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स्‍पेन के बाद रूस पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी, कुडनकुलम न्यूक्लियर प्लांट के करार पर सबकी नजर

चार देशों के दौरे पर निकले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्पेन की यात्रा के बाद बुधवार की शाम रूस पहुंच गए हैं. इस यात्रा को भारत के सबसे बड़े न्यूक्लियर प्लांट कुडनकुलम के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है. पीएम मोदी गुरुवार को सेंट पीटर्सबर्ग में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ 18वें भारत-रूस वार्षिक सम्मेलन में भाग लेंगे. इसके अगले दिन सेंट पीटर्सबर्ग में ही मोदी अंतरराष्ट्रीय आर्थिक मंच में शामिल होंगे. सबकी निगाहें भारत के सबसे बड़े परमाणु उर्जा संयंत्र की अंतिम दो इकाइयों के लिए रूस की मदद से जुड़े करार पर हैं.

सोवियत संघ के समय से रूस के साथ रहे भारत के परंपरागत संबंध मॉस्को की चीन और पाकिस्तान के साथ बढ़ती आर्थिक और राजनीतिक साझेदारी से जटिल हो गए हैं.मोदी ने यहां पहुंचने के बाद ट्वीट किया, “ऐतिहासिक शहर सेंट पीटर्सबर्ग पहुंचा. उपयोगी यात्रा की उम्मीद करता हूं जिसका उद्देश्य भारत-रूस संबंधों को मजबूती प्रदान करना है.”

सम्मेलन शुरू होने से कुछ घंटे पहले भारतीय अधिकारियों ने बताया कि तमिलनाडु में कुडनकुलम परमाणु उर्जा संयंत्र की इकाई 5 और 6 के निर्माण के लिए ऋण सहायता पर समझौते के विवरण और भाषा को लेकर अंतिम दौर की बातचीत चल रही है.

प्रधानमंत्री पिस्कारियोवस्कोई स्मारक पर दौरे के साथ अपनी तीन दिन की रूस यात्रा शुरू करेंगे. द्वितीय विश्व युद्ध में लेनिनग्राद पर हमले के दौरान मारे गये करीब पांच लाख सैनिकों की स्मृति में इसे बनाया गया. उसके बाद पुतिन कोंस्टानटिन पैलेस में मोदी की अगवानी करेंगे जो रूस के राष्ट्रपति का आधिकारिक आवास है और इसी भव्य इमारत में पुतिन दूसरे देशों के नेताओं की मेजबानी करते हैं. सम्मेलन के बाद पुतिन मोदी के लिए एक निजी रात्रिभोज का आयोजन करेंगे जिसमें कोई सहयोगी नहीं होगा.

शुक्रवार को मोदी वाषिर्क सेंट पीटर्सबर्ग अंतरराष्ट्रीय आर्थिक मंच में विशिष्ट अतिथि के रूप में शिरकत करेंगे. इसमें दुनियाभर के नेता और उद्योगपति शामिल होंगे. पहली बार कोई भारतीय प्रधानमंत्री आर्थिक और कारोबारी सम्मेलन में शामिल हो रहा है. सम्मेलन में करीब 60 भारतीय सीईओ भी शामिल होंगे और भारत ने यहां ‘मेक इन इंडिया’ पवेलियन भी बनाया है. दोनों देशों के बीच 7.8 अरब डॉलर का कारोबार है जिसमें 2014 की तुलना में कमी आई है. तब यह 10 अरब डॉलर था. दोनों देश अगले पांच साल में व्यापार को 30 अरब डॉलर पहुंचाने के लक्ष्य के साथ काम कर रहे हैं.

रूस के बाद फ्रांस के लिए होंगे रवाना 2 जून को मोदी यात्रा के आखिरी पड़ाव के लिए फ्रांस रवाना होंगे. यहां पेरिस में फ्रांस के नए राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से चर्चा करेंगे. इस दौरान दोनों देशों का स्ट्रैटजिक रिलेशन मजबूत होने की उम्मीद है। दोनों देश आतंकवाद से पीड़ित हैं.इसलिए बातचीत में यह अहम मुद्दा हो सकता है.

पीएम मोदी ने आतंकवाद से लड़ने के लिए स्पेन के साथ सहयोग बढ़ाने का आह्वान किया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज स्पेन मे अपने समकक्ष मरियानो राजोए से मुलाकात की और दोनों देशों को प्रभावित करने वाले आतंकवाद से लड़ने के लिए द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने की जरूरत को रेखांकित किया. PM मोदी ने राष्ट्रपति और स्पेन के राजा के आधिकारिक आवास ला मोनक्लोआ पैलेस में राजोए से आज सुबह मुलाकात की. स्पेन की यात्रा के दौरान यह उनकी पहली मुलाकात है.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने इस बैठक को ‘बहुआयामी संबंध के लिए एक ताजा प्रोत्साहन’ बताया. पीएम मोदी ने राजोए के साथ निजी बातचीत में आतंकवाद से लड़ने में द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने का आह्वान करते हुए कहा कि ‘हम दोनों के ही देशों ने’ सुरक्षा संबंधी चुनौती का सामना किया है.

पीएम नरेंद्र मोदी के सपनों को पूरा करने के लिए गरीब लोहार ने तोड़ा पक्का मकान, फैसले को सभी कर रहे सलाम

साल 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद अपने पहले ही भाषण में नरेंद्र मोदी ने देशवासियों से शौचालय बनवाने और साफ-सफाई पर ध्यान देने की अपील की थी. इसके बाद से पीएम मोदी न जाने कितनी बार अलग-अलग मंचों से लोगों को सफाई के लिए प्रेरित करते रहे हैं. पीएम की इस अपील पर कई गरीब लोगों ने ऐसे काम किए जो किसी भी समाज के लिए मिसाल है. छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले के एक गांव में रहने वाले लोहार पर स्वच्छता अपील का इतना असर हुआ कि उसने अपना पक्का घर तोड़कर शौचालय बनवाया है. फिलहाल वह झोपड़ी में रहने को मजबूर है, लेकिन उसे इस बात की खुशी है कि उसके घर में अब शौचालय है. लोहार के इस फैसले की स्थानीय मीडिया से लेकर सोशल मीडिया पर चर्चा हो रही है.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक धमतरी के नगरी ब्लॉक की ग्राम पंचायत सांकरा के आश्रित नवागांव में रामसुंदर लोहार रहते हैं. उनके परिवार का गुजारा गांव मजदूरी से चलता है. उसने जैसे-तैसे कई साल में पैसे जुटाकर पक्का मकान बनवाया था. कुछ महीने उन्होंने भारत सरकार के स्वच्छता अभियान के बारे में सुना. एक दिन उसने प्रधानमंत्री नरेंद्र के अपील सुनी, जिसमें पीएम घर में शौचालय बनवाने की बात कह रहे थे. रामसुंदर लोहार के मन में यह बात बैठ गई. उन्होंने घर में शौचालय बनवाने की तैयारी शुरू कर दी..

घर में शौचालय बन ही रहा था, तभी उसके सामने पैसों की किल्लत हो गई. घर में इतने पैसे नहीं थे कि वह ईंट खरीद सके. आखिरकार उसने अपना पक्के मकान की दीवारें तोड़ दी. उन्हीं ईंटों से रामसुंदर लोहरा ने शौचालय बनवाया है. जब वह घर की दीवारें तोड़ रहा था तो गांव के लोग उसका मजाक बना रहे थे. उसके फैसले को गलत बता रहे थे. घर टूटने के बाद रामसुंदर और उसका परिवार कच्ची झोपड़ी में रह रहा है. हालांकि उसे संतोष है कि अब उसके घर की बहू-बेटियां शौच के लिए घर के बाहर नहीं जाती हैं.

रामसुंदर का शौचालय जब बनकर तैयार हो गया तो इलाके में इस बात की चर्चा होने लगी, लोगे उनके इस फैसले की तारीफ कर रहे हैं. स्वच्छता अभियान से जुडे़ सरकारी कर्मचारी भी रामसुंदर की तारीफ कर चुके हैं. इलाके के लोगों का कहना है कि भारत सरकार स्वच्छता अभियान के प्रचार-प्रसार पर करोड़ों रुपए खर्च करती है. वहीं रामसुंदर भी इलाके के लोगों के सामने स्वच्छता अभियान की मिसाल बनकर उभरे हैं. ऐसे में सरकार को चाहिए कि वह रामसुंदर लोहार का घर दोबारा से पक्का बनवा दें. स्थानीय बीजेपी नेता रामू रोहरा ने भी केंद्र और राज्य सरकार से रामसुंदर लोहार का घर पक्का बनवाने की अपील की है.