प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि उन्होंने अपनी बैठकों में मोबाइल फोन लाने पर प्रतिबंध लगा दिया है. उन्होंने बताया कि कई बार चर्चाओं के बीच उन्होंने अधिकारियों को मोबाइल पर सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते देखा है.
मोदी ने कहा कि आजकल में देखता हूं कि जिला स्तर के अधिकारी इतने व्यस्त हैं कि उनका अधिकतर समय सोशल मीडिया पर बीतता है. मैंने अपनी बैठकों में मोबाइल फोन लाने पर पाबंदी लगा दी है क्योंकि अधिकारी बैठक के दौरान उसे निकालकर सोशल मीडिया साइट्स चेक करने लगते हैं.
लोक सेवा दिवस पर बोलते हुए मोदी ने नौकरशाहों से सोशल मीडिया का इस्तेमाल खुद की वाह-वाही के बजाए जनहित में करने की सलाह दी. उन्होंने कहा कि दुनिया ई-गवर्नेंस से मोबाइल गवर्नेंस की तरफ जा रही है और इस मोबाइल का सबसे बेहतर इस्तेमाल लोगों के हित के लिए किया जाना चाहिए.
मोदी ने कहा कि सोशल मीडिया साइट्स के जरिए जब अच्छे कामों से जुड़ी जानकारियों का प्रचार होता है तो वो मददगार साबित होती हैं. उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि अगर मैं लोगों को पोलियो का टीका लगाने की तिथियों की जानकारी देता हूं तो सोशल मीडिया का इस्तेमाल मददगार साबित होता है. लेकिन अगर टीकाकरण संबंधित कार्यों के दौरान मैं फेसबुक पर अपनी ही तस्वीर की तारीफ करता हूं तो ये नौकरशाहों के काम पर सवालिया निशान खड़े कर देता है.
मोदी के भाषण के दौरान कई बार ठहाके लगे और तालियां बजीं. उन्होंने कहा कि वो नौकरशाही का हिस्सा नहीं बन पाए क्योंकि उन्हें कभी कोचिंग क्लास अटेंड करने का मौका नहीं मिला.
आगे उन्होंने कहा कि अगर उन्हें ऐसा मौका मिला होता तो वो 16 साल लोगों की सेवा कर आज डायरेक्टर रैंक के नौकरशाह होते. मोदी ने कहा कि ये मेरी खुशकिस्मती है कि मैं 16 सालों से लोक सेवा में हूं. मुझे कोचिंग लेने का अवसर नहीं मिला.