Monthly Archives: January 2017

दोस्‍ती ऐसी कि दोस्‍त ‘बराक’ के लिए चायवाला तक बन बैठे पीएम मोदी

48 घंटे और अमेरिका के व्‍हाइट हाउस में राष्‍ट्रपति बराक ओबामा के नाम के पूर्व राष्‍ट्रपति लिखा जाने लगेगा। आठ वर्षो के कार्यकाल में राष्‍ट्रपति बराक ओबामा ने दुनिया के तमाम देशों और तमाम नेताओं के साथ एक अलग केमेस्‍ट्री कायम की। इन केमेस्‍ट्री में से ही एक है उनकी भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हुई ‘दोस्‍ती’।

जब पीएम मोदी को दी ओबामा ने बधाई  

दोस्‍ती की शुरुआत हुई थी वर्ष 2014 में जब देश में बीजेपी के अगुवाई वाले एनडीए गठबंधन को लोकसभा चुनावों में एतिहासिक जीत मिली थी। राष्‍ट्रपति ओबामा ने खुद फोन करके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देश का अगला पीएम बनने की बधाई दी थी। जब यह फोन आया और इसकी भनक मीडिया को लगी तभी सबको अहसास हो गया था कि दोनों देशों के रिश्‍ते बदलने वाले हैं।

कुल आठ बार मीटिंग

दो वर्षों में प्रधानमंत्री मोदी और राष्‍ट्रपति ओबामा के बीच औपचारिक और अनौपचारिक कुल मिलाकर आठ मुलाकातें हो चुकी हैं। यह दोस्‍ती का ही नतीजा था जो अमेरिकी राष्‍ट्रपति ओबामा पीएम मोदी के बुलावे पर वर्ष 2015 में गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्‍य अतिथि बनने को तैयार हो गए थे। आइए आपको इसी दोस्‍ती और इससे जुड़ी खास तस्‍वीरों से रूबरू करवाते हैं।

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व्‍हाइट हाउस पहुंचे पीएम मोदी
वर्ष 2014 में जब पीएम मोदी ने चुनाव जीता तो राष्‍ट्रपति ओबामा ने उन्‍हें व्‍हाइट हाउस आने का निमंत्रण दिया। पीएम मोदी जब उस वर्ष संयुक्‍त राष्‍ट्रसंघ महासभा के अधिवेशन में भाग लेने के लिए अमेरिका पहुंचे तो ओबामा ने उस समय उनका व्‍हाइट हाउस में रेड कार्पेट वेलकम किया। पीएम नरेंद्र मोदी और राष्‍ट्रपति बराक ओबामा की यह पहली मुलाकात थी जिसने देश विदेश में सुर्खियां बटोरीं।

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गर्मजोशी से मिले दोनों नेता
दोनों की यह पहली मुलाकात थी लेकिन पहली ही मुलाकात में दोनों नेता काफी गर्मजोशी के साथ मिले। इस मुलाकात की तस्‍वीरें जब मीडिया में आईं तो पाकिस्‍तान तक में हलचल मच गई।

पहले स्‍टेटमेंट फिर ज्‍वाइंट एडीटोरियल
व्‍हाइट हाउस में पीएम मोदी और राष्‍ट्रपति ओबामा के बीच हुई मुलाकात के बाद दोनों नेताओं ने एक ज्‍वाइंट स्‍टेटमेंट जारी किया। इसके अलावा इन दोनों ने वाशिंगटन पोस्‍ट में एक ज्‍वाइंट एडीटोरियल भी लिखा। यह पहला मौका था जब किसी भारतीय पीएम ने अमेरिकी राष्‍ट्रपति के साथ मिलकर एडीटोरियल लिखा।

पीएम मोदी को दिखाया मार्टिन लूथर किंग मेमोरियल
राष्‍ट्रपति ओबामा खुद पीएम मोदी को मार्टिन लूथर किंग मेमोरियल लेकर गए। दोनों ने कुछ समय साथ बिताया और काफी देर तक बात भी करते रहे। विशेषज्ञों ने इसे पीएम मोदी के लिए एक बड़ी डिप्‍लोम‍ैटिक जीत करार दिया।

दूसरी मुलाकात
फिर जी20 में हुई मुलाकात दोनों नेता इसके बाद ब्रिसबेन, ऑस्‍ट्रेलिया में जी20 समिट के दौरान मिले। इस समिट से पहले राष्‍ट्रपति ओबामा ने पीएम मोदी को एक चमत्‍कारी नेता बताया था।

मोदी ने बुलाया तो चले आए राष्‍ट्रपति ओबामा
मोदी सरकार को उस समय बड़ी सफलता हाथ लगी जब राष्‍ट्रपति ओबामा ने गणतंत्र दिवस परेड में बतौर मुख्य अतिथि आने का निमंत्रण स्‍वीकार किया। ओबामा पहले अमेरिकी राष्‍ट्रपति बने जिन्‍होंने मुख्‍य अति‍थि के तौर पर गणतंत्र दिवस परेड में शिरकत की।

ओबामा के लिए ‘चायवाला’ बने
राष्‍ट्रपति ओबामा जनवरी में जब भारत आए तो दोनों नेताओं ने हैदराबाद हाउस में काफी वक्‍त साथ बिताया। इस दौरान पीएम मोदी ने ओबामा के लिए चाय भी बनाई। दोनों के बीच कई मुद्दों पर चर्चा हुई और विशेषज्ञों ने ओबामा की बॉडी लैंग्‍वेज को देखकर कहा कि शायद वह अपने कार्यकाल में पहली बार किसी दौरे पर इतने आरामतलब नजर आए हैं।

अब हॉटलाइन पर होती है बात
भारत अब रूस, ब्रिटेन और चीन के बाद चौथा ऐसा देश बन गया है जिसके साथ हॉटलाइन पर शीर्ष अमेरिकी अधिकारी तो बात कर ही सकते हैं साथ ही साथ पीएम और राष्‍ट्रपति भी आपस में बात कर सकते हैं। यही हॉटलाइन कुछ दिनों पहले ही ऑपरेशनल हुई है।

‘मैं और बराक’
राष्‍ट्रपति ओबामा और पीएम मोदी ने जब जनवरी में ज्‍वाइंट प्रेस कांफ्रेस की तो एक सवाल के जवाब में पीएम मोदी ने राष्‍ट्रपति ओबामा को सिर्फ ‘बराक’ कहकर संबोधित किया। पीएम मोदी ने कहा कि उनके और ओबामा के बीच की बातों को व्‍यक्तिगत ही रहने दें।

पीएम मोदी के साथ मन की बात
जिस तरह से वाशिंगटन में एक ज्‍वाइंट एडीटोरियल पब्लिश हुआ था उसी तरह से नई दिल्‍ली में पीएम मोदी और राष्‍ट्रपति ओबामा ने एक साथ अपने-अपने ‘मन की बात’ की।

मैं और मोदी एक जैसी पृष्‍ठभूमि वाले’
राष्‍ट्रपति ओबामा ने भारत दौरे पर कहा कि पीएम मोदी और मैं एक ही जैसी साधारण पृष्‍ठभूमि से आते हैं। उन्‍होंने कहा कि यह अमेरिका और भारत की विविधता ही है जो एक आम नागरिक को इतना प्रतिष्ठित दर्जा दिलाती है।

ऐसी दोस्‍ती देखी नहीं
जून में पीएम मोदी अमेरिकी राष्‍ट्रपति ओबामा के बुलावे पर फिर व्‍हाइट हाउस पहुंचे। अमेरिका के लीडिंग न्‍यूजपेपर न्‍यूयॉर्क टाइम्‍स ने इन दोनों नेताओं की दोस्‍ती और दोनों के रिश्‍ते को एक ‘अविश्वसनीय दोस्ती’ करार दिया है। न्‍यूयॉर्क टाइम्‍स ने लिखा है कि राष्‍टप्रति ओबामा के यूं तो दुनिया के कई नेताओं से अच्‍छे रिश्‍ते हैं लेकिन जो केमेस्‍ट्री और दोस्ती पीएम मोदी के साथ नजर आती है, वैसी अविश्वसनीय दोस्ती उनकी दुनिया के अन्य नेताओं के साथ बहुत कम है।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

रायसीना संवाद में पीएम मोदी बोले- आतंक का रास्ता छोड़े पाकिस्तान, तभी हो सकती है बातचीत

मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली में दूसरे रायसीना संवाद के उद्घाटन के मौके पर लोगों को संबोधित किया। भारत के इस महत्वाकांक्षी भू-राजनीतिक सम्मेलन रायसीना संवाद में 65 देशों के 250 से भी अधिक प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं। आइए जानते हैं इस संवाद की मुख्य बातें।

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  1. पीएम मोदी ने इस सम्मेलन में कहा कि मई 2014 में लोगों ने हमारी सरकार पर भरोसा किया था। हमारे नागरिकों की सुरक्षा हमारे लिए सबसे अधिक महत्वपूर्ण है। सिर्फ अपने बारे में सोचना हमारी परंपरा नहीं है।
  2. पीएम मोदी ने कहा कि उनका सपना एक अच्छे और एकीकृत पड़ोस का है।
  3. अपनी बात में उन्होंने भारत-पाक के बीच चल रहे झगड़े की भी बात की। पीएम मोदी ने कहा- मैं लाहौर भी गया था, लेकिन मैं अकेले शांति बहाल नहीं कर सकता। अगर पाकिस्तान को भारत से शान्ति के मुद्दे पर बात करनी है तो पहले उसे आतंकवाद का रास्ता छोड़ना होगा।
  4. एक अच्छे पड़ोस के मेरे विजन की वजह से ही मैंने अपने शपथ ग्रहण समारोह में पाकिस्तान समेत सभी सार्क देशों को न्योता भेजा था।
  5. यह अप्राकृतिक नहीं है कि दो पड़ोसी ताकतों (भारत और चीन) के बीच कुछ मतभेद हों।
  6. अपने रिश्तों को और अधिक मजबूत बनाने के लिए और शांति बनाए रखने के लिए यह जरूरी है कि हम अहम मुद्दों के प्रति संवेदनशीलता और आदर दिखाएं।
  7. पीएम मोदी ने कहा कि आतंकवाद को धर्म से अलग करने की हम पूरी कोशिश कर रहे हैं।
  8. हमारे जो भी पड़ोसी आतंकवाद का समर्थन करते हैं वह या तो अलग थलग हो गया है या फिर अब कोई उसकी बात ही नहीं करता है।
  9. हाल ही में राष्ट्रपति चुने गए डोनाल्ड ट्रंप से भी पीएम मोदी ने बात की और दोनों में रिश्तों को मजबूत बनाने पर सहमति बनी है।
  10. रूस हमारा एक पक्का दोस्त है। प्रेसिडेंट पुतिन और मैंने कई लंबी-लंबी बातें की हैं।

नरेन्द्र मोदी की सफलता का रहस्य

नाम – नरेन्द्र दामोदरदास मोदी| जन्म – 17 सितम्बर 1950| वर्तमान में सबसे चर्चित व्यक्ति| नरेन्द्र मोदी वाकई में एक लीडर है और उनके सामने सारी मुसीबतें कमजोर पड़ जाती है| यह उनका व्यक्तित्व ही है जिसके कारण आज वह भारत के प्रधानमंत्री (Prime Minister ) है और विश्व की निगाहें उन पर टिकी हुयी है| नरेन्द्र मोदी भारत के ज्यादातर व्यक्तियों के आदर्श बन गए है और उनके व्यक्तित्व की खूबियों का परिक्षण करके हम भी अपने व्यक्तित्व को उत्तम बना सकते है क्योंकि यह हमारा व्यक्तित्व एंव चरित्र ही होता है जो हमें सफल बनाता है|

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तो आईये जानते है कि क्या है नरेन्द्र मोदी की सफलता का राज़:-

मेहनत (Hardwork):-

नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) की सफलता का सबसे बड़ा राज यही है कि वह बहुत ज्यादा मेहनत करते है| चुनाव के समय वह केवल 3-4 घंटे ही सोते थे एंव प्रधानमंत्री बनने के बाद भी वह 18 घंटे कार्य करते है| मेहनत से व्यक्ति का आत्मविश्वास बढ़ता है एंव सफलता के सारे रास्ते खुल जाते है| यह मोदी की मेहनत ही है जिसके कारण एक चाय बेचने वाला आज भारत का प्रधानमंत्री है|

आत्मविश्वास (self-confidence):-

Narendra Modi में गज़ब का आत्मविश्वास है| वह मुसीबतों से नहीं डरते और हमेशा प्रेरित एंव उत्साहित रहते है| आत्मविश्वास वहीँ होता है जहाँ किसी भी प्रकार का कोई “डर” नहीं होता|

सही समय पर सही निर्णय (Right Decision at Right Time):-

Modi की टाइमिंग गज़ब की है एंव वे प्रत्येक अपना प्रत्येक decision सही समय पर लेते है| Decision जितना महत्वपूर्ण होता है उसकी timing भी उतनी ही महत्वपूर्ण होती है| Narendra Modi ने शपथ समारोह में सभी देशों के प्रमुखों को बुलाकर सही टाइम पर सही decision लिया| मोदी ने हवाई वादे नहीं किये एंव उनकी सरकार के पहले बजट में भी इसी बात पर जोर दिया गया कि सबसे पहले अधूरी योजनाओं को पूरा किया जायेगा| मोदी निरंतर अपने सांसदों के साथ मीटिंग करते है एंव उन्हें ज्यादा से ज्यादा समय संसद में बिताने, काम पर ध्यान देने एंव फालतू बयानबाजी से बचने की सलाह देते है|

व्यवहारकुशलता एंव पहनावा :-

Modi की वाणी बुलंद है एंव उनके पास गज़ब की बोलने की कला है| Modi जब जनता के सामने बोलते है तो वे जनता की बात करते है और तेज आवाज से बोलते है एंव वे जब विदेशों के प्रमुखों के साथ बातचीत करते है तो बड़े आराम एंव शांतिपूर्ण तरीके के साथ बातचीत करते है|

Modi जहाँ भी जाते है वहां के हो जाते है| Modi जहाँ भी जाते है वहां की बात करते है, अगर वे राजस्थान जाते है तो राजस्थान की विशेषताओं की बात करते है एंव अगर वो नेपाल जाते है तो नेपाल की खूबसुरती की बात करते है| इसलिए उस क्षेत्र के लोगों को Modi अपने लगते है|

Modi अपने पहनावे पर विशेष ध्यान देते है एंव इसीलिए आज वे स्टाइल आइकॉन बन गए है एंव मार्केट में उनके स्टाइल के कपड़ों की विशेष डिमांड है|

सकारात्मक एंव आशावादी (Positive Thinking):-

Modi सकारात्मक सोच रखते है एंव आशावादी बनने की सलाह देते है| वे एक motivational गुरु की तरह बात करते है एंव दूसरों को प्रेरित करते रहते है| वे कार्य को सकारात्मक रूप से शुरू करते है एंव उसे पूरा करने के लिए जी जान लगा देते है| Modi आलोचनाओं की परवाह नहीं करते एंव आलोचनाओं को मुंह तोड़ जवाब देते है| वे जानते हैं कि अगर आलोचनाओं में दम नहीं है, तो वो आलोचना उनके लिए फायदेमंद हैं क्योंकि इससे बिना किसी खर्च के उनका प्रचार होता हैं|

रचनात्मक सोच (Creative Thinking):-

Modi रचनात्मक रूप से सोचते है (Creative thinking) एंव रचनात्मकता को बढ़ावा देते है| वे हमेशा समस्याओं का समाधान, creative ideas के द्वारा करते है| उन्होंने www.mygov.nic.in website launch की ताकि वे जनता से सीधे जुड़ सकें एंव जनता के महत्वपूर्ण सुझाव उन्हें प्राप्त हो सके| Modi के चुनाव प्रचार का मुख्य साधन social media थी एंव यह उनकी creative thinking को दर्शाता है |

भारत की बात करते है (India First):-

Narendra Modi अपनी पार्टी से ज्यादा भारत (India First) की बात करते है जो उन्हें अन्य पार्टियों के नेताओं से अलग बनाता है| नरेन्द्र मोदी जानते है कि अगर भारत मजबूत हुआ तो उनकी पार्टी स्वत: मजबूत हो जाएगी, लेकिन अन्य पार्टियों ने इस बात को नहीं समझा और उन्हें इसका खामियाजा चुनाव में भुगतना पड़ा| नरेन्द्र मोदी ने अपनी पार्टी को इस तरह से पेश किया है कि जनता के सामने उनसे अच्छा कोई विकल्प नहीं रहा |

परिवर्तन को अपनाते है :-

अगर इस लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और बीजेपी की तुलना करें तो उनमे सबसे बड़ा फर्क यह था कि कांग्रेस ने अपना वही पुराना तरीका अपनाया एंव जनता की भावनाओं को समझ नहीं सकी लेकिन मोदी यह समझ गए कि जनता विकास चाहती है न की धर्म की राजनीती इसलिए Narendra Modi ने अपनी किसी भी रैली में धर्म सम्बन्धी बात नहीं की|

सबको साथ लेकर चलते है :-

Modi का यह मंत्र “सबका साथ, सबका विकास” (SABAKA SATH, SABAKA VIKAS) आज अमेरिका को भी पसंद आ रहा है| मोदी हमेशा से ही सबको साथ लेकर चलने की कोशिश करते रहते है| हमेशा यह देखा गया है कि जब भी नयी सरकार बनती है तो मंत्री पद को लेकर हमेशा कोई न कोई मतभेद देखने को मिलते है लेकिन आज Modi की सरकार में आपस में कोई मतभेद नहीं है जबकि कुछ वर्षों पूर्व बीजेपी में ही एक साथ कई मतभेद देखने को मिलते थे| Modi की एक खास बात यह भी है की मतभेदों को बाहर आने से पूर्व ही वे उन्हें सुलझा देते है|

10. अनुशासन (Discipline ) :-

Modi की जब से सरकार बनी है वे एक Professional CEO की तरह कार्य कर रहे है एंव अपने सांसदों की निरंतर class ले रहे है एंव उन्हें सख्त हिदायत दे रहे है कि सांसद, संसद की कार्यवाही में भाग ले एंव समय पर संसद पहुंचे| यह उनका अनुशासन ही था कि वे दिन में एक साथ 4-5 रैलियां करते थे एंव 18-20 घंटे मेहनत करते थे|

11. शारीरिक सक्षमता:-

मोदी एक फिट नेता है एंव वे इतनी ज्यादा मेहनत करने के बावजूद कभी भी थके हुए नहीं लगते| वे हमेशा आत्मविश्वास(Confidence) से भरे हुए रहते है एंव उनका energy level कभी कम नहीं होता|

 

नोटबंदी पीएम नरेंद्र मोदी के ‘साहस’ को दिखाता है, वे सही दिशा में हैं : फ्रांस

फ्रांस ने भारत में नोटबंदी की सराहना करते हुए कहा है कि यह एक साहसिक निर्णय है जो यह बताता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर चोरी, भ्रष्टाचार तथा कालाधन के खिलाफ कितने प्रतिबद्ध हैं!

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फ्रांस के विदेश तथा अंतरराष्ट्रीय विकास मंत्री जिएन-मर्क अयराल्ट ने मोदी के विदेशी निवेश आकर्षित करने के लिए ‘उल्लेखनीय सुधार’ की भी सराहना की. उन्होंने कहा, ‘वे सही दिशा में हैं’. ‘मेक इन इंडिया’ अभियान की सराहना करते हुए उन्होंने विशेष बातचीत में कहा कि फ्रांस अपने अनुभव, विशेषज्ञता तथा प्रौद्योगिकी के साथ बड़े सहयोगी की इच्छा करता है. उन्होंने यह भी कहा कि भारत और यूरोपीय संघ को व्यापार बाधा खत्म करने के लिए ‘संयुक्त प्रयास’ करने चाहिए. साथ ही उन्होंने आयात-निर्यात व्यवस्था को आसान बनाने तथा नियमन के भरोसेमंद होने तथा स्थिरता में सुधार के संदर्भ में सुधारों की वकालत की.

चार दिन की यात्रा पर भारत आए अयराल्ट से जब नोटबंदी पर उनके विचार पूछे गए तो उन्होंने कहा, ‘मैं इस साहसिक निर्णय से प्रभावित हूं. यह बताता है कि प्रधानमंत्री मोदी कैसे कर चोरी, भ्रष्टाचार तथा कालाधन के खिलाफ लड़ाई को लेकर प्रतिबद्ध हैं. इस उपाय का मकसद डिजिटल अर्थव्यवस्था को तेजी से लागू करने के लिए अर्थव्यवस्था को आधुनिक रूप देना है’. उन्होंने कहा, ‘हम पूरी गंभीरता के साथ इन गतिविधियों को देख रहे हैं’.

अयराल्ट ने कहा, ‘भारतीय अर्थव्यवस्था उद्यमियों के लिए अच्छी संभावनाओं वाली है और हम सरकार के देश के आर्थिक विकास को समर्थन देने की प्रतिबद्धता का विश्वास करते हैं’. वायब्रेंट गुजरात में भाग लेने के लिए यहां आए फ्रांस के मंत्री ने कहा कि द्विपक्षीय आर्थिक संबंध निरंतर मजबूत हुए हैं.

सीबीआई प्रमुख के चयन के लिए पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली समिति की बैठक आज

देश की सर्वोच्च जांच एजेंसी सीबीआई के प्रमुख के चयन के लिए सोमवार को तीन सदस्यों की एक समिति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बैठक करेगी. सीबीआई निदेशक का पद 2 दिसंबर को अनिल सिन्हा के सेवानिवृत्त होने के बाद एक माह से अधिक समय से खाली पड़ा है. इस समय, गुजरात कैडर के आईपीएस अधिकारी राकेश अस्थाना जांच एजेंसी के अंतरिम निदेशक हैं!

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कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे इस चयन समिति का हिस्सा हैं. भारत के प्रधान न्यायाधीश या उनके द्वारा नामित कोई व्यक्ति भी इस समिति में होता है. आधिकारिक सूत्रों ने रविवार को कहा कि अगले सीबीआई निदेशक के लिए 45 योग्य आईपीएस अधिकारियों के नाम प्रधानमंत्री कार्यालय में भेजे गए हैं.

उन्होंने कहा कि कृष्ण चौधरी, अरुण बहुगुणा और एससी माथुर जैसे वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों के नाम इनमें शामिल हैं.

चौधरी और बहुगुणा वर्ष 1979 बैच के क्रमश: बिहार और तेलंगाना कैडर के आईपीएस अधिकारी हैं. चौधरी इंडो-तिब्बत बॉर्डर पुलिस बल के महानिदेशक हैं और बहुगुणा हैदराबाद स्थित सरदार वल्लभ भाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी के निदेशक हैं.

माथुर वर्ष 1981 बैच के महाराष्ट्र कैडर के आईपीएस अधिकारी हैं. वह महाराष्ट्र राज्य पुलिस आवास एवं कल्याण निगम लिमिटेड के साथ काम कर रहे हैं.

69वां सेना दिवस : हमारे जवानों ने कुर्बानियां देकर देश का सिर फख्र से ऊंचा रखा : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

 देश की रक्षा में जुटे रहने वाले जवानों की हिम्मत और जज़्बे को सलाम करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 69वें सेना दिवस के अवसर पर रविवार को कहा कि हमारी सेना और हमारे बहादुर जवानों ने कुर्बानियां देकर हमेशा देश का सिर फख्र से ऊंचा रखा है.

हाल ही में सेनाप्रमुख के रूप में कार्यभार संभालने वाले जनरल बिपिन रावत ने भी इस अवसर पर सेना को शुभकामनाएं दी हैं!

सेना की ईस्टर्न कमांड के कोलकाता स्थित मुख्यालय फोर्ट विलियम में बने विजय स्मारक पर भी इस मौके पर सैकड़ों जवानों, सेवानिवृत्त फौजियों तथा नागरिक हस्तियों ने शहीदों को श्रद्धासुमन अर्पित किए.

 

हमें रोज़मर्रा की ज़िन्दगी में ज़्यादा हंसी-मज़ाक की ज़रूरत : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

 दैनिक जीवन में हास्य-विनोद और व्यंग्य की वकालत करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हास्य को बेहतरीन मरहम करार दिया है और कहा है कि मुस्कान या हंसी, गाली या किसी अन्य हथियार की तुलना में अधिक ताकतवर है!

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दिवंगत चो रामास्वामी द्वारा शुरू की गई तमिल पत्रिका ‘तुगलक’ की 47वीं जयंती को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खासकर इन मशहूर पत्रकार की हास्य-व्यंग्य की क्षमता का उल्लेख किया तथा दैनिक जीवन में उसकी और मांग की. प्रधानमंत्री ने कहा ‘मैं समझता हूं कि हमें और व्यंग्य एवं हास्य-विनोद की ज़रूरत है. हास्य-विनोद हमारे जीवन में खुशी लाता है. हास्य-विनोद बेहतरीन मरहम है. मुस्कान या हंसी की ताकत गाली या किसी भी अन्य हथियार की ताकत से अधिक है.’

प्रधानमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिये नई दिल्ली से कहा ‘हास्य-विनोद तोड़ने के बजाय जोड़ता है, और आज हमें इसी की ज़रूरत है. लोगों के बीच, समुदायों के बीच, समाजों के बीच सेतु बनाना.’ अपने मित्र रामास्वामी की प्रशंसा करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि अभिनेता-पत्रकार को हास्य-व्यंग्य में महारत हासिल थी और वह एक वाक्य या कार्टून के ज़रिये अपनी बात कहने में माहिर थे.

उन्होंने उनके लिए रामास्वामी द्वारा बनाए गए एक कार्टून को याद किया और कहा कि यह वर्तमान स्थिति को बताने के लिए उचित था. उन्होंने कहा ‘यह मुझे चो के एक कार्टून की याद दिलाता है, जहां लोग बंदूक से मुझे निशाना बना रहे हैं और आम लोग मेरे आगे खड़े हैं. चो पूछते हैं, असली निशाना कौन है, मैं या आम लोग…? आज के संदर्भ में यह कार्टून कितना उचित है.’ प्रधानमंत्री ने गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के दिनों से ही उनके करीबी समझे जाने वाले चो रामास्वामी को श्रद्धांजलि दी.

विश्व पुस्तक मेले में हुआ पीएम मोदी की ‘मन की बात’ की किताब का विमोचन

केन्द्रीय मंत्री जुएल उरांव ने बुधवार को दिल्‍ली के प्रगति मैदान में चल रहे विश्व पुस्तक मेले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मासिक रेडियो प्रसारण ‘मन की बात’ के संग्रह वाली एक पुस्तक का विमोचन किया. प्रधानमंत्री इस कार्यक्रम में विभिन्न मुद्दों पर राष्ट्र को संबोधित करते हैं!

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उत्तर प्रदेश के फैजाबाद के शोधार्थी 29 वर्षीय राजीव गुप्ता द्वारा संग्रहित पुस्तक में तीन अक्तूबर 2014 से 27 नवंबर 2016 के बीच ‘मन की बात’ के भागों के प्रसारण को समाहित किया गया है.

मेले में ‘प्रधानमंत्री के मन की बात’ पुस्तक के विमोचन के मौके पर आदिवासी मामलों के मंत्री ने लिखित रूप में प्रधानमंत्री के भाषणों को रिकॉर्ड करने में राजीव गुप्ता के प्रयासों की सराहना की. उन्होंने कहा कि मन की बात के भाग यूट्यूब और दूरदर्शन की वेबसाइट पर उपलब्ध है, फिर भी पुस्तक का हमेशा स्वागत है, क्योंकि लोग खाली समय में इस पर आसानी से नजर डाल सकते हैं.

राष्ट्रीय पुस्तक न्यास के प्रमुख बल्देव राज शर्मा ने कहा कि मन की बात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लोगों से जुड़ने का प्रयास है. और प्रधानमंत्री ने इसमें स्वच्छता, नशीले पदार्थों के सेवन और बेटी बचाओ, बेटी पढाओ को बढ़ावा देने की नीति जैसे विषयों को रेखांकित किया है.

भारत को ढाई साल में 130 अरब डॉलर का विदेशी निवेश मिला : पीएम नरेंद्र मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि सरकार ने देश में कारोबार का माहौल सुधारने के लिए कदम उठाए हैं, जिससे पिछले ढाई साल में देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) का प्रवाह 130 अरब डॉलर पर पहुंच गया है!

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मोदी ने वाइब्रेंट गुजरात सम्मेलन में निवेशकों को संबोधित करते हुए कहा कि ‘मेक इन इंडिया’ अब देश का सबसे बड़ा ब्रांड बन गया है. उन्होंने कहा कि पिछले दो वित्त वर्षों में एफडीआई का प्रवाह इससे पिछले दो वित्त वर्षों से 66 प्रतिशत अधिक रहा है. पिछले साल एफडीआई का प्रवाह अब तक का सर्वाधिक रहा है.

उन्होंने कहा कि पिछले दो साल में जिन देशों से और जिन क्षेत्रों में एफडीआई आया है, उसका विविधीकरण हुआ है.

प्रधानमंत्री ने कहा, ”कारोबार के लिए अनुकूल वातावरण उपलब्ध कराना और निवेश आकषिर्त करना मेरी शीर्ष प्राथमिकताओं में है. हमें युवाओं के लिए अवसर पैदा करने को यह करना होगा”.

‘मेक इन इंडिया’ देश का सबसे बड़ा ब्रांड बन गया है : वाइब्रेंट गुजरात समिट में पीएम मोदी के भाषण की खास बातें

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8वें वाइब्रेंट गुजरात समिट में कहा कि ऐसा कहा जाता है कि लोकतंत्र शीघ्र परिणाम और सुशासन नहीं प्रदान कर सकता, लेकिन हमने पिछले ढाई साल में देखा है कि यह संभव है!

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उन्होंने कहा कि हमने अथक प्रयास किया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया में सबसे अधिक डिजिटल बने और मैं यह बतानें गर्व महसूस कर रहा हूं कि यह आपके सामने हो रहा है. इस सम्मेलन में पीएम मोदी के संबोधन की कुछ खास बातें-

  • हर बीतते महीने के साथ भारत व्यापार के लिहाज से एक सुगम स्थान बनता जा रहा है.
  • आप सभी देखेंगे कि भारत जल्द ही दुनिया में व्यापार करने के लिहाज से सर्वोत्तम स्थल होगा.
  • आर्थिक सुधारों के लिए हमने कई अहम कदम उठाए हैं- जैसे जीएसटी, आईपीआर, दिवालिया कानून आदि
  • ग्लोबल रिपोर्ट में भारत की रैंकिंग में उछाल आया है.
  • ‘मेक इन इंडिया’ अब देश का सबसे बड़ा ब्रांड बन गया है.
  • पिछले साल एफडीआई का प्रवाह अब तक का सर्वाधिक रहा है.
  • मई 2014 के बाद एफडीआई 130 अरब डालर पर पहुंच गया.
  • यह भारतीय अर्थव्यवस्था में विदेशी निवेशकों के भरोसे को प्रतिबिंबित करता है.
  • लाइसेंस की प्रक्रिया तथा मंजूरी, रिटर्न तथा जांच से संबंधित प्रावधानों के लिए निर्णायक कदम उठाए गए हैं
  • ढाई साल से सरकार ने भारत की क्षमता को हकीकत में बदलने के लिए दिन-रात काम किया है!!