Monthly Archives: January 2017

डिजिटल पेमेंट को जबरदस्त बढ़ावा, अब तक 4 लाख लोगों की खुली लॉटरी

सरकार ने नोटबंदी के बाद लेस कैश इकोनॉमी को बढावा देने के लिए आम आदमी को प्रोत्साहन देने का नया फार्मूला ढूंढ निकाला. सरकार ने एक लकी ग्राहक योजना और डीजी धन व्यापार योजना शुरू की. अब तक इस योजना के तहत देश भर में 24 डिजी धन मेला आयोजित किए जा चुके हैं. अब तक 3.81 लाख उपभोक्ताओं औक 21000 व्यापारियों को 60.90 करोड़ रुपयों का इनाम दिया जा चुका है. ये य़ोजना 25 दिसंबर को वित्त मंत्री अरुण जेटली और आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने लागू की थी, जो 14 अप्रैल 2017 तक चलेगी.

आशुतोष मिश्रा, उम्र 24साल. रामपुर ओडिशा में एक मोबाईल की छोटी दुकान के मालिक- लकी ड्रा में जीते 10000 रुपये

स्वाति नारायण, 34 साल, रांची, गृहिणी,  लकी ड्रा में जीते 10000

भुवनेश्वर साह—25 साल, नौकरीपेशा, लकी ड्रा में जीते 1 लाख रुपए

इसे कहते हैं ‘हींग न फिटकिरी, रंग पड़े चोखा’. ऐसे लोगों की ये एक लंबी लिस्ट है हर उम्र और हर तबके के लोग शामिल हैं. खास बात ये है कि इनमें से ज्यादातर विजेता 21 से 30 वर्ष की आयु वाले हैं. न तो इन्होंने कोई लाटरी का टिकट खरीदा था, न ही कोई ईनामी कूपन. इन सबको इनाम मिला है अपने हर भुगतान में डिजिटल पेमेंट करने का.

नेशनल पेमेंट कार्पोरेशन के आंकडों की मानें तो अब तक माहाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक देश के पांच शीर्ष राज्यों के रुप में उभरकर सामने आए हैं, जिन्होंने डिजिटल पेमेंट को जोर शोर से अपनाया है. सरकार की तरफ से आम आदमी को प्रोत्साहन देने की योजना के तहत हर रोज 15000 विजेताओं का ऐलान हो रहा है. इसकी ईनामी राशि 1.5 करोड रुपये है, यानि 1000 रुपये प्रति व्यक्ति. इसके अलावा साप्ताहिक ड्रा के लिए हर हफ्ते 14000 विजेताओं का ऐलान किया जा रहा है यानि कुल इनामी राशि 8.3करोड रुपए. लकी ड्रा कुल मिला कर 100 डिजी धन मेले में निकाले जाएंगे और ये देश के विभिन्न शहरों में आयोजित किए जाएंगे.

सभी उपभोक्ता और व्यापारी जो रुपे कार्ड, बीएचआईएम यानि भीम, य़ूपीआई, यूएसएसडी, आधार पेमेंट सर्विस के माध्यम से पेमेंट कर रहे हों, इस इनाम के हकदार हो जाते हैं. अब तो रोजाना और हर हफ्ते लकी ड्रा के बाद इंतजार है, 14 अप्रैल को होने वाले लकी ड्रा का. एक आम आदमी को ये मेगा पुरस्कार मिल जाता है तो वो सीधा करोड़पति बन जाएगा. इस योजना के तहत पहला पुरस्कार 1 करोड़, दूसरा पुरस्कार 50 लाख और तीसरा पुरस्कार 25 लाख का होगा. छोटे व्यापारियों के लिए भी खासा शुभ संदेश है क्योंकि इनके लिए पहला पुरस्कार 50 लाख, दूसरा 25 लाख और तीसरा 12 लाख होगा. पूरी योजना में कुल 18.75 लाख लोग लाभान्वित होंगे. पूरी योजना के लिए सररकार ने 340 करोड रुपए रखे हैं, जिसमें 300 करोड रुपए पुरस्कार के लिए और 40 करोड़ इसके लिए चलाए जाने वाले जागरुकता अभियान के लिए रखे हैं.

पीएम मोदी ने जब नोटबंदी का ऐलान किया और देश को डिजटल पेमेंट की दिशा में बढ़ाने की बात की तो विविधताओं से भरे इस देश में ये संभव कैसे होगा. यहां जरूरत थी आउट ऑफ बॉक्स थिंकिंग की. यहीं शुरुआत हुई लकी ड्रा योजना की. अब उम्मीद यही की जा रही है कि इन विजेताओं को देख कर हर व्यक्ति उत्साहित होगा और देश डिजिटल पेमेंट की दिशा में और सफलता से आगे बढ़ेगा.

सुभाषचंद्र बोस की जयंती पर पीएम मोदी का ट्वीट- नेताजी से जुड़ी फाइलों को सार्वजनिक करना गौरव की बात

 नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके साहस को सलाम करते हुए कहा कि देश को स्वतंत्रता दिलाने में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. पीएम मोदी ने ट्वीट किया, नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की जयंती पर मैं उन्हें सलाम करता हूं. उनके साहस ने भारत को उपनिवेशवाद से मुक्त कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. उन्होंने कहा कि नेताजी महान बुद्धिजीवी थे जिन्होंने हमेशा समाज के वंचित तबके के हितों और कल्याण के बारे में सोचा!

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इस अवसर पर पीएम मोदी ने यह भी बताया कि उनकी सरकार ने नेताजी से जुड़ी फाइलों को सार्वजनिक किया है. एक अन्य ट्वीट में प्रधानमंत्री ने कहा, गौरव की बात है कि हमारी सरकार को नेताजी बोस से जुड़ी फाइलें सार्वजनिक करने का और दशकों से लंबित लोकप्रिय मांग पूरा करने का अवसर मिला.

गौरतलब है कि सुभाष चंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी 1897 को कटक में हुआ था. उन्होंने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जापान के सहयोग से आजाद हिन्द फौज का गठन किया था. उनके द्वारा दिया गया ‘जय हिन्द’ और ‘तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा’ का नारे ने स्वतंत्रता संग्राम के लिए लड़ने वालों में जोश भर दिया था.

 

पीएम मोदी ने डोनाल्ड ट्रंप को दी बधाई, कहा- आपके साथ काम करने को लेकर आशावान

डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका के 45 वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ले ली है. माना जा रहा है कि ट्रंप की पारी के साथ भारत-अमेरिका संबंधों का नया अध्याय शुरू होगा. भारत सरकार इसको लेकर आशावान है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को डोनाल्ड ट्रंप को बधाई दी!

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मोदी ने कहा कि वे द्विपक्षीय संबंधों को प्रगाढ़ बनाने और सहयोग की पूरी क्षमता का दोहन करने के लिए उनके साथ मिलकर काम करने को लेकर आशावान हैं.

डोनाल्ड ट्रंप के शपथ लेने के तत्काल बाद पीएम मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘डोनाल्ड ट्रंप, अमेरिका के राष्ट्रपति का पदभार संभालने पर आपको बधाई. आपको शुभकामनाएं कि आप आने वाले वर्षों में अमेरिका को पहले से बड़ी उपलब्धियों की ओर ले जाएं.’’

उन्होंने कहा, ‘‘भारत-अमेरिका संबंधों को प्रगाढ़ बनाने और सहयोग की पूरी क्षमता का दोहन करने के लिए राष्ट्रपति ट्रंप के साथ मिलकर काम करने को आशावान हूं.’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत-अमेरिका साझेदारी हमारे साझा मूल्यों और साझा हितों में निहित है.

 

 

अब सीधा पीएम मोदी से शेयर करें परीक्षा के खट्टे-मीठे अनुभव

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हर महीने की तरह इस महीने के अंतिम रविवार को भी देश की जनता को अपने खास कार्यक्रम ‘मन की बात’ से संबोधित करेंगें. इस महीने पीएम मन की बात में उन स्टूडेंट्स को संबोधित करेंगे जो बोर्ड एग्जाम या किसी भी तरह के कम्पीटिशन एग्जाम के लिए तैयारी कर रहे हैं.

इसके लिए पीएम ने देश की जनता को आमंत्रित किया है, खासतौर पर स्टूडेंट्स, पेरेंट्स और टीचरों को जो अपने एग्जाम से जुड़े एक्सपीरियंस शेयर कर सकें. ये एक्सपीरियंस एग्जाम की तैयारी के बारे में भी हो सकते है और बच्चों की तैयारी में माता- पिता और टीचरों के रोल से जुड़े भी हो सकते है. इसके साथ ही अगर एग्जाम से जुड़ा कोई ऐसा खास एक्सपीरियंस हो जो अब तक आपको याद हो.

अपने व्यू शेयर करने के लिए आप टोल फ्री नंबर 1800-11-7800 पर कॉल कर पीएम के लिए अपना मैसेज रिकॉर्ड कर सकते हैं, ये मैसेज आप हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में कर सकते हैं। रिकॉर्ड किए गए इन मैसेज में से कुछ मैसेज को पीएम के शो ‘मन की बात’ में साझा किया जाएगा.

इसके अलावा आप 1922 पर मिस्ड कॉल कर सकते हैं जिसके बाद एक एसएमएस (मैसेज) के जरिए एक लिंक आपके फोन पर आएगा जहां से आप सीधा पीएम तक अपना मैसेज भेज सकते हैं. ‘मन की बात’ इस महीने 29 जनवरी 2017 को सुबह 11 बजे प्रसारित होगा.

देहरादून: संयुक्त कमांडर कांफ्रेंस कल, पीएम मोदी करेंगे शिरकत

इंडियन मिलिट्री एकेडमी (आईएमए) देहरादून में शनिवार को कमांडर कांफ्रेंस होने जा रही है. कांफ्रेंस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर शनिवार को देहरादून पहुंच रहे हैं. कांफ्रेंस में भारत के तीनों सेना प्रमुख, एनएसए अजित डोभाल और सभी कमान के चीफ देहरादून पहुंच रहे हैं.

क्या है कमांडर कांफ्रेंस

कमांडर कांफ्रेंस में देश की सभी कमान जैसे मध्य कमान, नॉर्दन कमान, सदर्न कमान के चीफ भाग लेते हैं. इस दौरान भारत के तीनों सैन्य प्रमुख भी मौजूद रहे हैं. कांफ्रेंस में प्रधानमन्त्री और रक्षामंत्री मौजूद रहते हैं. शनिवार सुबह 9.30 से दोपहर 3.30 बजे तक इंडियन मिलिट्री एकेडमी (आईएमए) देहरादून में कमांडर्स कांफ्रेंस का आयोजन होगा.

कांफ्रेंस का मिनट टू मिनट प्रोग्राम

शुक्रवार दोपहर तीनों सेना प्रमुख देहरादून पहुंचेंगे. इसके बाद एनएसए अजित डोभाल भी शुक्रवार शाम साढ़े 4 बजे ही जोलीग्रांट एयरपोर्ट से देहरादून में राजपुर रोड स्थित मधुवन होटल पहुंचेंगे. शनिवार सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर दिल्ली से देहरादून पहुंचेंगे. पीएम मोदी और रक्षामंत्री पर्रिकर शनिवार सुबह साढ़े 9 बजे कमांडर कांफ्रेंस में भाग लेने आईएमए पहुंचेंगे. शनिवार सुबह 9.30 से दोपहर 3.30 बजे तक इंडियन मिलिट्री एकेडमी (आईएमए) देहरादून में कमांडर्स कांफ्रेंस का आयोजन होगा.

पीएम मोदी ने एटा स्कूल बस हादसे पर जताया शोक

एटा स्कूल बस हादसे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने गहरा शोक व्यक्त करते हुए घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना की है. बता दें गुरुवार सुबह कोहरे की वजह से जेएस पब्लिक स्कूल बस की टक्कर ट्रक से हो गई इस हादसे में 25 बच्चों की दर्दनाक मौत हो गई जबकि 30 से ज्यादा घायल हैं.

प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर कहा, “यूपी के एटा जिले में हुए सड़क हादसे से मैं दुखी हूं. मैं शोकाकुल परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं और प्रार्थना करता हूं कि मृतक बच्चों की आत्मा को शांति मिले. मैं प्रार्थना करता हूं कि जो भी हादसे में घायल हुए हैं वह जल्द से जल्द स्वस्थ हो जाएं.”

पीएम मोदी ने दिए संकेत, क्रिकेट के अलावा अन्य खेलों को भी मिलेगा प्रोत्साहन

नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को गुजरात के कच्छ में हो रहे पर्यटन, कल्चर और खेल मंत्रालयों के सम्मेलन को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित किया। यह संबोधन पीएम मोदी ने दिल्ली से किया है। उन्होंने संबोधन में कहा कि यह बहुत जरूरी है कि हम देश को बदलने के संदर्भ में जो भी काम कर रहे हैं उसे अच्छे से समझें। हमें यह सोचना चाहिए कि किस तरह से देश के युवाओं की ताकत से एक बेहतर भारत बनाया जा सकता है, क्योंकि हमारी अधिकतम आबादी 35 साल से कम की है।

पीएम मोदी ने कहा कि सिर्फ इंफ्रास्ट्रक्चर मुहैया कराना काफी नहीं है, बल्कि खेलों के लिए अनुकूल माहौल मुहैया कराना भी बहुत जरूरी है, जैसा माहौल भारत में क्रिकेट के लिए है। लेकिन भारत में क्रिकेट के अलावा भी बहुत कुछ है। इसके लिए हमें खिलाड़ियों की प्रतिभा को जिला स्तर पर ही पहचानने की जरूरत है। मुझे भरोसा है कि हर सरकार खेलों को लोकप्रिय बनाना चाहती है, इसलिए हमें खेलों के लिए एक इंस्टीट्यूशनल मैनेजमेंट बनाने पर जोर देना होगा।

अगर हमारे अंदर हमारे कल्चर के लिए गर्व की भावना है तो हम इसका पूरे देश पर एक गहरा असर डाल सकते हैं। अलग-अलग संगीत से लेकर खाने तक सब कुछ हमारे कल्चरल हेरिटेज का हिस्सा है, जिसे पूरी दुनिया के सामने लाया जाना चाहिए। जहां तक पर्यटन की बात है तो भारत में पर्यटन के बहुत से मौके हैं, जिससे हम दुनिया को भारत आने के लिए प्रेरित कर सकते हैं। अगर हम पहले से ही टारगेट निश्चित करते हुए काम करें तो कम खर्च में अधिक काम किया जा सकता है।

पीएम मोदी बने सोशल मीडिया पर दुनिया में सबसे ज्यादा फॉलो किए जाने वाले राजनेता

आज जो बात भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को देश और दुनिया के बाकी नेताओं से अलग करती है, वो है डिजिटल दुनिया कि तमाम आधुनिक तकनीक की उनकी समझ और उसके इस्तेमाल मे उनका खुलापन. सत्ता संभाले ढाई साल हो रहे हैं और देश इस तकनीकी के प्रयोग का इतना आदी हो चला है कि लेसकैश इकोनॉमी में बदलने में मुश्किलें भी कम ही आ रहीं हैं. ये पीएम मोदी की कोशिशों का नतीजा है कि गरीबों के खातों में सब्सिडी और दूसरी सरकारी मदद सीधे खाताधारियों के खाते में पहुचीं. अब तक 1.5लाख करोड़ रुपये सीधे 32 करोड़ लोगों को खाते में ट्रांसफर किए जा चुके हैं.  देश भर में अब गरीब भी मोबाईल फोन के इस्तेमाल से भुगतान की तकनीकी जानने लगा है. गवर्नेंस में टेक्नोलॉजी का ऐसा इस्तेमाल अब से पहले शायद आजाद भारत में संभव नजर नहीं आ रहा था.

जब पूरी दुनिया की निगाहें लगीं हैं राष्ट्रपति बराक ओबामा की विदाई और डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने पर चर्चा करने में, भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बन गए हैं दुनिया भर में सबसे ज्यादा सोशल मीडिया पर फॉलो किए जाने वाले राष्ट्राध्यक्ष. फेसबुक हो या फिर ट्विटर, यू ट्यूब या गूगल प्लस. पीएम मोदी को फॉलो करने वालों की संख्या अब सबसे ज्यादा हो गई है. ये एक ऐसी घटना है जो पांच साल पहले कल्पना से परे थी. लेकिन बाकी क्षेत्रों की तरह एक भारतीय ने ये सफलता भी पा ली.

पीएमओ के सूत्र बताते हैं की हर कोई जानता है कि पीएम खुद तकनीकी और संचार के आधुनिक तंत्रों के इस्तेमाल के लिए कितने तत्पर रहते हैं. पर ये बात हर कोई नही जानता कि शासन से लेकर आम आदमी खासकर युवाओं तक पहुंचने के लिए वे इस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किस हद तक करते हैं.

पीएमओ के सूत्र बताते हैं कि सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर पीएम मोदी को फॉलो करने वालों की संख्या खासी है…

ट्वीटर-पीएम को फॉलो करने वालों की संख्या 26.5 मिलियन

फेसबुक-39.2 मिलियन

गूगल प्लस-3.2 मिलियन

लिंक्डइन-1.99 मिलियन

इंस्टाग्राम-5.8 मिलियन

यू-ट्यूब-5.91 मिलियन

अब पीएम खुद सोशल मीडिया के इस्तेमाल से जनता से लगातार जुडते जा रहे हैं. यहां तक कि गवर्नेंस भी डिजिटल होने से सरकारी कामकाज में भी तेजी आई है. जब पीएम सीधा जनता से संवाद कर रहे हों, वो भी 140 शब्दों के ट्वीट से, कैंपेन के नए-नए तरीके इजाद कर के. जिसकी देश भर में क्या? दुनिया भर में तारीफ तो होनी ही थी. पीएम मोदी के मोबाईल एप्प के 10 लाख डाउनलोड हो चुके हैं. एक बार फिर गिनती की जाए तो ये किसी भी राजनेता से कहीं ज्यादा है. बात अगर पिछली सरकारों की हो तो ये किसी से छुपा नही कि पीएम और पीएमओ के आम आदमी से संवाद सिर्फ इ-मेल या फिर खतों के माध्यम से होते थे. इन चिठ्ठियों को ट्रैक कर पाना खासा मुश्किल काम था. अब पीएमओ में एक वेबसाईट बनी ही है लोगों की शिकायतें सुनने और उन्हें दूर करने में. यहां तक की दूसरे विभागों की शिकायतों पर भी पैनी निगाह रखी जा रही है. ये सब तो तकनीकी के इस्तेमाल का ही नतीजा है.

पीएम मोदी खुद हर महीने प्रगति सत्र के माध्यम से देश भर के कलक्टरों और मुख्य सचिवों से लोगों की मुश्किलों और सिस्टम मे आ रही रुकावटों पर माथापच्ची करते हैं। एक आम नागरिक पीएम को खुद भी सलाह दे सकता है MyGov.in वेबसाईट पर. ढ़ाई साल में आलम ये है कि पोर्टल के 4 मीलियन मेंबर हैं और अब पूरी दुनिया में लोगों की भागीदारी का एक मॉडल बन कर उभरा है. अब नेता खुद पूरी तरह तकनीकी का इस्तेमाल कर आम आदमी से सीधा संवाद कायम कर रहा है तो फिर बाकी नेता और मंत्री भला पीछे कैसे रहते. हर मंत्री और नेता लगे हैं अपने नेता को फॉलो कर सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों से सीधा संवाद कायम करने में. प्रतिपक्ष के नेताओं ने भी अब लगता है सोशल मीडिया का महत्व समझ लिया है. इसलिए ये क्रांति ऐसी है जिसने राजनीति की दिशा और दशा बदल दी है। और इसके लिए पीएम मोदी को इतिहास में याद जरुर किया जाएगा.

विदाई से पहले अपने चाय वाले दोस्त को फोन करना नहीं भूले ओबामा

अमेरिकी राष्‍ट्रपति बराक ओबामा 20 जनवरी को अपने पद से रिटायर हो रहे हैं और व्‍हाइट हाउस से अपनी विदाई से पहले ओबामा ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से टेलीफोन पर बात की। ओबामा ने फोन पर पीएम मोदी को भारत और अमेरिका को करीब लाने के लिए की गई उनकी कोशिशों का शुक्रिया अदा किया। व्‍हाइट हाउस की ओर से यह जानकारी दी गई है।

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ओबामा ने दी गणतंत्र दिवस की बधाई
व्‍हाइट हाउस की ओर से एक रीडआउट जारी किया गया है। बुधवार को जारी इस रीडआउट के मुताबिक ओबामा ने फोन पर पीएम मोदी से बात की और उन्‍हें उनकी साझेदारी के लिए थैंक्‍स कहा। साथ ही ओबामा ने दोनों देशों के बीच डिफेंस, सिविल-न्‍यूक्लियर एनर्जी और दोनों देशों के बीच संपर्क बढ़ाने के लिए की गई साझा कोशिशों की समीक्षा करने के लिए भी शुक्रिया अदा किया। व्‍हाइट हाउस की ओर से कहा गया, ‘वर्ष 2015 में गणतंत्र दिवस समारोह में बतौर मुख्‍य अतिथि बनकर भारत जाने वाले अपने दौर को ओबामा ने याद किया। राष्‍ट्रपति ओबामा ने प्रधानमंत्री को भारत के 68वें गणतंत्र दिवस की भी बधाईयां दीं।’

मोदी को बधाई देने वाले पहले नेता
ओबामा टेलीफोन पर बातचीत के दौरान दोनों नेताओं ने साझा आर्थिक और सुरक्षा प्राथमिकताओं की दिशा में हुई प्रगति पर भी चर्चा की। इस चर्चा में अमेरिका की ओर से भारत को अपने सबसे बड़े रक्षा साझीदार के तौर पर पहचाने पर भी बातचीत हुई। इसके अलावा क्‍लाइमेट चेंज पर भी दोनों नेताओं ने बातचीत की। ओबामा दुनिया के पहले नेता थे जिन्‍होंने वर्ष 2014 के लोकसभा चुनावों में पीएम मोदी को मिली विशाल जीत पर सबसे पहले बधाई दी थी। उसी समय ओबामा ने पीएम मोदी को व्‍हाइट हाउस आने का निमंत्रण दिया। सितंबर 2014 में दोनों नेताओं की व्‍हाइट हाउस में पहली मुलाकात हुई। तब से लेकर दोनों नेताओं के बीच आठ मुलाकातें हुईं। भारत और अमेरिकी नेताओं के बीच होने वाली मुलाकातों में यह एक रिकॉर्ड था।

दोनों ने बांधे एक-दूसरे की तारीफों के पुल
सहायक विदेश सचिव निशा देसाई बिस्‍वाल ने बताया कि दो नेताओं के बीच काफी अच्‍छे रिश्‍ते हैं। उन्‍होंने कहा कि दोनों नेता व्‍यक्तिगत तौर पर एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। राष्‍ट्रपति ओबामा ने पीएम मोदी की कई मौकों पर तारीफ की है। ओबामा के शब्‍दों को टाइम मैगजीन ने पीएम मोदी की प्रोफाइल में शामिल किया। इसके अलावा पीएम मोदी ने भी हमेशा ओबामा के मूल्‍यों, उनके नेतृत्‍व के तरीकों की सार्वजनिक तौर पर प्रशंसा की है।

भारत से वार्ता के लिए पाकिस्तान को आतंकवाद से दूर होना होगा : पीएम नरेंद्र मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान को दो-टूक संदेश देते हुए कहा है कि यदि वह भारत से वार्ता करना चाहता है तो उसे आतंकवाद से दूर रहना होगा. भारत अकेले शांति के रास्ते पर नहीं चल सकता. पीएम मोदी ने रायसीना डायलॉग का शुभारंभ करते हुए अपने संबोधन में कहा कि दक्षिण एशिया में शांतिपूर्ण रिश्ते चाहिए. उन्‍होंने कहा कि दक्षिण एशिया में शांति और स्थिरता को बढ़ावा देने और पड़ोसियों के साथ अच्‍छे संबंध बनाने के मकसद से उन्‍होंने अपने शपथ ग्रहण समारोह में पाकिस्‍तान समेत सार्क देशों के नेताओं को निमंत्रण दिया. उन्‍होंने सख्‍त संदेश देते हुए कहा कि हमको आतंक से धर्म को पृथक करना होगा. आतंक का समर्थन और निर्यात करने वाले पड़ोसियों को नजरअंदाज करने की जरूरत है.

पीएम मोदी ने कहा कि 2014 में भारत के लोगों ने स्‍पष्‍ट रूप से बदलाव के लिए हमको जनादेश दिया. वह केवल प्रवृत्ति में नहीं बल्कि मानसिकता में बदलाव के लिए था ताकि साहसिक निर्णय लिया जा सके. उन्होंने कहा कि सुधार तब तक पर्याप्त नहीं जब तक अर्थव्यवस्था और समाज में बदलाव न हो.

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चीन की चर्चा
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आसियान और उसके सदस्य देशों के साथ व्यापार, तकनीक, निवेश, सुरक्षा जैसे मसलों पर हमारी साझेदारी है. चीन के मुद्दे पर बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा कि चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग और हमारे बीच इस बात पर सहमति बनी है कि द्विपक्षीय संबंधों की मजबूती के लिए व्यापक आर्थिक गतिविधियों को बढ़ाना चाहिए. इसके साथ ही उन्होंने जोड़ा कि भारत और चीन के विकास से इन दोनों के बीच ही केवल अपार मौके सृजित नहीं होंगे, बल्कि वैश्विक रूप से ऐसा संभव होगा.

हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि ऐसा अस्वाभाविक नहीं है कि दो बड़े पड़ोसियों के बीच मतभेद नहीं हों. हम दोनों ही देशों को एक-दूसरे की मुख्य चिंताओं और हितों के प्रति संवेदनशीलता और सम्मान दिखाने की जरूरत है. मौजूदा अनुभव बताता है कि यह सदी एशिया की होगी.

‘रायसीना डायलॉग’ में 65 देशों के प्रतिनिधि शामिल
भारत के महत्वाकांक्षी भू-राजनीतिक सम्मेलन रायसीना डायलॉग में 65 देशों के 250 से ज्यादा प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं. सम्मेलन में नई चुनौतियों एवं साइबर सुरक्षा सहित कई रणनीति मुद्दों पर मंथन होगा. पिछले साल मार्च में रायसीना डायलॉग के सफल आयोजन के बाद विदेश मंत्रालय ‘ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन (ओआरएफ) के साथ मिलकर इस सम्मेलन के दूसरे संस्करण का आयोजन कर रहा है. इस सम्मेलन का थीम ‘दि न्यू नॉर्मल: मल्टीलेटरलिज्म विद मल्टी-पोलैरिटी’ है.