ग्राउंड ब्रेकिंग’ बताया और कहा कि दोनों देशों के बीच 25 वर्ष से अधिक के राजनयिक संबंध है, लेकिन पीएम मोदी के नेतृत्व में कुछ अलग हो रहा है। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी की ईमानदारी, जुनून, विजन और प्रतिबद्धता की सराहना की।

योग के बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा,

“मेरे दोस्त नरेंद्र, अगर आप कभी भी मेरे साथ योग की क्लास करना चाहे तो आपका स्वागत है।”

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी राजस्थान के बाड़मेर में रिफाइनरी शुभारंभ के कार्यक्रम में भाग लेंगे

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 16 जनवरी,2018 को राजस्थान के बाड़मेर में पचपदरा में राजस्थान रिफाइनरी के कार्य शुभांरभ के अवसर पर आयोजित समारोह में भाग लेंगे।

राजस्थान के पास प्रचुर मात्रा में तेल और गैस का भंडार है। राजस्थान रिफाइनरी राज्य की पहली रिफाइनरी होगी। इसका निर्माण 9 एमएमटीपीए के रिफाइनरी और पेट्रोकेमिकल परिसर के रूप में किया गया है। इस रिफाइनरी के उत्पाद भारत स्टेज-6 उत्सर्जन मानको के अनुरूप होंगे। परियोजना की अनुमानित लागत 43 हजार करोड़ रूपए है और यह हिंदुस्तान पेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड(एचपीसीएल) और राजस्थान सरकार का संयुक्त उपक्रम है।

राजस्थान रिफाइनरी के कार्य शुभारंभ समारोह में राजस्थान के राज्यपाल और मुख्यमंत्री एवं कई केंद्रीय मंत्रियो के भाग लेने की आशा है।

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भारत के हर नागरिक का हमारी सेना में अटूट विश्वास: प्रधानमंत्री मोदी

आर्मी डे पर सैनिकों, पूर्व सैनिकों और उनके परिवार वालों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी बधाई देते हुए कहा कि

“भारत के हर नागरिक को हमारी सेना पर अटूट विश्वास है, जो राष्ट्र की सुरक्षा में सदैव तत्पर रहती है और इसके साथ ही ये भी नहीं भूला जा सकता कि जवान आपदा के समय लोगों को बचाने में अहम भूमिका निभाते हैं।”

राष्ट्र की सेवा करते समय अपने जीवन का बलिदान देने वाले बहादुर व्यक्तियों को सलाम करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारी सेना ने हमेशा देश को सर्वोपरि रखा है और भारत उनके बलिदान को कभी नहीं भूलेगा।

kya 60 year purani aarakshan vyavastha ki sameeksha ka waqt aa gaya hai

क्या 60 साल पुरानी आरक्षण व्यवस्था की समीक्षा का वक्त आ गया है?

आज़ादी के वक़्त हमारे देश में दलितों की स्थिति बहुत हीं दयनीय थी। इसी वजह से संविधान बनाने वालों ने बहुत सोच विचार के बाद संविधान में आरक्षण की व्यवस्था दी। साल 1950 में संविधान पारित होते हीं वंचित वर्गों को आरक्षण की सुविधाएँ मिलने लगी। आरक्षण देने के पीछे की मुख्य वजह ये थी की देश के संसाधनों, अवसरों और शासन प्रणाली पर समाज के हर वर्ग की सहभागिता सुनिश्चित हो।

स्वर्गीय लाल बहादुर शास्त्री जी ने एक बार कहा था की “किसी भी व्यक्ति को अछूत कहा जाता है तो भारत देश को अपना सर झुकना पड़ेगा” । असल में इस आरक्षण की व्यवस्था के माध्यम से सोचा गया था की किसी विशेष जाती, धर्म, लिंग, भाषा और क्षेत्र के आधार पर किये जाने वाले सामाजिक भेदभाव से पीड़ित लोगों को आगे लाया जायेगा और अवसर प्रदान करवाया जाएगा। पर मौजूदा वक़्त में देश में चल रहे आरक्षण व्यवस्था को सही भी नहीं ठहराया जा सकता है। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण है राजनेताओं के लिए आरक्षण आज सिर्फ एक वोट बैंक को साधने का एक उपकरण बन कर रह गया है। जो वंचित वर्ग है उसमे आज भी लोगों के पास आरक्षण की सुबिधायें नहीं मिल पाई है।

Late B R Ambedkar

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जब हमें आज़ादी मिली उसी समय से हमारे देश में अनुसूचित जातियों और जनजातियों के लिए सरकारी नौकरियों और शिक्षा में भी आरक्षण लागू है। मंडल आयोग के सुझावों के लागू होने के बाद साल 1993 में अन्य पिछड़े वर्ग को भी नौकरियों में आरक्षण मिलने लगी। वहीं साल 2006 के बाद तत्कालीन केंद्र सरकार ने देश भर के शिक्षण संस्थानों में अन्य पिछड़े वर्ग के लिए आरक्षण की व्यवस्था लागू कर दिया। पिछले दो तीन दशकों में लिए गए निर्णयों से आरक्षण की सुविधाएं अब एक ज्यादा बड़े वर्ग को मिलने लगा है, पर आखिर इन तमाम आरक्षण व्यवस्थाओं से क्या परिणाम निकला है !

अनुसूचित जातियों और जनजातियों को करीब 6 दशक से आरक्षण की सुविधा मिल रही है, मॉडल आयोग के सुझावों को भी लागू हुए अब ढाई दशक बीत गए हैं पर क्या इससे सच में किसी वंचित वर्ग को फायदा हो भी रहा है या फिर इस आरक्षित वर्ग से आने वाले कुछ लोग हीं पीढ़ी दर पीढ़ी इनके लाभ उठाते आ रहे हैं ?

सत्ता की आकांक्षा और वोट बैंक की चिंता में कोई भी सरकार कभी भी आरक्षण की समीक्षा की बात नहीं करती। जबकि संविधान निर्माता भीम राव आंबेडकर ने खुद कहा था की एक दशक के बाद आरक्षण के प्रावधानों की समीक्षा की जाए और उसमे उस समय के अनुसार बदलाव भी किये जाए। पर इन बातों को कोई भी राष्ट्रिय मंचों पर उठा नहीं पाता क्योंकि इससे उसके वोट बैंक के खिसकने का डर होता है।

मंडल आयोग के सुझावों पर लागू किये गए अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण की समीक्षा तो नामुमकिन हीं है, क्योंकि इस वर्ग से सम्बंधित कोई आंकड़ा मौजूद हीं नहीं है। सही आंकड़ों के नहीं होने के कारण आरक्षण के प्रभावों का कोई सही सही अनुमान नहीं लग सकता। इन आंकड़ों के आभाव में देश के अलग अलग संसाधनों, अवसरों और सरकारी विभागों में किस जाती का कितना हिस्सा है पता नहीं लगाया जा सकता है।

104वे संविधान संशोधन से सरकार ने देश भर के सरकारी विद्यालय और निजी शिक्षण संस्थानों में अनुसूचित जाती और जनजाति तथा अन्य पिछड़े वर्ग के परीक्षार्थियों को आरक्षण की सुविधा दी । सरकार के इस निर्णय का कुछ तबकों ने विरोध कुछ ने समर्थन किया। असल में निजी क्षेत्रों में आरक्षण लागू कर पाना एक टेढ़ी खीर है, निजी क्षेत्र के शिक्षण संस्थानों का मकसद मुख्यतः लाभ कमाना होता है, वो अपने मुनाफे से समझौता नहीं कर सकते।

पिछले कई सालों से आरक्षण का नाम लेकर देश में राजनितिक आकांक्षाएं पूरी की जा रही है, अब तो स्थितियां और खराब हो रही हैं। हर कुछ महीने में कोई ना कोई जातीय वर्ग खुद के लिए आरक्षण की मांग करता है और अपने मांग के समर्थन में हिंसक आंदोलन भी करता है जिससे देश की सार्वजनिक संपत्ति आमलोगों की जानमाल की हानि होती है। देश भर में ऐसे आंदोलनों से अराजकता और अस्थिरता की स्थिति उत्पन्न हो जाती है।

पिछले कुछ सालों में कई वर्गों ऐसे आंदोलन किये हैं। गुजरात में पटेल आरक्षण आंदोलन, हरियाणा जाट आरक्षण आंदोलन जैसे वाकये देश को अस्थिर बना देते हैं। विपक्षी दल ऐसे आन्दोलनों को अपने राजनैतिक लाभ के लिए और बढ़ावा देते हैं जिससे इन आन्दोलनों का स्वरुप और ज्यादा व्यापक हो जाता है।

अब राजनितिक हलकों में कई नेता अगड़ी जातियों को भी आरक्षण के प्रावधान के अंदर लाने के मुद्दे उठा रहे हैं। इसके पक्ष में उनका तर्क है की गरीवी जाती देख कर नहीं आती तो फिर आरक्षण जाती देख के क्यों दी जाती है।

बहरहाल आर्थिक और सामाजिक पिछड़ेपन को आधार मान कर निचले तबके के नागरिकों के उत्थान के लिए उन्हें आरक्षण का प्रावधान देना न्यायोचित है, पर जाती या धर्म को आधार मान कर आरक्षण देना किसी भी परिस्थिति में न्यायोचित नहीं जान पड़ता है। इस तरह की आरक्षण व्यवस्था से जहाँ एक तरफ समाज में मतभेद उत्पन्न हो जाते हैं वहीं दूसरी तरफ अपने पुरे जीवनकाल में हर कदम पे आरक्षण की वैसाखी अपना कर आरक्षित व्यक्ति हमेशा हीं अपंग सा महसूस करता है।

2015 में हुए बिहार विधान सभा चुनावों के वक़्त राष्ट्रीय स्वयंसेवक संग के सरसंघचालक मोहन भागवत ने कहा था की “आरक्षण के प्रावधानों की फिर से समीक्षा होनी चाहिए”। उनके इस बयान को विपक्ष ने मुद्दा बना कर चुनाव जीत लिया पर किसी ने मोहन भागवत जी की बात पर ध्यान नहीं दिया। जबकि उनकी बात पे चर्चा जरुरी है आरक्षण की 60 साल से भी ज्यादा पुरानी व्यवस्था की समीक्षा जरुरी है। इसी समीक्षा से हम जान पाएंगे की इस व्यवस्था से हमने उन लक्ष्यों को पाया भी है की नहीं जिन लक्ष्यों का निर्धारण आरक्षण लागू करने से पहले किया गया था।

pm narendra modi ke aane se indian army kitni hui majboot

मोदी के आने से भारतीय सेना कितनी हुई मजबूत

भारतीय सेना का इतिहास स्वर्णिम और गौरवशाली रहा है। भारतीय जवानों के शौर्य, पराक्रम, साहस एवं बलिदान की गाथा सदियों से सुनाई जाती रही हैं।शौर्य और साहस के अलावा भारतीय सेना सैन्य धर्म एवं चरित्रगत आचरण के लिए भी दुनिया भर में प्रसिद्ध है।

“बारहवीं शताब्दी से लेकर वर्तमान की इक्कीसवीं सदी तक तक, चाहे वह पृथ्वीराज चौहान, राणा साँगा, राजा पोरस, शिवाजी या महाराणा प्रताप के नेतृत्व में लड़ी हो या फिर प्रथम और द्वितीय विश्‍वयुद्ध में ब्रिटिश सेना के झंडे के नीचे या स्वतंत्र भारत में चीन और पाकिस्तान के साथ का लड़ा गया युद्ध हो, सभी का इतिहास सैन्य दृष्‍टिकोण से गौरवपूर्ण और उज्ज्वल रहा है।

Story of Courage and Sacrifice

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पूर्व सरकारों के समय सैन्य स्थिति

आजादी के बाद जब हमारा देश भारत और पाकिस्तान में बंट गया तब ब्रिटिश भारतीय सेना भी दो हिस्सों में बटी। जहाँ पाकिस्तानी सेना निरंकुश हो कर कई बार तख्ता पलट के जरिये पाकिस्तान की सत्ता को अपने हाँथ में ले लिया वहीं भारतीय सेना हमेशा अनुशासित रही और चाहे कैसा भी मौका आया हो कभी अपने देश की लोकतंत्र पर दाग नहीं लगाया।

Indian Army

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भारतीय सेना हमेशा भारतीय लोकतान्त्रिक सरकारों के कहे पर हीं चलती रही जबकि कई बार लोकतान्त्रिक सरकारों ने अपने राजनितिक फायदे के लिए भी सैन्य इस्तेमाल किये। वैश्विक दवाबों के कारण कई बार हमारी सेना को सरकार अपने मन मुताबिक़ सरहदों की निगहबानी करने की भी खुली छूट नहीं देती थी।

पिछली सरकार के दौरान ऐसे कई वाकये हुए जब सेना को सरकार की इक्षाशक्ति की कमी के कारण मन मार कर बैठ जाना पड़ा। ऐसा हीं एक वाक्या है शहीद हेमराज का, सीमा सुरक्षा बल के जवान हेमराज जब सरहद पे गस्त कर रहे थे तब पाकिस्तानी सेना ने उन पर गोलियां चला दी और उनका सर पाकिस्तान ले के चले गए। इस घिनौने वाकये के बाद भी भारतीय सेना कोई कार्यवाई नहीं कर पाई क्यूंकि तब की सरकार ने उनके हाँथ बाँध रखे थे।

उन्ही दिनों जनरल वी के सिंह के जन्म-तिथि का मुद्दा भी बहुत तूल पकड़ा जिसमे सरकार और सेना प्रमुख के बीच ठन गई थी। मामला कोर्ट तक पहुंचा और सरकार की बहुत किरकिरी हुई।

मोदी सरकार ने दी सेना को खुली छूट

2014 में नरेंद्र मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद से हीं भारतीय सेना में एक स्फूर्ति देखी गई। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि मोदी जी ने कई बार खुले मंच से भारतीय सेना को अपने मुताबिक़ काम करने की खुली छूट दी। रक्षा बजट में बढ़ोतरी कर के जहाँ मोदी सरकार ने सेना को अत्याधुनिक बनाया वहीँ सैन्य सुविधाओं पर भी बहुत जोर दिया।

Indian Army Weapons

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जहाँ बाकी सरकारें सेना का अपने राजनितिक फायदों के लिए इस्तेमाल करते थे वहीं मोदी जी प्रधानमंत्री बनने के बाद से अपनी हर दीवाली सरहद पर सैनिकों के साथ मानते हैं। मोदी जी द्वारा की जाने वाली ये सारे कार्य कहीं ना कहीं सैनिकों के जोश में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करते हैं।

पाकिस्तान पे किया गया सर्जिकल स्ट्राइक

Surgical Strike

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मोदी जी द्वारा सेना को दिए जाने वाले महत्व का हीं एक नतीजा था भारतीय सैनिकों के द्वारा पाकिस्तान की धरती पे घुस के किया गया एक सफल हमला जिसे सर्जिकल स्ट्राइक के नाम से जाना गया।

पठानकोट के बाद उरी बेस कैम्प पे हुए आतंकी हमले ने कई सैनिकों की जान ले ली थी और सैनिकों के साथ साथ पुरे देश में पकिस्तान के प्रति गुसा था, इस गुस्से को सरकार ने जाया नहीं होने दिया और आजाद भारत में पहली बार सेना को सरहद पार कर के दुश्मनों पर हमला करने का आदेश दे दिया। भारतीय सैनिकों ने कुछ दिन का वक़्त ले कर एक फुलप्रूफ प्लान बना कर पाकिस्तानी सीमा से सटे आतंकी बेसकैम्प पर आधीरात को औचक हमला कर दिया और करीब दर्जन भर बेसकैम्प को नेस्तोनाबूत कर दिया।

सबसे बड़ी बात ये रही की इस हमले को भारत सरकार ने छुपाने के बजाये विश्व को बताया की हमारे सीमा में घुसपैठ के आकांछी आतंकियों को हमने पाकिस्तानी सिमा के अंदर घुस कर मारा है। विश्व समुदाय ने इस कृत्य पर भारत की प्रसंशा की और पकिस्तान को उनके आतंकियों से सांठ गाँठ पर खरी खोटी सुनाई।

इस घटना के बाद भी भारतीय सेना ने 2 बार और पाकिस्तानी सीमा में घुस कर इसी तरह की कार्यवाई की और आतंकियों को मार गिराए। हर बार पाकिस्तान ने ऐसे किसी भी हमले से इंकार किया पर पाकिस्तान ऐसा कबूल कर के अपने देशवासियों की नजर में हारा हुआ भी नहीं दिखना चाहता था, इसीलिए ऐसा करने पर वो मजबूर था।

भविष्य की सम्भावनाये

Future Prospects

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भारतीय सेना वर्तमान में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी सेना है, भारतीय सेना हर तरह के युद्ध के लिए हमेशा तैयार है। यही आक्रामकता कई मौकों पर दुश्मन पडोसी देशों पाकिस्तान और चीन को भी पीछे हटने पर मजबूर कर देते हैं। पाकिस्तान जहाँ सर्जिकल स्ट्राइक के बाद सम्हल सम्हल कर अपने पत्ते खोल रहा है वहीं चीन भी हाल हीं में डोकलाम विवाद से अपने कदम पीछे हटाने पर मजबूर हो गया है।

भविष्य में भारतीय सेना और ज्यादा शक्तिसम्पन्न होने वाली है, बढ़ता रक्षा बजट बताता है की दुश्मन देशों से घिरे हमारे देश को हमारी सुरक्षा सुनिश्चित करना प्राथमिकताओं में सबसे ऊपर आता है।

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दुनियाभर में पीएम नरेंद्र मोदी का डंका, विश्व नेताओं की लिस्ट में तीसरे नंबर पर

दुनियाभर के नेताओं की नई रैंकिंग जारी हुई है। जिसमें पीएम नरेंद्र मोदी का डंका बजा है। गैलप इंटरनेशनल एसोसिएशन और सी वोटर इंटरनेशनल के सर्वे में दुनियाभर के नेताओं की रैंकिंग में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तीसरा स्थान मिला है। इस सर्वे में जर्मन चांसलर एंजेला मर्कल नंबर वन और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रां दूसरे नंबर पर आए हैं।

बड़ी बात यह है कि ब्रिटेन की थेरेसा मे, चीन के शी जिनपिंग, रूस के ब्लादीमीर पुतिन, और ट्रंप को पीएम नरेंद्र मोदी से नीचे की रैकिंग मिली है। 2015 में इस रैंक में पीएम नरेंद्र मोदी पांचवें नंबर पर थे और बराक ओबामा पहले नंबर पर थे।

गैलप इंटरनैशनल एसोसिएशन ने 74 देशों में लोगों से पूछे गए सवालों के आधार पर पीएम नरेंद्र मोदी को विश्व नेताओं के सर्वेक्षण में तीसरे नंबर पर रखा है। खास बात यह है कि पीएम नरेंद्र मोदी को मिली यह रैंकिंग भारत के अभी तक के प्रधानमंत्रियों में सबसे बेहतरीन है।

सर्वे के मुताबिक, वियतनाम, फिजी, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के लोगों के बीच पीएम नरेंद्र मोदी सबसे ज्यादा लोकप्रिय हैं। वहीं पाकिस्तान के लोग पीएम नरेंद्र मोदी को नापसंद करते है।

कैसे हुआ सर्वे?

सी वोटर इंटरनेशनल के यशंवत देशमुख ने बताया,

‘’गैलप हर साल विश्व नेताओं का सर्वे करता है। इसी सर्वे में जानकारी दी जाती है कि कौन सा नेता विश्व में सबसे लोकप्रिय हैं। दुनिया के 75 देशों की एजेंसियों ने गैलप के साथ मिलकर ये सर्वे किया है। साल 2015 के सर्वे के मुकाबले पीएम नरेंद्र मोदी की रैंकिंग दो पायदान ऊपर हुई है.’’

उन्होंने आगे कहा,

‘’गैलप हर दूसरे साल में ये सर्वे करती है. गैलप पहले साल किसी देश के भरोसे और दूसरे साल देश के नेताओं के बीच सर्वे कराती है.’’

PM narendra modi ne international padak jitane wali anchal thakur ko badhai di

पीएम नरेंद्र मोदी ने अंतर्राष्ट्रीय पदक जीतने वाली अंचल ठाकुर को बधाई दी

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने तुर्की में आयोजित एफआईएस अंतर्राष्ट्रीय स्कीइंग प्रतियोगिता में भारत के लिए पहली बार अंतर्राष्ट्रीय पदक जीतने के लिए अंचल ठाकुर को बधाई दी है।

प्रधानमंत्री ने कहा, “बहुत खूब अंचल ठाकुर स्कीइंग में अंतर्राष्ट्रीय पदक जीतने के लिए! तुर्की में आयोजित एफआईएस अंतर्राष्ट्रीय स्कीइंग प्रतियोगिता में आपकी ऐतिहासिक उपलब्धि से संपूर्ण राष्ट्र उल्लासित है। आपके भविष्य के प्रयासों के लिए बहुत-बहुत शुभकामनाएं।”

pm narendra modi niti aayog dvaara aayojit arthshastriyon aur visheshan ke vichar vimarsh

पीएम नरेंद्र मोदी नीति आयोग द्वारा आयोजित अर्थशास्‍त्रियों और विशेषज्ञों के विचार विमर्श सत्र में शामिल हुए

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी आज ‘आर्थिक नीति भविष्‍य की संभावनाएं’ विषय पर नीति आयोग द्वारा आयोजित अर्थशास्‍त्रियों और विशेषज्ञों के विचार विमर्श सत्र में शामिल हुए। इस सत्र में 40 से अधिक अर्थशास्‍त्री और अन्‍य विशेषज्ञ उपस्थित थे।

सत्र के दौरान प्रतिनिधियों ने वृहद अर्थशास्‍त्र, कृषि, ग्रामीण विकास, रोजगार, स्‍वास्‍थ्‍य व शिक्षा, विनिर्माण और निर्यात, शहरी विकास, अवसंरचना और कनेक्टिविटी जैसे आर्थिक विषयों पर अपने विचार साझा किया।

वित्‍त मंत्री श्री अरूण जेटली ने प्रतिनिधियों को उनके सुझावों के लिए धन्‍यवाद दिया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विभिन्‍न प्रतिनिधियों को अर्थव्‍यवस्‍था के विभिन्‍न आयामों पर दिये गये उनके सुझावों के लिए धन्‍यवाद दिया। उन्‍होंने विशेषज्ञों के उच्‍च स्‍तरीय सुझावों की प्रशंसा की।

इस बैठक में अनेक केन्‍द्रीय मंत्रियों ने हिस्‍सा लिया। नीति आयोग के उपाध्‍यक्ष, केन्‍द्र सरकार तथा नीति आयोग के वरिष्‍ठ अधिकारी भी इस बैठक में उपस्थित थे।

Narendra Modi