Monthly Archives: December 2016

दिवंगत चो रामास्वामी के बारे में पीएम का ट्वीट, उन्होंने मुझे ‘मौत का सौदागर’ कहा था…

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वरिष्ठ पत्रकार चो रामास्वामी के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए माइक्रो-ब्लॉगिंग वेबसाइट ट्विटर पर एक वीडियो शेयर किया, जिसमें चो ने उनका परिचय ‘मौत का सौदागर’ के रूप में करवाया था!

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एक के बाद एक किए ट्वीट में प्रधानमंत्री ने चो रामास्वामी को ‘बहुआयामी व्यक्तित्व, बेहद उच्चकोटि का बुद्धिजीवी, पक्का राष्ट्रवादी तथा निडर आवाज़’ बताया, जिसका चौतरफा सम्मान होता था और जिन्हें हर जगह पसंद किया जाता था.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो के साथ ट्वीट में लिखा, “चो रामास्वामी ने मेरा परिचय मौत के सौदागर के रूप में करवाया…” यह वीडियो उस वक्त का है, जब वह तीसरी बार गुजरात के मुख्यमंत्री चुने गए थे.

वीडियो में चो ने कहा, “अब मैं आमंत्रित करता हूं… मौत के सौदागर को…” और इस पर प्रधानमंत्री तथा श्रोताओं की ओर से ठहाके सुनाई दिए. चो आगे कहते हैं, “आतंकवाद के लिए मौत का सौदागर… भ्रष्टाचार के लिए मौत का सौदागर… भाई-भतीजावाद के लिए मौत का सौदागर… अधिकारियों के नाकारापन के लिए मौत का सौदागर… नौकरशाही की लापरवाहियों के लिए मौत का सौदागर… गरीबी और अज्ञान के लिए मौत का सौदागर… अंधकार और हताशा के लिए मौत का सौदागर…”

 

नोटबंदी के फायदे जनता को समझाएं, सिर्फ सरकार की ज़िम्मेदारी नहीं : बीजेपी सांसदों से पीएम

 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) संसदीय दल की बैठक में अपने संबोधन में पार्टी सांसदों से लोगों को नोटबंदी से होने वाले फायदों तथा कैशलेस व डिजिटल लेन-देन के बारे में जानकारी देने को कहा. बैठक में नोटबंदी का समर्थन करने के लिए देशभर के लोगों को धन्यवाद भी दिया गया और इसके लिए प्रस्ताव भी पास किया गया!

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जिस तरह आप चुनाव प्रचार करते हैं, उसी तरह नोटबंदी और डिजिटल लेनदेन का प्रचार ज़मीनी स्तर पर कीजिए, क्योंकि यह सिर्फ सरकार की ज़िम्मेदारी नहीं है. आप जनता से जुड़े हैं, सो, उनके बीच जाइए और कैशलेस डिजिटाइज़ेशन जनता को समझाइए. जनशक्ति हमारे साथ है, और जनशक्ति हमेशा राजशक्ति से ऊपर रहती है.

पीएम ने कहा, प्राकृतिक आपदा में लोग एक-दूसरे की मदद करते हैं, और इसी तरह बैंकों-एटीएम के बाहर खड़े लोगों ने धैर्य दिखाया है. उनमें अनुशासन भी देखने लायक है, क्योंकि लोग अपनी चप्पल लाइन में छोड़ जाते हैं, और जब उनका नंबर आता है, तब आ जाते हैं.

प्रधानमंत्री ने रसोई गैस सब्सिडी का उदाहरण देकर भी अपनी बात को समझाया. उन्होंने कहा, “पहले यह बात होती थी कि कितने सिलेंडर मिलेंगे – नौ या 12… हमने जनता से सब्सिडी छोड़ने की अपील की, और उसका असर देखिए… जनता के समर्थन से सब कुछ हो सकता है… सो, विपक्ष और मीडिया चाहे जो कहता रहे, आप जनता तक अपनी बात पहुंचाइए…”

बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद न चलने देने के लिए विपक्ष को भी आड़े हाथ लिया, और कहा, “विपक्ष सदन नहीं चलने दे रहा… मैं राज्यसभा गया, लेकिन विपक्ष नारे लगाता रहा… मैं फिर भी बैठा रहता हूं… हम चर्चा के लिए तैयार हैं, लेकिन वे चर्चा नहीं करते… सो, आप लोग विपक्ष को एक्सपोज़ कीजिए…”

‘PM ने ‘टाइम पर्सन ऑफ द ईयर’ पोल जीता, यह है नोटबंदी पर जनता के समर्थन का सबूत’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को पार्टी सांसदों से आग्रह किया कि वे जनता तक जाकर उन्हें समझाएं कि 500 और 1,000 रुपये के नोटों को बंद कर देने के उनके फैसले से देश को कितना और कैसे लाभ होगा. नोटबंदी को लेकर विपक्षी दलों तथा विशेषज्ञों की ओर से आलोचना झेल रही भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने बुधवार को सरकार के कदम के लिए जनता के व्यापक समर्थन का दावा किया. पार्टी सांसदों ने प्रस्ताव पारित कर लोगों के समर्थन का स्वागत किया.

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8 नवंबर को अचानक 500 और 1,000 रुपये के नोटों के बंद कर देने के कदम के बाद बीजेपी को पहला झटका तब झेलना पड़ा, जब संसद का शीतकालीन सत्र विपक्ष के कड़े और तीखे विरोध के कारण लगातार बाधित रहा. पहले, विपक्षी दलों की मांग थी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं इस निर्णय पर सफाई दें, और कहा कि वित्तमंत्री अरुण जेटली का बयान पर्याप्त नहीं होगा, लेकिन बाद में जब प्रधानमंत्री बोलने के लिए तैयार हो गए, विपक्ष ने मांग की कि लाखों देशवासियों को परेशान करने के लिए उन्हें माफी मांगनी होगी.

संसद में बुधवार को वित्तमंत्री अरुण जेटली ने भी कहा, “विपक्ष का विरोध टीवी चैनलों के लिए किया गया…” उन्होंने विपक्षी दलों को चुनौती देते हुए कहा कि नोटबंदी पर अधूरी रह गई बहस को पूरा करें. इस बीच, केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार ने भी कहा कि नोटबंदी के फैसले को लेकर देश प्रधानमंत्री के साथ है, और अमेरिकी पत्रिका ‘टाइम’ के ‘पर्सन ऑफ द ईयर’ खिताब के लिए हुई ऑनलाइन वोटिंग में प्रधानमंत्री की जीत जाना इसका प्रमाण है.

देश में प्रचलित कुल नोटों का 86 फीसदी हिस्सा अचानक बंद कर दिए जाने, और नए नोटों की आपूर्ति पर्याप्त नहीं होने के कारण देशभर में, खासतौर से ग्रामीण हिस्सों में, नकदी संकट पैदा हो गया. सरकार ने दिक्कतों को दूर करने के लिए कुछ कदम भी उठाए, लेकिन ग्रामीण बैंकों की शिकायत यही रही कि उनके पास बांटने के लिए पर्याप्त मात्रा में नकदी नहीं है.

PM condoles the passing away of Selvi J Jayalalithaa

The Prime Minister, Shri Narendra Modi has condoled the passing away of Selvi J Jayalalithaa.

“Deeply saddened at the passing away of Selvi Jayalalithaa. Her demise has left a huge void in Indian politics.

Jayalalithaa ji’s connect with citizens, concern for welfare of the poor, the women & marginalized will always be a source of inspiration.

My thoughts and prayers are with the people of Tamil Nadu in this hour of grief.

May the Almighty grant them the strength to bear this irreparable loss with courage and fortitude.

 

I will always cherish the innumerable occasions when I had the opportunity to interact with Jayalalithaa ji. May her soul rest in peace,” the Prime Minister said.

 

टाइम पर्सन ऑफ द ईयर’ के लिए हुई ऑनलाइन वोटिंग में सबसे आगे रहे पीएम नरेंद्र मोदी

अमेरिका की प्रसिद्ध पत्रिका ‘टाइम’ द्वारा हर साल दिए जाने वाले ‘पर्सन ऑफ द ईयर’ खिताब के लिए हुई ऑनलाइन वोटिंग में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुनियाभर के अलग-अलग क्षेत्रों के सभी जाने-माने दिग्गजों को पछाड़ दिया है. ‘टाइम’ के मुताबिक, रविवार मध्यरात्रि को वोटिंग बंद हो जाने के बाद नरेंद्र मोदी डाले गए कुल वोटों का 18 फीसदी लेकर सबसे आगे थे, जबकि अमेरिका के मौजूदा राष्ट्रपति बराक ओबामा, अमेरिका के ही नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप तथा विकीलीक्स के विवादास्पद संस्थापक जूलियान असांजे संयुक्त रूप से दूसरे स्थान पर रहे, और तीनों को सात-सात फीसदी ‘हां’ वाले वोट हासिल हुए!
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इन सभी के अलावा दो और जानी-मानी हस्तियां – हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति पद का चुनाव हारने वाली डेमोक्रेट प्रत्याशी हिलेरी क्लिंटन तथा सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट फेसबुक के संस्थापक मार्क ज़करबर्ग – भी पोल में काफी पिछड गईं, जिन्हें क्रमशः चार तथा दो फीसदी वोट प्राप्त हो पाए.

‘टाइम’ पत्रिका हर साल उस शख्स को इस खिताब से नवाज़ती है, जिसने उनके हिसाब से पिछले साल में ख़बरों तथा दुनिया को सबसे ज़्यादा प्रभावित किया, भले ही वह अच्छे के लिए हो या बुरे के लिए. पिछले साल यह खिताब जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल को दिया गया था. लगातार चौथे साल इस दौड़ में बने रहने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बार ऑनलाइन डाले गए इन वोटों में सबसे आगे रहे हैं.

इस पोल में दावेदार के तौर पर कुल 30 शख्सियतों (और ग्रुपों) को शामिल किया गया था, जिनमें व्हिसलब्लोअरों से लेकर खिलाड़ी और पॉप गायक तक शामिल थे.

हर साल ‘टाइम’ का संपादक मंडल ही अंतिम निर्णय लेता है कि ‘टाइम पर्सन ऑफ द ईयर’ का खिताब किसे दिया जाए, लेकिन वे अपने पाठकों को भी वोट करने का विकल्प देते हैं, जो पत्रिका के मुताबिक खिताब का विजेता तय करने में ‘काफी महत्वपूर्ण भूमिका’ निभाता है.

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पिछले महीने अचानक 500 तथा 1,000 रुपये के करेंसी नोटों को बंद कर देने की अपनी घोषणा के चलते सुर्खियों में हैं. एक ओर जहां समूचा विपक्ष एकजुट होकर उनके इस कदम को गलत ठहरा रहा है, वहीं जनता भी देशभर में बैंकों और एटीएम के बाहर लगी लंबी-लंबी कतारों के कारण परेशान है, और नकदी के संकट से जूझ रही है. विमुद्रीकरण या नोटबंदी के इस कदम को लेकर जहां काले धन से लड़ने की मंशा के लिए जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ हो रही है, वहीं जनता को हो रही परेशानियों से चलते उनकी आलोचनाएं भी थम नहीं रही हैं

पीएम मोदी ने भारतीय ऊर्जा कंपनियों से बहुराष्ट्रीय कंपनी बनने का आह्वान किया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज ऊर्जा क्षेत्र की भारतीय कंपनियों से बहुराष्ट्रीय कंपनी बनने का आहवान करते हुए कहा कि स्थिर और सस्ती उर्जा आर्थिक विकास की महत्वपूर्ण कुंजी है. इसके साथ उन्होंने पश्चिमी एशिया, मध्य एशिया और दक्षिण एशिया के लिये ऊर्जा गलियारा बनाए जाने के अपने दृष्टिकोण का भी खुलासा किया!

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मोदी ने आज यहां तेल एवं गैस क्षेत्र के सम्मेलन पेट्रोटेक का उद्घाटन करते हुए कहा कि भारत को घरेलू तेल और गैस उत्पादन बढ़ाने की आवश्यकता है. साथ ही क्षेत्रीय ऊर्जा संपन्न देशों के साथ भागीदारी भी स्थापित करनी होगी

उन्होंने कहा, ‘‘आर्थिक वृद्धि को बढ़ाने के लिए ऊर्जा महत्वपूर्ण जरूरत है. आर्थिक विकास का लाभ समाज के निचले तबके तक पहुंचे इसके लिए सतत, स्थिर और तर्कसंगत मूल्य पर ऊर्जा की उपलब्धता जरूरी है.’’ मोदी ने कहा, ‘‘ऊर्जा की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए हमें ऊर्जा के उपयुक्त और विश्वसनीय स्रोत की जरूरत है जबकि दूसरी तरफ हमें पर्यावरण का भी ध्यान रखना होगा.’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के आर्थिक विकास में हाइड्रोकार्बन महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहेगा लेकिन देश को ऐसी ऊर्जा चाहिए जो कि गरीबों की पहुंच में हो और उसके इस्तेमाल और ऊर्जा सुरक्षा की भी पूरी व्यवस्था हो

पाकिस्तानी मीडिया में छाई नरेंद्र मोदी-सरताज अजीज के हाथ मिलाने की खबर

पाकिस्तानी मीडिया ने अमृतसर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज के हाथ मिलाने और अभिवादन के आदान-प्रदान को रविवार को प्रमुखता से प्रकाशित किया है!

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अजीज ‘हार्ट ऑफ एशिया’ सम्मेलन में भाग लेने के लिए बीती शाम अमृतसर पहुंचे. उनको रविवार सुबह पहुंचना था, लेकिन ऐसा लगता है कि कोहरे की वजह से वह पहले पहुंचे. कार्यक्रम में बदलाव की वजह से मोदी और अजीज के हाथ मिलाने और एक दूसरे का अभिवादन करने का अवसर आया. मोदी ने मेहमानों के लिए भोज का आयोजन किया था.

समाचार पत्र ‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ ने पहले पृष्ठ पर इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित करते हुए लिखा है, ”महीनों के वाकयुद्ध और सीमा पर झड़पों के बाद भारत और पाकिस्तान के अधिकारियों ने शनिवार को एक दूसरे का अभिवादन किया और मीडिया के लिए हलचल पैदा की.” अखबार ने कहा, ”चेहरे पर बड़ी मुस्कान के साथ भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भोज के दौरान सरताज अजीज से हाथ मिलाया.”

पाकिस्तान के एक प्रमुख अखबार ‘डॉन’ के अनुसार पाकिस्तानी उच्चायुक्त अब्दुल बासित और भारतीय विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव ने अजीज की अगवानी की. उसने लिखा है, ”सरताज अजीज ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के पूरी तरह और जल्द स्वस्थ होने की दुआ करते हुए उनके आवास पर गुलदस्ता भेजा.”

एक अन्य अखबार ‘द न्यूज इंटरनेशनल’ का कहना है कि मोदी ने अजीज से हाथ मिलाया और प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की खैरियत जानी.

पीएम नरेंद्र मोदी व अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी के बीच वार्ता, व्यापार व सुरक्षा पर चर्चा

 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी के बीच रविवार को द्विपक्षीय वार्ता हुई, जिसमें व्यापार और निवेश बढ़ाने, युद्ध से जर्जर देश में भारत की पुनर्निर्माण गतिविधियों और दोनों के बीच रक्षा तथा सुरक्षा साझेदारी मजबूत करने सहित अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई.

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माना जा रहा है कि दोनों देशों के बीच मालवाहक विमान सेवा के लिए समझौते की बात भी वार्ता के दौरान उठी, जिससे भारत, अफगानिस्तान में पाकिस्तान के मुकाबले कुछ लाभ की स्थिति में आ जाएगा, क्योंकि इस्लामाबाद लगातार उसकी सीमा से ट्रांज़िट संपर्क देने से इंकार कर रहा है.

अमृतसर में शुरू हुए हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन के भाग लेने के लिए अशरफ गनी शनिवार शाम यहां पहुंचे थे. बैठक में मोदी ने अफगानिस्तान में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए भारत का समर्थन जारी रखने का आश्वासन गनी को दिया.

सूचनाओं के अनुसार, अफगानिस्तान ने सैन्य हार्डवेयर आपूर्ति बढ़ाने संबंधी मांग भी भारत से की है. करीब दो साल पहले शुरू हुई नाटो बलों की संख्या में कमी लाने की प्रक्रिया के बाद तालिबान के फिर से सिर उठाने के कारण, अफगानिस्तान उससे लड़ने के लिए अपनी सैन्य शक्ति बढ़ाने के प्रयासों में लगा हुआ है.

सूत्रों ने कहा कि भारत और अफगानिस्तान दोनों ही जितनी जल्दी संभव हो, विमान मालवाहक सेवा समझौता शुरू करने तथा पहले से तय समझौते में विस्तार करने के इच्छुक हैं.

अफगानिस्तान और क्षेत्र में स्थिरता के लिए आतंकवाद का खात्मा महत्वपूर्ण : पीएम नरेंद्र मोदी

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अज़ीज़ के साथ चार देशों के विदेशमंत्रियों ने शनिवार को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की, जिसके दौरान प्रधानमंत्री ने उनसे कहा कि अफगानिस्तान और क्षेत्र में स्थिरता के लिए आतंकवाद और हिंसा को खत्म करना महत्वपूर्ण है.

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पीएम मोदी से किर्गिस्तान, ईरान, अफगानिस्तान और स्लोवाकिया के विदेशमंत्रियों के साथ पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के विदेश मामलों के सलाहकार अज़ीज़ की यह मुलाकात हार्ट ऑफ एशिया के छठे मंत्रिस्तरीय सम्मेलन से पहले हुई.

भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विदेशमंत्रियों का स्वागत किया और अफगानिस्तान को उसकी मौजूदा कठिनाइयों से बाहर निकालने में मदद करने के लिए क्षेत्र के सभी देशों की सामूहिक जिम्मेदारी की आवश्यकता पर जोर दिया.

प्रधानमंत्री ने कहा कि अफगानिस्तान के आम लोगों और देश के नेतृत्व से कई दफा हुई बातचीत से उन्हें समझ में आया है कि अफगान जनता लगातार हिंसा और आतंकवाद से थक गई है.

विकास स्वरूप ने बताया, “प्रधानमंत्री (नरेंद्र) मोदी ने अफगानिस्तान तथा हमारे क्षेत्र में स्थिरता, सुरक्षा और विकास को बढ़ावा देने के लिए आतंकवाद और हिंसा को खत्म करने की आवश्यकता पर जोर दिया…” इस संदर्भ में प्रधानमंत्री ने उम्मीद जताई कि रविवार को होने वाला मंत्रिस्तरीय सम्मेलन अच्छे नतीजे देगा.

जब पीएम नरेंद्र मोदी और अफगानिस्‍तान के राष्‍ट्रपति अशरफ गनी ने चखा ‘सरसों के साग का स्‍वाद’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी को ‘सड्डा पिंड’ में सरसों का साग और दाल परोसी गई. ‘सड्डा पिंड’ एक गांव है, जिसे हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन में शिरकत करने वाले प्रतिनिधियों को पंजाब के लोकप्रिय व्यंजनों को प्रस्तुत करने के लिए स्थापित किया गया है!

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मोदी और गनी के अलावा, पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के विदेश नीति सलाहकार सरताज अज़ीज़ सहित विभिन्न देशों के प्रतिनिधियों को भी ‘सड्डा पिंड’ में लज़ीज़ पकवान परोसे गए!

यहां अधिकारियों ने बताया कि सड्डा पिंड पंजाब की संस्कृति और खाने का प्रदर्शन करने के लिए पर्यटन स्थल के तौर पर स्थापित किया गया है और यह प्रतिनिधियों के रात्रिभोज का स्थल था. 12 एकड़ में फैला हुआ सड्डा पिंड पंजाब के गांव की असल प्रतिकृति है!

प्रतिनिधियों के लिए सरसों का साग, मक्के की रोटी और दाल थी. साथ ही में कई शाकाहारी और मांसाहारी पकवान थे!

पंजाब के पारंपरिक खानों में कड़ी पकोड़ा, ज़ीरा पुलाव, अमृतसरी कुलचा, परांठा, नान, अमृतसरी फिरनी, मूंग दाल का हलवा और गुलाब जामुन शामिल थे!

सड्डा पिंड के एक अधिकारी ने बताया कि अन्य ज़ायकेदार पकवानों में फिश टिक्का, मुर्ग टिक्का, गलोटी कबाब, पनीर मक्की सीख, बटर चिकन, बोटो ऑफ लॉरेंस रोड सहित अन्य पकवान थे. इसी के साथ कई पंजाबी रोटियां मेहमानों को परोसी गईं!

पीएम मोदी, राष्‍ट्रपति गनी और अन्य प्रतिनिधि गांव में करीब एक घंटा रूके. अधिकारी ने बताया कि करीब 200 मेहमान थे और यहां आए गणमान्यों के लिए सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए थे!