Monthly Archives: May 2017

ढोला-सादिया पुल का उद्घाटन : जब कुछ देर पुल पर अकेले टहले पीएम नरेंद्र मोदी

असम के तिनसुकिया में ब्रह्मपुत्र नदी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के सबसे बड़े ढोला-सादिया पुल का उद्घाटन किया. इस दौरान एक खास नजारा देखने को मिला. पीएम मोदी सुरक्षा का चाक-चौबंद घेरा तोड़ते हुए कुछ देर पुल पर अकेले भी टहले. इस दौरान सुरक्षा घेरा पीछा छूट गया. दरअसल इस पुल को भी पीएम नरेंद्र मोदी सरकार की एक उपलब्धि माना जा रहा है. यह इसलिए भी खास है क्‍योंकि शुक्रवार को ही मोदी सरकार के कार्यकाल के तीन साल पूरे हो रहे हैं.

देश का यह पुल देश के दो पूर्वोत्तर राज्यों असम और अरुणाचल प्रदेश को जोड़ने का काम करेगा. सादिया और ढोला को जोड़ने वाले इस पुल को ढोला-सादिया ब्रह्मपुत्र पुल का नाम दिया गया है. इस पुल की अहमियत ना सिर्फ यहां के लोगों के विकास से जुड़ी है, बल्कि सामरिक तौर पर भी यह अहम भागीदारी निभाएगा. इस पुल के बन जाने से सुदूर उत्तर पूर्व के लोगों के लिए आने जाने की सुविधा हो जाएगी, कारोबार को बढ़ावा मिलेगा साथ ही इसके चालू होने से सेना को असम के पोस्ट से अरुणाचल-चीन बॉर्डर पर पहुंचने में आसानी होगी.

आइये जानते हैं इस शानदार पुल की खासियतें

  1. ढोला-सादिया पुल की लंबाई 9.15 किमी है
  2. इस लिहाज से यह बांद्रा-वर्ली सी-लिंक से भी 30% लंबा है
  3. यह पुल असम की राजधानी दिसपुर से 540 किमी और अरुणाचल की राजधानी ईटानगर से 300 किमी दूर है
  4. चीन की सीमा का एरियल डिस्टेंस या हवाई दूरी 100 किमी से भी कम की है
  5. तेजपुर के करीब कलाईभोमोरा पुल के बाद ब्रह्मपुत्र पर अगले 375 किमी याली ढोला तक बीच में कोई दूसरा पुल नहीं है
  6. अभी तक इस इलाके में नदी के आरपार सारे कारोबार नावों के जरिए ही होते रहे हैं.
  7. इसे बनाने का काम 2011 में शुरू हुआ और इस पूरे प्रोजेक्ट की लागत 950 करोड़ की है.
  8. ये पुल 182 खंभों पर टिका है
  9. जो पूर्वोत्तर के दो राज्यों असम-अरुणाचल को जोड़ेगा
  10. जनता के आने-जाने और कारोबार के अलावा, इससे सेना की आवाजाही में भी बेहद सुविधा होगी
  11. इससे चीन सीमा तक के सफर में 4 घंटे की कटौती होगी
  12. पुल इतना मजबूत बनाया गया है कि 60 टन के मेन बैटल टैंक भी गुजर सकें
  13. इतना ही नहीं ये भूकंप के झटके भी आसानी से झेल सकता है.

पीएम मोदी अपनी बात बेहतरीन ढंग से कहने में सबसे दक्ष : राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने शुक्रवार को जनता से बेहतर संवाद करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की. उन्होंने कहा कि मोदी जनता से कुछ वैसा ही संवाद करते हैं जैसे जवाहर लाल नेहरू और इंदिरा गांधी करते थे. वह अपनी बात बेहतरीन ढंग से कहने में दक्ष लोगों में शामिल हैं तथा उन्होंने भारत की अर्थव्यवस्था को नई दिशा दी है. राजग सरकार के तीन साल पूरा होने पर एक पुस्तक लोकार्पण समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि मोदी ने विभिन्न नई पहल की हैं तथा उनके कुछ निर्णय युग प्रवर्तक हैं.

मुखर्जी ने कहा, ”निस्संदेह समसामयिक काल में प्रधानमंत्री अपनी बात बेहतरीन ढंग से कहने वालों में से एक हैं तथा संभवतया उनकी तुलना उल्लेखनीय प्रधानमंत्रियों जैसे पंडित जवाहरलाल नेहरू एवं इंदिरा गांधी से की जा सकती है जो सरकार के संसदीय स्वरूप तथा विशेषतौर पर पंथनिरपेक्ष संवाद को स्वीकार करते हुए अपने सिद्धांतों एवं अपने विचारों को बेहतरीन ढंग से रख पाते थे.” उन्होंने कहा कि अच्छी तरह से संवाद करने की क्षमता के बिना किसी व्यक्ति से लाखों लोगों का नेतृत्व करने की उम्मीद नहीं की जा सकती.

सरकार के बारे में चर्चा करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि विभिन्न दिशाओं में कई प्रमुख विकास पहलें की गई हैं. मुखर्जी ने कहा,

”भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूती से आगे बढ़ रही है. प्रधानमंत्री ने निस्संदेह एक नई दिशा दी है. उन्होंने जो विभिन्न पहल की है उससे भारत के आगे की ओर बढ़ने का निश्चित संकेत मिला है.”

उन्होंने कहा कि मोदी के कुछ निर्णय निस्संदेह युगप्रवर्तक हैं.

इससे पहले मुखर्जी को दो पुस्तकों ”मन की बात :ए सोशल रिवोल्यूशन आन रेडियो” और ”मार्चिग विद ए बिलियन- एनालाजिंग नरेंद्र मोदी गवर्नमेंट एट मिडटर्म” की पहली प्रति भेंट की गई. राष्ट्रपति भवन में आयोजित कार्यक्रम में लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने इन पुस्तकों का विमोचन करने के बाद इनकी पहली प्रति राष्ट्रपति को सौंपी.

एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार इस अवसर पर उप राष्ट्रपति मोहम्मद हामिद अंसारी, केंद्रीय वित्त एवं रक्षा मंत्री अरुण जेटली और कई अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे. राजेश जैन द्वारा लिखित पुस्तक ”मन की बात : ए सोशल रिवोल्यूशन आन रेडियो” प्रधानमंत्री मोदी द्वारा प्रत्येक महीने रेडियो के माध्यम से देश को संबोधित करने वाले कार्यक्रम मन की बात के सभी संस्करणों का संग्रह है. इस पुस्तक में मन की बात कार्यक्रम में उठाए गए विभिन्न मुद्दों, विषय और उनकी मुख्य विशेषताओं का व्यापक, गुणात्मक और शैक्षिक विश्‍लेषण है. यह बताता है कि किस तरह मन की बात कार्यक्रम न्यू इंडिया खासतौर से युवाओं के साथ बेहद करीबी तरीके से जुड़ गया है.

क्या मिशन 2019 में ‘आधी आबादी’ को सारथी बनाएंगे पीएम नरेंद्र मोदी? ताजा वीडियो में मिल रहे संकेत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में बीजेपी ने केंद्र में तीन साल का कार्यकाल पूरा कर लिया है. आपको याद हो तो केंद्र में सत्ता संभालने के बाद पीएम मोदी ने कहा था कि किसी भी सरकार को शुरुआत के तीन-चार साल बस जनता के लिए काम करने चाहिए. सरकार को आखिरी साल के कार्यकाल में राजनीति और चुनाव के बारे में सोचना चाहिए. पीए मोदी की कही इस बात का असर शुक्रवार को देखने को मिला. 26 मई को सरकार के तीन साल पूरा होने के मौके पर पीएम मोदी ने जहां असम में के तिनसुकिया जिले के सादिया में 2,056 करोड़ रुपये की लागत से बने 28.50 किलोमीटर लंबे पुल का उद्घाटन किया. बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने प्रेस कांफ्रेंस कर सरकार की उपलब्धियां गिनाईं. वहीं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर की सभा में कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे अभी से मिशन 2019 के लिए जुट जाएं. गौर करने वाली बात यह रही की बीजेपी के तीनों बड़े नेताओं के भाषण के केंद्र में महिला यानी आधी आबादी दिखीं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार तड़के अपने ट्विटर अकांउट से एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें उन्हीं योजनाओं का जिक्र किया गया है, जो महिलाओं के लिए शुरू की गई हैं. यह वीडियो ट्विटर को काफी शेयर किया जा रहा है.

45 सेकेंड के इस वीडियो की शुरुआत में प्रधानमंत्री उज्जवला योजना का जिक्र है. इसके बाद मुद्रा योजना से महिलाओं को हुए लाभ गिनाए गए हैं. महिलाओं की मैटरनिटी लीव छह महीने किए जाने और बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना का जिक्र किया गया है. वीडियो के आखिरी हिस्से में बताया गया है कि सरकार ने तीन साल में उज्जवला योजना से 2 करोड़ गरीब महिलाओं को गैस कनेक्शन उपलब्ध कराए. मुद्रा योजना के तहत 7.50 करोड़ लोन में 70 फीसदी महिलाओं को दिए.गर्भावस्था में महिलाओं को पोषण के लिए 6000 रुपए की मदद दिए जाने की बात कही गई है. आखिर में बीजेपी के नए नारे, ‘साथ है विश्वास है, हो रहा विकास है’ को बताया गया है. वीडियो को देखने के संकेत मिलते हैं बीजेपी 2019 के लोकसभा चुनाव में महिलाओं पर फोकस करेगी.

मालूम हो कि 2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी ने इन्हीं योजनाओं का जोरशोर से जिक्र किया था, जिसके चलते उन्हें महिलाओं का अच्छा-खास समर्थन मिला था. इसके अलावा बीजेपी ने तीन तलाक को खत्म करने का मुद्दा छेड़कर मुस्लिम महिलाओं को अपने पाले में करने की काफी हद तक सफल हो चुकी है. कभी बिहार में बीजेपी की सहयोगी रहे नीतीश कुमार भी स्कूली लड़कियों के लिए पोशाक और साइकिल योजना शुरू कर महिलाओं का समर्थन हासिल कर चुके हैं.

कालाधन निकालकर रहेंगे… मैं इस वादे से कभी मुकरने वाला नहीं हूं: गुवाहाटी में बोले पीएम नरेंद्र मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी सरकार के तीन साल पूरे होने के उपलक्ष्‍य में शुक्रवार को गुवाहाटी में रैली को संबोधित करते हुए कहा कि उनके लिए नोटबंदी का फैसला बहुत मुश्किल निर्णय था, लेकिन जनता उनके साथ खड़ी हुई.

भाजपा नीत राजग सरकार के तीन साल पूरे होने के मौके पर मोदी ने उनकी सरकार द्वारा किए फैसले में उनके साथ खड़े होने के लिए देश की सवा सौ करोड़ की जनता का धन्यवाद दिया.

पीएम मोदी ने यहां एक जनसभा में कहा, ‘नोटबंदी बहुत मुश्किल फैसला था. (विपक्षी) नेताओं ने गुस्सा पैदा करने तथा लोगों को उकसाने का प्रयास किया, लेकिन जनता के आशीर्वाद से मेरी सरकार ने सभी समस्याओं का मुकाबला किया’. उन्होंने कहा, ‘मुश्किल फैसलों के बावजूद हमारा समर्थन बढ़ा. लोग अब बदलाव देख सकते हैं’. कालेधन के मुद्दे पर पीएम मोदी ने कहा, ‘हमने केन्द्रीय कैबिनेट की पहली ही बैठक में कालेधन के खिलाफ मजबूत कदम उठाने का फैसला किया था. भ्रष्टों के पास से जब्त कालाधन गरीबों के पास वापस जाएगा. मैं समस्याओं का सामना करूंगा, लेकिन ऐसा करने से नहीं झिझकूंगा, क्योंकि मैंने जनता से इसका वादा किया है’.

पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा कही गई प्रमुख बातें…

  • तीन साल पहले इसी समय 26 मई को दिल्‍ली में राष्‍ट्रपति भवन परिसर में राष्‍ट्रपति ने मुझे प्रधानमंत्री के कार्यभार की शपथ दिलवाई थी. आज इस बात को तीन वर्ष हो गए.
  • असम का आग्रह था कि आज मैं यहां आ सकूं तो अच्‍छा होगा’.
  • पहले तो परंपरा ऐसी रही थी कि बड़े अवसरों पर दिल्‍ली का महात्‍मय ज्‍यादा रहता था, लेकिन हमारी सरकार के लिए हिंदुस्‍तान का हर कोना दिल्‍ली है.
  • आज सुबह देश के सबसे लंबे ब्रिज का लोकार्पण करने का मुझे सौभाग्‍य मिला.
  • एक ही दिन में करीब साढ़े 3 हजार करोड़ रुपया एक राज्‍य के अंदर आना सरकार की सोच को प्रतिबिंबित करता है.
  • हमने आज यह ब्रिज भी भूपेन हजारिका के नाम समर्पित कर दिया.
  • भूपेन हाजारिका जीवन भर ब्रह्मपुत्र के गीत गाते रहे.
  • पिछले कई सालों से पिछड़े वर्ग के लोग ओबीसी कमीश्‍ान चाहते थे.
  • हमने कानून पास करके ओबीसी लोगों के लिए संवैधानिक व्‍यवस्‍था दी.
  • आज मैं देश के नागरिकों का आभार व्‍यक्‍त करना चाहता हूं कि आपने हम पर एक विश्‍वास रखकर पूर्ण बहुमत वाली सरकार बनाई. एक प्रधान सेवक के रूप में मुझे कार्य करने का मौका दिया.
  • मैंने तीन साल में देखा कि आप सिर्फ वोट देकर हमें सत्‍ता में पहुंचाकर खो नहीं गए.
  • तीन साल में बड़े संतोष-गर्व के साथ देश के लोग हर कदम पर हमारे साथ चले.
  • कड़े से कड़े फैसले हमने लिए और सवा सौ करोड़ देशवासियों ने भरोसे को और मजबूत बनाया.
  • मैंने लाल किले से स्‍वच्‍छता-शौचालय की बात की. कहा गया कि ये कैसा प्रधानसेवक आ गया जो लाल किले से शौचालय की बात कर रहा है.
  • मैं जिस भूमि से आया हूं, जिस जिंदगी को जीकर निकला हूं… उससे इन चीजों की जिंदगी में क्‍या अहमियत होती है, इसे महसूस कर सकता हूं.
  • मैंने कहा था कि छोटे-छोटे लोगों के लिए बड़े-बड़े काम करके रहूंगा और ये मेरा इरादा है.
  • मैं देशवासियों का आभारी हूं कि स्‍वच्‍छता अभियान को लोगों ने अपना कार्यक्रम बना लिया. मीडिया ने भी सहयोग किया.
  • आजादी के बाद जनसमर्थन से शासन कैसे चल सकता है, इसके अनेक उदाहरण आपने देखे हैं.
  • हमारे देश में गैस सिलेंडर 9 या 12 देने को लेकर राजनेता उलझे हुए थे. वो भी एक वक्‍त था और ये भी एक वक्‍त है. आपने एक ऐसी सरकार बनाई, जिसने लोगों से गैस सब्सिडी छोड़ने को कहा. मैं उन एक करोड़ से ज्‍यादा परिवारों को नमन करता हूं, जिन्‍होंने गैस की सिब्सिडी छोड़ी और गरीब के घर में चूल्‍हा जला.
  • नोटबंदी बड़ा कठोर निर्णय था. लोग कहते हैं कि इतने बड़े कठोर निर्णय की कल्‍पना भी नहीं कर सकते. नेताओं ने देश में आक्रोष पैदा करने के लिए क्‍या कुछ नहीं किया.
  • अगर सरकार का इरादा नेक न होता तो इतने कड़े फैसले पर जिस तरह आग लगाने की कोशिश की गई थी, कितनी भी ताकतवर सरकार क्‍यों न हो, भस्‍म हो जाती. जनता कंधे से कंधा मिलाकर हमारे साथ खड़ी रही.
  • लोग मुझसे कहते हैं कि मोदी जी, आप थकते नहीं हो क्‍या.. इतना दौड़ते हो, काम करते हो, तो मैंने कहा कि सवा सौ करोड़ देशवासी मुझसे एक कदम आगे चलते हैं. उनकी ताकत मुझे काम करने की प्रेरणा देता है.
  • आज वक्‍त बदल चुका है. अब कुछ होने वाला नहीं, ऐसे ही चलेगा, का भाव खत्‍म हो चुका है. लोगों के दिलों में देश के आगे बढ़ने का विश्‍वास पैदा हुआ है.
  • जब सरकारी दफ्तर में लोग समय पर आने लगे तो मीडिया में सुर्खियां बन गई.
  • पहले सरकारें ऐसे चलती थी कि संसद में पारित हुआ कानून भी दफ्तर में फाइल के अंदर बंद हो जाता था.
  • अब देश के हर नागरिक में भ्रष्‍टाचार को लेकर गुस्‍सा है.
  • आज सवा सौ करोड़ देशवासी इस बात को अनुभव करते हैं कि देश में पहली बार ईमानदारी का अवसर आया है.
  • कुछ दिन पहले मुझे कुछ बच्‍चे मिले और मैंने उनसे युवाओं की सोच को लेकर उनकी राय जानी. उन्‍होंने कहा कि अब वक्‍त बदला है और हमारी पीढ़ी ईमानदारी से कुछ करना चाहती है.
  • लोगों को ईमानदारी के अवसर मिले, इसके लिए मुझे कष्‍ट झेलना पड़ता है.
  • मैं देश की जनता से वादा करके आया हूं और उस वादे को मैं पूरी तरह निभाऊंगा.
  • एक वक्‍त देश में कालेधन का कोहराम मचा हुआ था, आज देश में जनधन शब्‍द सुनाए देता है… उसकी चर्चा होती है. विदेशों में डिजि‍धन की बात होती है.
  • मैंने पहली मीटिंग में कालेधन के खिलाफ कदम उठाने का फैसला किया. कालाधन निकालकर गरीबों को देंगे. मैं इस वादे से कभी मुकरने वाला नहीं हूं.
  • नोटबंदी के बाद करीब 90 लाख से ज्‍यादा लोग ईमानदारी के अवसर से जुड़ गए, टैक्‍स देने के लिए सामने आए.
  • अभी सरकार ने किसी को कुछ कहा नहीं है, अभी तो मैं बस चीजें तैयार कर रहा हूं.
  • आजादी के बाद भी सरकारों की आदत जनता पर शक करने की रही, लेकिन पिछले तीन साल में आपने देखा होगा कि हमने हर काम में जनता पर भरोसा करने को प्राथमिकता दी है.
  • हमारी सरकार ने लोगों को खुद अपने दस्‍तावेज सत्‍यापित करने का अधिकार दिया. जनता पर भरोसा करना चाहिए.
  • दिल्‍ली में एक ऐसी सरकार है, जिसका खुद ईमानदारी पर विश्‍वास है.
  • आज देश में दुनिया के अंदर जो आईटी क्रांति आई है, हमारा देश उसमें पीछे रहने वाला नहीं है.
  • हमारे कदम गरीब से गरीब व्‍यक्ति को सशक्‍त करने वाले हैं.

PM ने दिया काम का हिसाब, कहा- लिए ठोस फैसले, बदली लोगों की जिंदगी

आज केंद्र की मोदी सरकार के 3 साल पूरे हो रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर तीन साल के अपने काम का ब्योरा देश के सामने रखा. प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ने तीन साल में ठोस नीतियों पर आगे बढ़ते हुए विकास और लोगों की प्रगति के लिए बड़े कदम उठाए हैं. इससे लोगों की जिंदगी में बदलाव आया है. कई बड़े कदम उठाए गए हैं जिसके नतीजे आने वाले वक्त में दिखेंगे.

साथ है, विश्वास है…हो रहा विकास है! pic.twitter.com/uWtw6WbCmD

— Narendra Modi (@narendramodi) 26 May 2017

Last 3 years have seen concrete steps that have transformed people’s lives. These graphics tell you how. https://t.co/8smEezyFds

— Narendra Modi (@narendramodi) 26 May 2017

What do you feel about the Govt? Where have we done well & where can we do even better. Join this survey on NM App. https://t.co/TYuxNNJfIf

— Narendra Modi (@narendramodi) 26 May 2017

प्रधानमंत्री ने गिनाई उपलब्धियां

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सिस्टम में भ्रष्टाचार खत्म करने के लिए ठोस कदम उठाए गए. नोटबंदी और कालेधन के खिलाफ कदमों से भ्रष्टाचार खत्म करने की दिशा में ठोस प्रगति हुई. प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार और कई उपायों पर काम कर रही है जिससे सिस्टम में पारदर्शिता आएगी. तकनीक के इस्तेमाल को बढ़ावा देकर पारदर्शिता बढ़ाने पर काम हो रहा है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने इन कामों को गिनाया….

1. बड़े फैसले, कड़े फैसले – 

कालेधन और भ्रष्टाचार से निपटने के लिए नोटबंदी का ऐतिहासिक निर्णय

सालों बाद बेनामी प्रॉपर्टी पर कड़ा कानून बना

सर्जिकल स्ट्राइक से आतंकवाद को मुंहतोड़ जवाब

दशकों से लंबित ओरओपी की मांग को पूरा किया

सालों बाद जीएसटी पर सर्वसम्मति बनाी, देश को अब एक समान टैक्स व्यवस्था मिलेगी

2. खुशहाल परिवार, सुविधाएं अपार 

28 करोड़ गरीब बैंक से जुड़े

मुद्रा योजना के तहत गरीबों को 7.5 करोड़ लोन दिये गये, कुल लोन राशि 3.15 लाख करोड़ रुपये

2 करोड़ रुपये से भी अधिक गरीब महिलाओं को गैस कनेक्शन दिये गये

स्टेंट की कीमत में 80 फीसदी तक कटौती

जन औषधि केंद्र से दवाइंया सस्ती हुई

हर गरीब को पक्की छत का संकल्प

3. देश की तरक्की, ईमानदारी पक्की

3 सालों में भ्रष्टाचार का कोई आरोप नहीं

कालेधन और भ्रष्टााचार के खिलाफ बड़े कदम

कोयला, स्पेक्ट्रम, एफ. एम. नीलामियों और पर्यावरण के मामलों में पूर्ण पारदर्शिता

ग्रेड 3 और 4 की नौकरियों में इंटरव्यू खत्म

4. सबकी सुरक्षा, सबका ख्याल

विदेशों में फंसे हजारों भारतीयो को सुरक्षित घर पहुंचाया गया

पहली बार सूखा प्रभावित क्षेत्रों में ट्रेन से करोड़ों लीटर पानी पहुंचाया गया

दिव्यांगजनों को अवसरों के माध्यम से नया हौसला मिला

आदिवासियों को अपनी जमीन का हक मिल रहा है

5. जन-जन का साथ बढ़ा विश्वास

जन-भागीदारी से स्वच्छ भारत मिशन एक जन आंदोलन बना

1 करोड़ से ज्यादा लोगों ने सब्सिडी छोड़ी

कैशलेस ट्रांजैक्शन को अपार जन समर्थन मिला और 2 करोड़ से अधिक लोगों ने भीम ऐप को डाउनलोड किया

वीआईपी कल्चर खत्म किया

6. देश-विदेश में बढ़ता मान, भारत की नई पहचान

भारत विश्व की सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था

मेक इन इंडिया को पूरे विश्व में पहचान मिल रही है

पूरा विश्व उत्साह से योग दिवस मना रहा है

अंतरिक्ष में भारत को अभूतपूर्व सफलता मिल रही है

7. भारत का कल उज्जवल

ग्रामीण सड़कों को अभूतपूर्व तेजी से बनाया जा रहा है

भारतमाला और सेतु भारतम प्रोजेक्ट से देश का कोना-कोना जुड़ रहा है

स्मार्ट सिटी से बेहतर कल का निर्माण हो रहा है

देशभर की पंचायतों को ब्रॉडबैंड से तेजी से जोड़ा जा रहा है

जलमार्गों को भी ट्रांसपोर्ट के लिए विकसित किया जा रहा है

रेल नेटवर्कों का विस्तार पहले से तेज हो रहा है

6 नये शहरों को मेट्रो की सुविधा मिलेगी

8. सशक्त नारी, सशक्त भारत

2 करोड़ से अधिक महिलाओं को गैस कनेक्शन

मातृत्व अवकाश 12 हफ्तों से बढ़ाकर 26 हफ्ते

गर्भावस्था में महिलाओं के पोषण के लिए 6000 रुपये की मदद

मुद्रा लोन लाभार्थियों में 70 फीसदी महिलाएं

9. नये भारत की शक्ति, युवा शक्ति

स्किल इंडिया के माध्यम से 1 करोड़ युवाओं को प्रशिक्षण मिलेगा

109 नये केंद्रीय विद्यालय, 62 नवोदय विद्यालय, 7 नये आई.आई.एम., 6 नये आई.आई.टी. बनाए जा रहे हैं

1 करोड़ SC/ST/OBC छात्रों के बैंक खातों में छात्रवृत्ति सीधी पहुंची

स्टार्ट अप इंडिया के द्वारा युवाओं को अवसर

10. खेत खलिहान में आ रही नई जान

मंडियों को सीधे किसानों से जोड़ा जा रहा है

e-NAM से किसानों को फसल का सही दाम

किसानों को प्रचुर मात्रा में नीम-कोटेड यूरिया कम प्रीमियम पर किसानों को पूरा फसल बीमा

इस साल किसानों द्वारा बंपर पैदावार

11. विकास का आधार, नीतियों में सुधार

पूरे देश में एक समान टैक्स व्यवस्था

ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में बड़ा सुधार

इन्साल्वेंसी औऱ बैंकरप्सी कानून के माध्यम से बड़ा सुधार

एफ.डी.आई. कानूनों से बड़ा उदारीकरण

पीएम मोदी पहुंचे असम, चीन बॉर्डर के पास बने ‘महासेतु’ का करेंगे उद्घाटन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी सरकार के तीन साल पूरे होने के मौके पर शुक्रवार को असम में देश के सबसे लंबे पुल समेत कई परियोजनाओं का उद्घाटन करने गुवाहाटी पहुंच गए हैं. पीएम मोदी यहां एक जनसभा को भी संबोधित करेंगे, जिसमें वह अपनी सरकार की तीन साल की उपलब्धियों पर बोल सकते हैं. पीएम मोदी ने इससे पहले गुरुवार रात ट्वीट किया, मैं कल असम में रहूंगा और कई कार्यक्रमों में भाग लूंगा. मैं असम की जनता से बातचीत करने के इस अवसर का उत्सुकता से इंतजार कर रहा हूं.’

प्रधानमंत्री यहां 9.15 किलोमीटर लंबे ढोला-सादिया पुल का उद्घाटन करेंगे, जिससे असम और अरुणाचल प्रदेश के बीच यात्रा का समय छह घंटे से कम होकर एक घंटा रह जाएगा. इस पुल पर भारी से भारी सामान ले जाना संभव होगा. बताया जा रहा है कि इस पुल से सेना का 60 टन वजनी टैंक भी गुजर सकता है. इसके अलावा यह रिएक्टर स्केल पर 8.0 की तीव्रता वाला भूकंप भी झेल सकता है.

अभी तक यहां ब्रह्मपुत्र नदी को पार करने के लिए केवल दिन के समय नौका का ही उपयोग किया जाता था और बाढ़ के दौरान यह भी संभव नहीं होता था. शुक्रवार को इस पुल का उद्घाटन होने के बाद ऊपरी असम और अरुणाचल प्रदेश के पूर्वी भाग के लिए संपर्क सुनिश्चित हो जाएगा. इससे प्रतिदिन पेट्रोल और डीजल में 10 लाख रुपये तक की बचत होगी.

इसके साथ ही इस एक ही दिन में मोदी करीब 1000 किलोमीटर की यात्रा तय करेंगे. वे कई आयोजन स्‍थलों पर जाएंगे. सुबह सादिया से शुरू हुई यह मोदी यात्रा धेमाजी तक पहुंचेगी जहां गोमुख स्थित कृषि केंद्र (IARI) का शुभारंभ किया जाएगा.

इसके बाद प्रधानमंत्री गुवाहाटी में ऑल इंडिया इंस्‍टीट्यूट ऑफ मेडीकल साइंसेज (एम्‍स) का शिलान्‍यास करेंगे. यह गुवाहाटी से 28.5 किलोमीटर दूर ग्रामीण क्षेत्र में खोला जाएगा. इसके बाद प्रधानमंत्री अपनी यात्रा का समापन असम और मेघालय सीमा पर स्थित खानापारा में राजनैतिक रैली कर करेंगे.

Modi@3: तीन साल में राजनीतिक रूप से कितना मजबूत हुआ ब्रांड मोदी

गुजरात के मुख्यमंत्री पद से देश के प्रधानमंत्री की कुर्सी तक का सफर पूरा करने वाले नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार तीन साल पूरी कर चुकी है. 20014 के लोक सभा चुनावों के वक्त पूरे देश में चली मोदी लहर ने नरेन्द्र मोदी को एक ब्रांड बना दिया है. यही वजह है कि विधानसभा चुनावों के वक्त प्रदेश स्तरीय नेतृत्व मोदी की जनसभाएं, रैलियां और रोड शो अपने-अपने राज्यों में अधिक से अधिक करवाने की पूरी कोशिश करती हैं. खास बात यह है कि नरेन्द्र मोदी भी राज्यों की मांग पूरी करने में कोई कसर नहीं छोड़ते. गौरतलब है कि मोदी ने खुद उत्तर प्रदेश में 20 रैलियों को संबोधित किया था. आज मोदी सरकार के तीन साल पूरे होने के उपलक्ष्य में हम आपको 5 वे बातें बताएंगे जो यह साबित करेंगी कि पिछले तीन सालों में नरेन्द्र मोदी एक ब्रांड बन कर उभरे हैं.

बीजेपी बनी सबसे बड़ी पार्टी

2014 के आम चुनावों में बीजेपी का परचम लहराने के बाद नरेन्द्र मोदी और अमित शाह की जोड़ी राज्य दर राज्य विधानसभा चुनावों की जीत अपने खाते में लिखवाती चली गई. इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का राजनीतिक आधार भी लगातार फैलता रहा. जम्मू-कश्मीर को जोड़ लिया जाए तो देश के 14 राज्यों पर अब बीजेपी का शासन है. जिसमें उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, महाराष्ट्र, गोवा और गुजरात जैसे महत्वपूर्ण राज्य हैं. कुल मिलाकर अब यह कहा जा सकता है कि भारत की आधी से भी ज्यादा आबादी पर बीजेपी की सत्ता चल रही है. इसके अलावा बीजेपी ने दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी बनने का रिकॉर्ड भी दर्ज किया. सबसे बड़ी पार्टी बनने पर अमित शाह ने यह लक्ष्य हासिल करने का श्रेय कार्यकर्ताओं की कड़ी मेहनत को दिया और कहा था, “मुझे यह कहने में गर्व होता है कि बीजेपी करीब 10.5 करोड़ सदस्यों के साथ विश्व की सबसे बड़ी पार्टी बन गई है.’

 2014 के लोकसभा चुनावों के बाद हुए तमाम राज्यों में केन्द्र की मोदी सरकार के जनपरोपकारी कामों और नरेन्द्र मोदी के नाम पर चुनाव लड़े गए. इसमें दिल्ली, बिहार और पंजाब की हार को छोड़ दें तो बाकि सभी राज्यों के विधानसभा चुनावों में या तो बीजेपी को सत्ता मिली या फिर वह सम्मानजनक स्थिति में रही. इस दौरान पर्चों, बिल्लों से लेकर होर्डिंग और सोशल मीडिया तक सभी चुनावों में मोदी ही मोदी नजर आते रहे हैं. 2014 के बाद के चुनावों में मोदी सरकार के दौरान हुई सर्जिकल स्ट्राइक, नोटबंदी और उज्जवला योजना का जमकर प्रचार-प्रसार किया गया और यह कारगर भी रहा.

मोदी बनाम ऑल हुई भारत की राजनीतिक व्यवस्था

जिस तरह एक समय देश की राजनीति कांग्रेस बनाम ऑल थी ठीक उसी तरह इन दिनों देश के राजनीतिक हालात मोदी बनाम ऑल जैसी ही है. सोनिया गांधी राष्ट्रपति चुनाव के लिए पूरे विपक्ष को एकजुट करने की कोशिश में तो लगी ही हैं साथ ही साथ उनकी नजर 2019 के लोकसभा चुनावों पर भी हैं. सोनिया के लिए यहां सबसे आगे लालू प्रसाद यादव नजर आ रहे हैं. वे विपक्ष को एकजुट करने की हरसंभव कोशिश का ऐलान कर चुके हैं. उनका कहना है कि जिस तरह हमने बिहार में अपने धुर विरोधी नीतीश कुमार के साथ मिलकर बीजेपी को हराया उसी तरह केन्द्र की राजनीति से भी खदेड़ देंगे.

यहां इतिहास में वन बनाम ऑल की बात करें तो 1971 में इंदिरा गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस को 352 सीटें मिलने और 1975 में आपातकाल लगाने के बाद 1977 के चुनावों में चार पार्टियों (कांग्रेस (ओ), जन संघ, भारतीय लोक दल और सोशलिस्ट पार्टी ने एक साथ चुनाव लड़ा और कांग्रेस के 189 के मुकाबले उस ‘महागठबंधन’ ने 345 सीटों पर जीत दर्ज की. इसके अलावा 1984 में हुए लोकसभा चुनाव भी इतिहास के लिहाज से महत्वपूर्ण है. इन चुनावों में राजीव गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस को कुल 514 सीटों में से 404 सीटों पर जीत हासिल हुई. खास बात रही कि इस बार देश की संसद में प्रमुख विरोधी दल के तौर पर सामने आई एक क्षेत्रीय पार्टी (तेलगु देशम पार्टी), उसे कुल 30 सीटों पर जीत मिली जबकि सीपीआई (एम) को 22. इसके बाद 1989 के चुनावों में भी विपक्ष को कांग्रेस से टकराने के लिए एक होना पड़ा और देश ने वी. पी. सिंह और फिर चंद्रशेखर को पीएम की कुर्सी पर बैठे देखा.

भारतीय राजनीति में ट्रेंड सेटर बने मोदी

रैलियों में कही गईं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की बातें लोगों की इस कदर भाती हैं कि उनमें से तमाम ट्रेंड में आ जाती हैं. सबका साथ सबका विकास, अबकी बार मोदी सरकार, देश का चौकीदार, न खाऊंगा न खाने दूंगा जैसी बातें आए दिन लोग बोलते रहते हैं. मोदी की सोशल इंजीनियरिंग को ध्यान में रख बाकी राजनीतिक पार्टियों ने भी अपनी योजना बदली और सभी वर्गों की विकास की बातें कीं लेकिन तमाम राज्यों में अन्य दलों की बातों को जनता ने सिरे से नकार दिया.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की बढ़ती लोकप्रियता ने पिछले तीन सालों में भारत की सीमा लांघ विदेशों में भी अपना असर दिखाया. यही वजह है कि अपने तीन साल के कार्यकाल में कुल 56 विदेश यात्राएं कर चुके हैं. और इस महीने के अंतिम सप्ताह में चार देशों (जर्मनी, स्पेन, रूस और फ्रांस) की यात्रा पर निकल रहे हैं. विदेशी धरती पर भी मोदी-मोदी के नारों ने उनकी छवि को विश्वस्तरीय पहचान दिया. इसका उदाहरण आप सिर्फ इस बात से लगा सकते हैं कि मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में कुल 7 देशों के प्रमुख हिस्सा लेने आए थे जिनमें पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ भी शामिल थे. इसके अलावा पिछले तीन सालों में करीब 75 विदेशी मेहमान भारत दौरे पर आ चुके हैं जिनमें अमेरिका, चीन, रूस, आस्ट्रेलिया, साउथ अफ्रीका, श्रीलंका, बांग्लादेश और ब्रिटेन जैसे देश भी थे.

MODI@3: विदेश यात्रा के रिकॉर्ड से नई नीति तक

मोदी सरकार के कार्यकाल का तीसरा साल सख्त विदेश नीति का दौर रहा. इस दौर में चुनौतियों से ऊपर उठते हुए केन्द्र सरकार ने साहसिक फैसले किए

नरेंद्र मोदी सरकार के पहले दो साल खुशगवार लम्हों के खत्म न होने वाले सिलसिले की तरह दिखाई देते थे. जब नई दिल्ली दुनिया की तीन सबसे ज्यादा अहमियत वाली राजधानियों: वाशिंगटन, बीजिंग और इस्लामाबाद के साथ बातचीत में व्यस्त थी. इनमें से एक दूरदराज की रणनीतिक भागीदार थी और बाकी दो पास-पड़ोस की रणनीतिक चुनौतियां और सुरक्षा के लिए बुरे सपने की तरह थीं.

इस तरह प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति बराक ओबामा के बीच अभूतपूर्व 7 बार मुलाकातें हुईं. मोदी ने साबरमती नदी के किनारे शी जिनपिंग के साथ एक ही झूले पर बैठकर पींगें लीं. मोदी ने इस्लामाबाद में नवाज शरीफ को गले लगाया और उनकी मां से मिलने रावलविंडी में उनके पारिवारिक घर गए.

यह चकराने वाली शुरुआत थी, जिसमें भारत की कूटनीति ने नया जोशो-खरोश दिखाया और यहां तक कि पाकिस्तान और चीन के साथ रिश्तों में भी बेशुमार संभावनाएं नजर आई थीं. लेकिन मोदी सरकार का तीसरा साल कुछ मायनों में हकीकत का एहसास लेकर आया.

अब संभावनाओं की जगह पाकिस्तान के साथ रिश्तों में तनाव है और चीन की लगातार बढ़ती आक्रामता के साथ रिश्ते बदतर होते जा रहे हैं. इन तनावों की कुछ वजह तो पिछले तीन सालों में व्यावहारिक और भारत-प्रथम विदेश नीति का उभार है, जो केवल एक लक्ष्य को ध्यान में रखकर व्यापार, ऊर्जा और सुरक्षा के तीन स्तंभों के पीछे चलती है.

इस नीति में राजनयिक डरे बगैर चतुराई से वार झेलते हैं और जैसे को तैसा जवाब देते हैं. इसीलिए नींद में डूबे 18 हिंदुस्तानी सैनिकों की जान लेने वाले एक हमले का जवाब पूरे तालमेल के साथ सीमा-पार पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में दहशत के लॉन्चपैडों पर ”सर्जिकल स्ट्राइक” से दिया जाता है.

पहले के हिंदुस्तानी प्रधानमंत्रियों की तरह प्रधानमंत्री मोदी भी भारतीय कूटनीति का सुर तय करते हैं. मगर भारत की विदेश नीति की प्राथमिकताएं तय करते हुए उन्होंने निजी तौर पर एक के बाद एक वैश्विक राजधानियों के सफर की जैसी चौंधियाने वाली रक्रतार कायम की, वैसा उनके कम ही पूर्ववर्तियों ने किया था.

इस्लामाबाद के साथ बातचीत में वही ठहराव बना हुआ है जो 1 जनवरी, 2016 के पठानकोट एयरबेस पर हमले के बाद आया था. लेकिन सरकार ने दूसरे पड़ोसियों नेपाल, बांग्लादेश, अफगानिस्तान, क्वयांमार और श्रीलंका के साथ रिश्तों को काफी आगे बढ़ाया और पिछले नवंबर में इस्लामाबाद में होने वाले दक्षेस शिखर सम्मेलन का बहिष्कार करने के लिए इन सभी को राजी कर लिया.

इस जुलाई में प्रधानमंत्री मोदी की तेल अवीव यात्रा, जो 25 साल पहले इज्राएल के साथ रिश्ते कायम करने के बाद किसी भी प्रधानमंत्री की पहली यात्रा होगी. इस यहूदी देश के साथ उसके नजदीकी रिश्तों को आखिरकार बंद कोठरी से निकालकर खुले में ले आएगी.

इसके साथ ही भारत उन मुट्ठी भर बड़े देशों में शुमार हो जाएगा जिसके पश्चिमी एशिया की तीन परस्पर विरोधी सभ्यताओं ईरान, सऊदी अरब और इज्राएल के साथ शानदार रिश्ते हैं. मोदी की उपकप्तान सुषमा स्वराज कठोर कदम उठाने से नहीं झिझकतीं. पिछले साल उन्होंने अदन की खाड़ी में एक हिन्दुस्तानी को बचाने के लिए युद्धपोत मोडऩे को कहा था. लक्ष्यभेदी विदेश नीति का इससे बड़ा प्रतीक क्या होगा भला!

पीएम मोदी का रिकॉर्ड: 54 विदेश यात्राएं

मई और जुलाई के बीच तय सात और यात्राओं को एक साथ जोड़कर पूरे तीन साल में प्रधानमंत्री मोदी 54 विदेश यात्राएं कर चुके हैं. जबकि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अपने 10 साल के कार्यकाल में सिर्फ 80 विदेश यात्राएं ही की थीं. वहीं उससे पहले अटल बिहारी वाजपेयी ने 1999 से 2004 के बीच महज 19 विदेश यात्राएं कर देश की विदेश नीति को मजबूत करने की कोशिश की थी.

कल देश के इस सबसे लंबे पुल का उद्घाटन करेंगे पीएम नरेंद्र मोदी, चीन सीमा के पास जल्दी पहुंच सकेंगे सैनिक

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार (26 मई) को असम स्थित देश के सबसे बड़े पुल का उद्घाटन करेंगे। ये पुल ब्रह्मपुत्र नदी के दक्षिणी तट पर स्थित धोला को उत्तरी तट पर स्थित सादिया से जोड़ेगा। 9.15 किलोमीटर लंबा ये पुल मुंबई स्थित प्रसिद्ध बांद्रा-वर्ली सी लिंक (5.6 किलोमीटर) से भी करीब दो-तिहाई लंबा है। इस पुल के बनने से पूर्वी अरुणाचल प्रदेश में संचार सुविधा काफी बेहतर हो जाएगी। इस पुल का सबसे बड़ा लाभ भारतीय सेना को होगा। पुल से सेना को असम से अरुणाचल प्रदेश स्थित भारत-चीन सीमा तक पहुंचने में तीन से चार घंटे कम लगेंगे। इस सीमा पर भारत की किबिथू, वालॉन्ग और चागलगाम सैन्य चौकियां हैं।

पुल की लागत 10 हजार करोड़ रुपये है। इसे बनाने में होने वाली देरी के चलते इसकी लागत बढ़ गई। पुल के साथ ही उसे दूसरी सड़कों से जोड़ने के लिए 28.5 किलोमीटर लंबाई की सड़कों का निर्माण भी किया गया है। बोगीबील नामक एक और पुल के जल्द ही शुरू हो जाने के बाद पूर्वी अरुणाचल प्रदेश से एटानगर तक तक जाने में लगने वाला समय 4-5 घंटे कम हो जाएगा।

सादिया मशहूर गायक भूपेन हजारिका की जन्मभूमि है। 15 अगस्त 1950 को आए भारी भूकंप के पहले ये शहर काफी गुलजार रहा करता था। 82 वर्षीय भाबा गोगोई कहते हैं, “तब मैं बच्चा था। ब्रह्मपुत्र ने अपना रास्ता बदल दिया और आधा सादिया कुछ ही दिनों में उसकी गोद में समा गया। बाकी 1970 में। भगवान का शुक्र है कि मैं अपने जीवनकाल में इस एक समय अभागे माने जाने वाले इलाके में ये पुल बनते देख पाया।” कह सकते हैं कि ये पुल अटल बिहारी वाजपेयी सरकार की पहल की देन है। मई 2003 में राज्य सभा सांसद अरुण कुमार सरमा और सादिया के विधायक जगदीश भुयन ने तत्कालीन पूर्वोत्तर विकास मंत्री सीपी ठाकुर को पत्र लिखकर पुल बनाने की मांग की थी।

असम गण परिषद के इन दोनों नेताओं के पत्र के बाद जून 2003 में असम के तत्कालीन मुख्यमंत्री मुकुट मिथि ने तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को पत्र लिखकर ये पुल बनाने की मांग की थी। सीएम मुकुट ने पीएम अटल को लिखे पत्र में पुल बन जाने से चीन सीमा तक भारत की पहुंच को आसान बनाने की भी बात लिखी थी। अगस्त 2003 में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने पुल बनने की संभावना का जमीनी अध्ययन पूरा कर लिया। पुल की मंजूरी मिलने के बाद इसका निर्माण 2011 में शुरू हुआ। दिसंबर 02015 में इसका निर्माण कार्य पूरा हुआ।

अधिकारियों के सर्विस रेकॉर्ड पर ऑनलाइन नजर रखेगी सरकार, बेईमान होंगे

मोदी सरकार अब अधिकारियों के रेकॉर्ड पर ऑनलाइन नजर रखेगी। इसके लिए सरकार ने एक सिस्टम तैयार किया है। इस ऑनलाइन सिस्टम के जरिए अधिकारियों के कामकाज का आंकलन होगा। साथ ही खराब प्रदर्शन करने वाले या कम ईमानदार अधिकारियों पर सरकार एक्शन लेगी और उनके रिटायर करने पर भी फैसला किया जागएा। अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल ट्रेनिंग ने अन्य मंत्रालयों के साथ मिलकर ऑनलाइन सिस्टम शुरू किया है। इस सिस्टम का नाम ऑनलाइन प्रोबिटी मैनेजमेंट सिस्टम है। इस ऑनलाइन सिस्टम के जरिए अधिकारियों के काम काज का आंकलन होगा।

रिपोर्ट के अनुसार सरकार 50-55 वर्ष की आयु वाले या नौकरी में 30 वर्ष पूरे कर चुके सभी अधिकारियों के प्रदर्शन का आकलन कर रही है। इन अधिकारियों के कामकाज के प्रदर्शन के आधार पर इन्हें आगे नौकरी पर रखने या अनिवार्य तौर पर रिटायर करने का फैसला किया जाएगा। अखबार की रिपोर्ट के अनुसार जिन जन अधिकारियों की समीक्षा की जानी है उनकी संख्या बहुत अधिक होने के कारण इसमें मंत्रालयों को काफी पेपरवर्क करने के साथ ही नियमित तौर पर रिपोर्ट्स जमा करनी पडती। अब नए सिस्टम से यह सारा काम ऑनलाइन हो जाएगा। ऑनलाइन सिस्टम के जरिए अब मंत्रालय अपनी रिपोर्ट्स ऑनलाइन जमा कर सकेंगी और सरकार को एक ही पोर्टल पर पूरी जानकारी मिल जाएगी।