Monthly Archives: November 2016

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर जनता को बताए कैशलेस ट्रांजेक्‍शन के पांच तरीके…

देश को ‘कैशलेस इकॉनोमी’ यानी नकदीविहीन व्‍यवस्‍था की तरफ आगे बढ़ाने का सपना देख रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कुछ ट्वीट कर जनता को बताया कि कैसे साधारण फोन से पैसे का लेन-देन मुमकिन है.

पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने ट्वीट में कुछ जानकारी युक्‍त तस्‍वीरें शेयर कीं, जिसमें उन्‍होंने ‘बिना कैश के कैसे भुगतान मुमकिन है’ की पूरी प्रक्रिया का वर्णन किया है.

 

 

 

पीएम की नसीहत का असर, ‘कैशलेस भारत’ की शुरुआत होगी संसद भवन से

 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद भवन को कैशलेस बनाने की पहल करने के लिए कहा है, और इसके बाद संसद भवन की कैंटीन और सेल काउंटर पर स्वाइप मशीन लगाने की तैयारी शुरू हो गई है!
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‘लोकतंत्र के मंदिर’ में आने वाले कई आम लोगों को खाली पेट वापस जाना पड़ रहा है, क्योंकि कैंटीन में छुट्टे नोटों की दिक्कत है, और नोटबंदी के बाद ऐसे लोगों की तादाद काफी बढ़ी है.

लेकिन खाने-पीने के लिए छुट्टे पैसों और नकदी की दिक्कत सिर्फ आम लोगों को नहीं है. कांग्रेस सांसद राज बब्बर ने बताया कि उन्हें अपने ड्राइवर से 100 रुपये उधार लेने पड़े, ताकि वह संसद की कैंटीन में चाय पी सकें.

यही हाल स्वागत कक्ष में बने बिक्री काउंटरों का है, जहां से लोग संसद की यादों से जुड़ी चीज़ें और किताबें ख़रीदते हैं. वहां भी प्लास्टिक मनी चलाने के लिए स्वाइप मशीन का इंतज़ाम नहीं है. इसके अलावा संसद भवन परिसर में लगे एटीएम में भी लंबी-लंबी लाइनें लग रही हैं.

अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नजर में यह बात आई है, और उन्होंने मंगलवार को बीजेपी संसदीय दल की बैठक में कहा कि कैशलेस भारत बनाने की शुरुआत संसद भवन से होनी चाहिए.

सो, पीएम के इस बयान के बाद संसद भवन को कैशलेस बनाने की शुरुआत हो गई है, और बताया गया है कि कैंटीन और सेल काउंटर के लिए स्वाइप मशीन का ऑर्डर दे दिया गया है, ताकि वहां क्रेडिट और डेबिट कार्ड का इस्तेमाल हो सके.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनावों में भाजपा के प्रदर्शन की प्रशंसा की, कहा – लोग भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं करेंगे

 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि पिछले कुछ दिनों में लोकसभा, विधानसभाओं और स्थानीय निकायों के चुनाव में भाजपा का प्रदर्शन दर्शाता है कि लोग सर्वांगीण विकास चाहते हैं और वे भ्रष्टाचार एवं कुशासन बर्दाश्त नहीं करेंगे.

मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘पिछले कुछ दिनों में हमने पूरे भारत में विभिन्न चुनावों- लोकसभा, विधानसभाओं एवं स्थानीय निकाय चुनावों के नतीजे देखे हैं. ’’ उन्होंने लिखा, ‘‘चाहे पूर्वोत्तर हो, या पश्चिम बंगाल, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र या गुजरात… भाजपा ने अच्छा प्रदर्शन किया है. मैं लोगों को धन्यवाद देता हूं. ’’ उन्होंने कहा कि देशभर के ये नतीजे दर्शाते हैं कि लोग सर्वांगीण प्रगति चाहते हैं और वे भ्रष्टाचार एवं कुशासन को बर्दाश्त नहीं करेंगे.

‘टाइम पर्सन ऑफ द ईयर’ की दौड़ में पीएम नरेंद्र मोदी सबसे आगे, ओबामा, ट्रंप, पुतिन काफी पिछड़े

अमेरिका की प्रसिद्ध पत्रिका ‘टाइम’ द्वारा हर साल दिए जाने वाले ‘पर्सन ऑफ द ईयर’ खिताब के लिए हो रही ऑनलाइन वोटिंग में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फिलहाल अमेरिका के मौजूदा राष्ट्रपति बराक ओबामा, अमेरिका के ही नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन, चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग और दुनिया के अलग-अलग क्षेत्रों के जाने-माने दिग्गजों को पछाड़कर सबसे आगे चल रहे हैं.

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‘टाइम’ पत्रिका हर साल उस शख्स को इस खिताब से नवाज़ती है, जिसने उनके हिसाब से पिछले साल में ख़बरों तथा दुनिया को सबसे ज़्यादा प्रभावित किया, भले ही वह अच्छे के लिए हो या बुरे के लिए. पिछले साल यह खिताब जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल को दिया गया था.

लगातार चौथे साल इस दौड़ में बने रहने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब तक ‘हां’ वाले कुल वोटों का 21 फीसदी लेकर सबसे आगे चल रहे हैं, और फिलहाल उनके आसपास भी कोई नज़र नहीं आ रहा है… ऑनलाइन डाले गए इन वोटों का सबसे दिलचस्प पहलू यह है कि दूसरे नंबर पर कोई नेता नहीं, बल्कि विकीलीक्स के विवादास्पद संस्थापक जूलियान असांजे हैं, जिन्हें आठ फीसदी वोट हासिल हुए हैं.

इस समय नंबर तीन पर अमेरिका के मौजूदा राष्ट्रपति बराक ओबामा हैं, जिन्हें सात फीसदी वोटरों का समर्थन हासिल हुआ है, जबकि उनकी पत्नी तथा अमेरिका की मौजूदा फर्स्ट लेडी मिशेल ओबामा को भी पांच फीसदी वोट हासिल हुए हैं.

अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन इस समय तक बराक ओबामा से पीछे हैं, और उन्हें छह-छह फीसदी वोट प्राप्त हो पाए हैं, जबकि हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति पद का चुनाव हारने वाली डेमोक्रेट प्रत्याशी हिलेरी क्लिंटन को चार फीसदी वोट मिले हैं, और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग को सिर्फ एक फीसदी लोगों का ही समर्थन मिल पाया है.

इस पोल में दावेदार के तौर पर कुल 30 शख्सियतों (और ग्रुपों) को शामिल किया गया है, जिनमें व्हिसलब्लोअरों से लेकर खिलाड़ी और पॉप गायक तक शामिल हैं. सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट फेसबुक के संस्थापक मार्क ज़करबर्ग को दो फीसदी लोगों ने समर्थन दिया है, जबकि एप्पल के सीईओ टिम कुक, लोकप्रिय गायिका बियॉन्से नॉलेस तथा ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थेरेसा मे को एक-एक फीसदी वोट ही अब तक मिल पाए हैं.

हर साल ‘टाइम’ का संपादक मंडल ही अंतिम निर्णय लेता है कि ‘टाइम पर्सन ऑफ द ईयर’ का खिताब किसे दिया जाए, लेकिन वे अपने पाठकों को भी वोट करने का विकल्प देते हैं, जो पत्रिका के मुताबिक खिताब का विजेता तय करने में ‘काफी महत्वपूर्ण भूमिका’ निभाता है.

अब पार्टी की सफाई में जुटे पीएम नरेंद्र मोदी, सांसदों-विधायकों से कहा – नवंबर-दिसंबर के बैंक स्टेटमेंट अमित शाह को सौंपें

 प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज भाजपा के सभी सांसदों, विधायकों से कहा कि वे 8 नवंबर से 31 दिसंबर के बीच अपने बैंक खातों के लेन-देन का ब्यौरा नवंबर 2017 तक भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को सौंप दें. प्रधानमंत्री ने 8 नवंबर को बड़े नोटों को अमान्य करने के फैसले की घोषणा की थी.

पीएम मोदी ने ये निर्देश भाजपा संसदीय दल की बैठक में दिया. विपक्षी दल यह आरोप लगाते रहे हैं कि नोटबंदी के निर्णय को घोषणा से पहले भाजपा के कुछ नेताओं और करीबियों को चुनिंदा तरीके से लीक किया गया. प्रधानमंत्री ने भाजपा संसदीय दल की बैठक में कहा कि आयकर संशोधन विधेयक कालेधन को सफेद करने के लिए नहीं बल्कि गरीबों से लूटे गए धन का उपयोग उनके कल्याण के लिए करने के वास्ते हैं.

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सोमवार को लोकसभा में पेश किए गए आयकर संशोधन विधेयक के बारे में यह आरोप लगाए जा रहे हैं कि यह कालेधन को सफेद करने में मदद करेगा. पीएम मोदी ने कहा कि संशोधित कानून लोक कल्याण मार्ग से गरीबों के कल्याण के कार्यक्रम के वास्ते है.

उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री आवास लोक कल्याण मार्ग पर स्थित है जिसे पहले रेसकोर्स मार्ग कहा जाता था. पीएम मोदी का हवाला देते हुए संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने कहा कि यह विधेयक कालेधन के खिलाफ सरकार की जंग का हिस्सा है.

नोटबंदी के खिलाफ विपक्ष के भारत बंद पर पीएम ने कहा- हम भ्रष्टाचार बंद कर रहे हैं, वो भारत बंद

रविवार (27 नवंबर) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारतीय जनता पार्टी की परिवर्तन रैली के लिए उत्तर प्रदेश स्थित कुशीनगर आए हुए थे। यहां उन्होंने बड़ी संख्या में मौजूद लोगों को संबोधित किया।

इस दौरान पीएम ने गन्ना किसानों की समस्या से लेकर नोटबंदी तक के प्रकरण पर चर्चा की। आईए आपको बताते हैं पीएम मोदी ने अपने संबोधन के दौरान कौन सी 10 बड़ी बाते कहीं।

विश्वास को कभी नहीं पहुंचने दूंगा चोट

  • अपने संबोधन की शुरूआत भोजपुरी में करते हुए पीएम मोदी ने कहा- कुशीनगर की इ पवित्र भूमि के प्रणाम करत बानी। सब काम धाम, खेती बाड़ी, जोतनी – बोवनी छोड़ के रउवा लोगन लोग इतनी बड़ी संख्या में यहां आइल बिड़ी, इ देख के हमार मन गदगद हो गईल बा। आप लोगन के इ प्रधानसेवक कै नमस्कार। इ भगवान बुद्ध कै धरती है, भगवान महावीर कै धरती है।
  • पीएम ने कहा कि जब मैं लोकसभा चुनाव के दौरान एक सभा में आया था तो फिलहाल मौजूद लोगों में से आधे लोग भी नहीं आते थे। माताएं-बहने नहीं आती थी। लेकिन आज इतनी बड़ी तादाद में लोग आए हैं, यह दिखाता है लोग मुझ पर विश्वास करते हैं। पीएम ने कहा कि आपके आशीर्वाद से मैं आपके विश्वास को कभी चोट नहीं पहुंचने दूंगा।

नहीं मरने दिया गन्ना किसान को

  • पीएम ने कहा कि जब हमारी सरकार आई तो गन्ना किसानों के 22,000 करोड़ रुपए बाकी थे। हमने कोशिश की कि किसानों को उनका पैसा समय पर दे दिया जाए। हमने बहुत हद तक बकाये की राशि खत्म कर दी है। पीएम ने कहा कि गन्ने के किसान को मरने नहीं दिया, ये काम हमने कर के दिखाया। कहा कि गन्ने कि किसानों के बकाया 20,000 करोड़ में केंद्र ने ज्यादातर चुका दिया है। अब सिर्फ कुछ ही पैसे बचे हैं। बाकी सारी पैसे किसान के घर तक पहुंच गए।
  • पीएम ने कहा कि हमने गन्ना किसानों को मरने नहीं दिया। ये हमने कर दिखाया। कहा कि हमने चीनी मिलों से कहा कि वो एथनॉल पैदा करें। अगर चीनी की कीमते कम हो जाएं तो एथनॉल बनाइए लेकिन किसान को मरने नहीं दिया जाएगा।

मन की बात में इस चाय पानी वाली शादी की बात पीएम ने बताई, आप भी जानें

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात के दौरान गुजरात स्थित सूरत के एक जोड़े का जिक्र किया और शादी के लिए उनके ओर से उठाए गए कदम की सराहना की।

रविवार (27 नवंबर) को मन की बात में पीएम मोदी ने बताया कि इस जोड़े की शादी केवल 500 रुपए में हो गई। पीएम ने इसे ‘चायपानी वाली शादी’ कहा।

इस मामले पर नवविवाहिता रक्षा ने कहा कि जिस चाय पर मोदी जी चर्चा कर सकते हैं, उसी चाय पर हमने शादी करने की सोची।

500 रुपए में संपन्न हो गई शादी

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बताया गया कि इनकी शादी में सिर्फ कुछ ही लोग थे और मेहमानों के लिए चाय पानी का इंतजाम करा कर पूरी शादी संपन्न करा दी गई। रक्षा ने यह भी कहा कि वो इस बात से बहुत खुश हैं कि उनका संदेश पीएम मोदी तक पहुंच गया।

एक ओर जहां लोग शादियों में लाखों, करोड़ों फूंक देते हैं, वहीं इस शादी में सिर्फ 500 रुपए खर्च होना अपने आप में अनोखी बात तो है ही साथ में प्रेरणादायक भी है।

पीएम मोदी ने 26वीं बार की देशवासियों से ‘मन की बात’, क्या कहा- पढ़ें

मेरे प्यारे देशवासियो, नमस्कार | पिछले महीने हम सब दिवाली का आनंद ले रहे थे | हर वर्ष की तरह इस बार दिवाली के मौके पर, मैं फिर एक बार जवानों के साथ दिवाली मनाने के लिये, चीन की सीमा पर, सरहद पर गया था | ITBP के जवान, सेना के जवान – उन सबके साथ हिमालय की ऊंचाइयों में दिवाली मनाई | मैं हर बार जाता हूँ, लेकिन इस दिवाली का अनुभव कुछ और था | देश के सवा-सौ करोड़ देशवासियों ने, जिस अनूठे अंदाज़ में, यह दिवाली सेना के जवानों को समर्पित की, सुरक्षा बलों को समर्पित की, इसका असर वहाँ हर जवानों के चेहरे पर अभिव्यक्त होता था | वो भावनाओं से भरे-भरे दिखते थे और इतना ही नहीं, देशवासियों ने जो शुभकामनायें-सन्देश भेजे, अपनी ख़ुशियों में देश के सुरक्षा बलों को शामिल किया, एक अद्भुत response था | और लोगों ने सिर्फ़ सन्देश भेजे, ऐसा नहीं, मन से जुड़ गए थे; किसी ने कविता लिखी, किसी ने चित्र बनाए, किसी ने कार्टून बनाए, किसी ने वीडियो बनाए, यानि न जाने हर घर सेनानियों की जैसे चौकी बन गया था | और जब भी ये चिट्ठियाँ मैं देखता था, तो मुझे भी बड़ा आश्चर्य हो रहा था कि कितनी कल्पकता है, कितनी भावनायें भरी हैं और उसी में से MyGov को विचार आया कि कुछ चुनिन्दा चीज़ें निकाल करके उसकी एक Coffee Table Book बनाई जाए | काम चल रहा है, आप सबके योगदान से, देश के सेना के जवानों की भावनाओं को आप सबकी कल्पकता से, देश के सुरक्षा बलों के प्रति आपका जो भाव-विश्व है, वह इस ग्रन्थ में संकलित होगा |

सेना के एक जवान ने मुझे लिखा – प्रधानमंत्री जी, हम सैनिकों के लिये  होली, दिवाली हर त्योहार सरहद पर ही होता है, हर वक्त देश की हिफाज़त में डूबे रहते हैं | हाँ, फिर भी त्योहारों के समय घर की याद आ ही जाती है | लेकिन सच कहूँ, इस बार ऐसा नहीं लगा | ऐसा कतई feel नहीं हुआ कि त्योहार है और मैं घर नहीं हूँ | ऐसा महसूस हुआ मानो हम भी, सवा-सौ करोड़ भारतवासियों के साथ दिवाली मना  रहे हैं |

मेरे प्यारे देशवासियो, जो अहसास इस दिवाली, इस माहौल में जो अनुभूति, हमारे देश के सुरक्षा बलों के बीच, जवानों के बीच जगा है, क्या ये सिर्फ़ कुछ मौकों पर ही सीमित रहना चाहिये ? मेरी आपसे appeal है कि हम, एक समाज के रूप में, राष्ट्र के रूप में, अपना  स्वभाव बनाएँ, हमारी प्रकृति बनाएँ | कोई भी उत्सव हो, त्योहार हो, खुशी का माहौल हो, हमारे देश के सेना के जवानों को हम किसी-न- किसी रूप में ज़रूर याद करें | जब सारा राष्ट्र सेना के साथ खड़ा होता है, तो सेना की ताक़त 125 करोड़ गुना बढ़ जाती है |

 

कुछ समय पहले मुझे जम्मू-कश्मीर से, वहाँ के गाँव के सारे प्रधान मिलने आये थे | Jammu-Kashmir Panchayat Conference के ये लोग थे | कश्मीर घाटी से अलग-अलग गाँवों से आए थे | क़रीब 40-50 प्रधान थे | काफ़ी देर तक उनसे मुझे बातें करने का अवसर मिला | वे अपने गाँव के विकास की कुछ बातें लेकर के आए थे, कुछ माँगें लेकर के आए थे, लेकिन जब बात का दौर चल पड़ा, तो स्वाभाविक था, घाटी के हालात, क़ानून व्यवस्था, बच्चों का भविष्य, ये सारी बातें निकलना बड़ा स्वाभाविक था | और इतने प्यार से, इतने खुलेपन से, गाँव के इन प्रधानों ने बातें की, हर चीज़ मेरे दिल को छूने वाली थी | बातों-बातों में, कश्मीर में जो स्कूलें जलाई जाती थीं, उसकी चर्चा भी हुई और मैंने देखा कि जितना दुःख हम देशवासियों को होता है, इन प्रधानों को भी इतनी ही पीड़ा थी और वो भी मानते थे कि स्कूल नहीं, बच्चों का भविष्य जलाया गया है | मैंने उनसे आग्रह किया था कि आप जाकर के इन बच्चों के भविष्य पर अपना ध्यान केन्द्रित करें | आज मुझे ख़ुशी हो रही है कि कश्मीर घाटी से आए हुए इन सभी प्रधानों ने मुझे जो वचन दिया था, उसको भली-भाँति निभाया; गाँव में जाकर के सब दूर लोगों को जागृत किया | अभी कुछ दिन पहले जब Board की exam हुई, तो कश्मीर के बेटे और बेटियों ने क़रीब 95%, पचानबे फ़ीसदी कश्मीर के छात्र-छात्राओं ने Board की परीक्षा में हिस्सा लिया | Board की परीक्षाओं में इतनी बड़ी तादाद में छात्रों का सम्मिलित होना, इस बात की ओर इशारा करता है कि जम्मू-कश्मीर के हमारे बच्चे उज्ज्वल भविष्य के लिये, शिक्षा के माध्यम से – विकास की नई ऊँचाइयों को पाने के लिये कृतसंकल्प हैं | उनके इस उत्साह के लिये, मैं छात्रों को तो अभिनन्दन करता हूँ, लेकिन उनके माता-पिता को, उनके परिजनों को, उनके शिक्षकों को और सभी ग्राम प्रधानों को भी ह्रदय से बहुत-बहुत बधाई देता हूँ |

प्यारे भाइयो और बहनों, इस बार जब मैंने ‘मन की बात’ के लिये लोगों के सुझाव मांगे, तो मैं कह सकता हूँ कि एकतरफ़ा ही सबके सुझाव आए | सब कहते थे कि 500/- और 1000/- वाले नोटों पर और विस्तार से बातें करें | वैसे 8 नवम्बर, रात 8 बजे राष्ट्र के नाम संबोधन करते हुए, देश में सुधार लाने के एक महाभियान का आरम्भ करने की मैंने चर्चा की थी | जिस समय मैंने ये निर्णय किया था, आपके सामने प्रस्तुत रखा था, तब भी मैंने सबके सामने कहा था कि निर्णय सामान्य नहीं है, कठिनाइयों से भरा हुआ है | लेकिन निर्णय जितना महत्वपूर्ण है, उतना ही उस निर्णय को लागू करना है | और मुझे ये भी अंदाज़ था कि हमारे सामान्य जीवन में अनेक प्रकार की नयी–नयी कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा | और तब भी मैंने कहा था कि निर्णय इतना बड़ा है, इसके प्रभाव में से बाहर निकलने में 50 दिन तो लग ही जाएँगे | और तब जाकर के normal अवस्था की ओर हम क़दम बढ़ा पाएँगे | 70 साल से जिस बीमारियों को हम झेल रहे हैं उस बीमारियों से मुक्ति का अभियान सरल नहीं हो सकता है | आपकी कठिनाइयों को मैं भली-भांति समझ सकता हूँ | लेकिन जब मैं आपका समर्थन देखता हूँ, आपका सहयोग देखता हूँ; आपको भ्रमित करने के लिये ढेर सारे प्रयास चल रहे हैं, उसके बावजूद भी, कभी-कभी मन को विचलित करने वाली घटनायें सामने आते हुए भी, आपने सच्चाई के इस मार्ग को भली-भांति समझा है, देशहित की इस बात को भली-भांति आपने स्वीकार किया है |

पाँच सौ और हज़ार के नोट और इतना बड़ा देश, इतनी करेंसियों की भरमार, अरबों-खरबों नोटें और ये निर्णय – पूरा विश्व बहुत बारीक़ी से देख रहा है, हर कोई अर्थशास्त्री इसका बहुत analysis कर रहा है, मूल्यांकन कर रहा है | पूरा विश्व इस बात को देख रहा है कि हिन्दुस्तान के सवा-सौ करोड़ देशवासी कठिनाइयाँ झेल करके भी सफलता प्राप्त करेंगे क्या ! विश्व के मन में शायद प्रश्न-चिन्ह हो सकता है ! भारत को भारत के सवा-सौ करोड़ देशवासियों के प्रति, सिर्फ़ श्रद्धा ही श्रद्धा है, विश्वास ही विश्वास है कि सवा-सौ करोड़ देशवासी संकल्प पूर्ण करके ही रहेंगे | और हमारा देश, सोने की तरह हर प्रकार से तप करके, निखर करके निकलेगा और उसका कारण इस देश का नागरिक है, उसका कारण आप हैं, इस सफलता का मार्ग भी आपके कारण ही संभव हुआ है |

पूरे देश में केंद्र सरकार, राज्य सरकार, स्थानीय स्वराज संस्थाओं की सारी इकाइयाँ, एक लाख तीस हज़ार bank branch, लाखों बैंक कर्मचारी, डेढ़ लाख से ज़्यादा पोस्ट ऑफिस, एक लाख से ज़्यादा बैंक-मित्र – दिन-रात इस काम में जुटे हुए हैं, समर्पित भाव से जुटे हुए हैं | भाँति-भाँति के तनाव के बीच, ये सभी लोग बहुत ही शांत-चित्त रूप से, इसे देश-सेवा का एक यज्ञ मान करके, एक महान परिवर्तन का प्रयास मान करके कार्यरत हैं | सुबह शुरू करते हैं, रात कब पूरा होगा, पता तक नहीं रहता है, लेकिन सब कर रहे हैं | और उसी का कारण है कि भारत इसमें सफल होगा, ये स्पष्ट दिखाई दे रहा है | और मैंने देखा है कि इतनी कठिनाइयों के बीच बैंक के, पोस्ट ऑफिस के सभी लोग काम कर रहे हैं | और जब मानवता के मुद्दे की बात आ जाए, तो वो दो क़दम आगे दिखाई देते हैं | किसी ने मुझे कहा कि खंडवा में एक बुज़ुर्ग इंसान का accident हो गया | अचानक पैसों की ज़रूरत पड़ गई | वहाँ स्थानीय बैंक के कर्मचारी के ध्यान में आया और मुझे ये जान करके खुशी हुई कि ख़ुद जाकर के उनके घर, उस बुज़ुर्ग को उन्होंने पैसे पहुँचाए, ताकि इलाज़ में मदद हो जाए | ऐसे तो अनगिनत किस्से हर दिन टी.वी. में, मीडिया में, अख़बारों में, बातचीत में सामने आते हैं | इस महायज्ञ के अन्दर परिश्रम करने वाले, पुरुषार्थ करने वाले इन सभी साथियों का भी मैं ह्रदय से धन्यवाद करता हूँ | शक्ति की पहचान तो तब होती है, जब कसौटी से पार उतरते हैं | मुझे बराबर याद है, जब प्रधानमंत्री के द्वारा जन-धन योजना का अभियान चल रहा था और बैंक के कर्मचारियों ने जिस प्रकार से उसको अपने कंधे पर उठाया था और जो काम 70 साल में नहीं हुआ था, उन्होंने करके दिखाया था | उनके सामर्थ्य का परिचय हुआ | आज फिर एक बार, उस चुनौती को उन्होंने लिया है और मुझे विश्वास है कि सवा-सौ करोड़ देशवासियों का संकल्प, सबका सामूहिक पुरुषार्थ, इस राष्ट्र को एक नई ताक़त बना करके प्रशस्त करेगा |

लेकिन बुराइयाँ इतनी फैली हुई हैं कि आज भी कुछ लोगों की बुराइयों की आदत जाती नहीं है | अभी भी कुछ लोगों को लगता है कि ये भ्रष्टाचार के पैसे, ये काले धन, ये बेहिसाबी पैसे, ये बेनामी पैसे, कोई-न-कोई रास्ता खोज करके व्यवस्था में फिर से ला दूँ | वो अपने पैसे बचाने के फ़िराक़ में गैर-क़ानूनी रास्ते ढूंढ़ रहे हैं | दुःख की बात ये है कि इसमें भी उन्होंने ग़रीबों का उपयोग करने का रास्ता चुनने का पसंद किया है | ग़रीबों को भ्रमित कर, लालच या प्रलोभन की बातें करके, उनके खातों में पैसे डाल करके या उनसे कोई काम करवा करके, पैसे बचाने की कुछ लोग कोशिश कर रहे हैं | मैं ऐसे लोगों से आज कहना चाहता हूँ – सुधरना, न सुधरना आपकी मर्ज़ी, क़ानून का पालन करना, न करना आपकी मर्ज़ी, वो क़ानून देखेगा क्या करना ? लेकिन, मेहरबानी करके आप ग़रीबों की ज़िंदगी के साथ मत खेलिए | आप ऐसा कुछ न करें कि record पर ग़रीब का नाम आ जाए और बाद में जब जाँच हो, तब मेरा प्यारा ग़रीब आपके पाप के कारण मुसीबत में फँस जाए | और बेनामी संपत्ति का इतना कठोर क़ानून बना है, जो इसमें लागू हो रहा है, कितनी कठिनाई आएगी | और सरकार नहीं चाहती है कि हमारे देशवासियों को कोई कठिनाई आए |

मध्य प्रदेश के कोई श्रीमान आशीष ने इस पाँच सौ और हज़ार के माध्यम से भ्रष्टाचार और काले धन के ख़िलाफ़ जो लड़ाई छेड़ी गयी है, उन्होंने मुझे टेलीफ़ोन किया है, उसे सराहा है: –

सर नमस्ते, मेरा नाम आशीष पारे है | मैं ग्राम तिराली, तहसील तिराली, ज़िला हरदा, मध्य प्रदेश का एक आम नागरिक हूँ | आप के द्वारा जो मुद्रा हज़ार-पाँच सौ के नोट बंद किए गए हैं, यह बहुत ही सराहनीय है | मैं चाहता हूँ कि ‘मन की बात’ में कई उदाहरण लोगों को बताइए कि लोगों ने असुविधा सहन करने के बावजूद भी उन्होंने राष्ट्र उन्नति के लिये यह कड़ा क़दम के लिए स्वागत किया है, जिससे लोग एक तरह सेउत्साहवर्द्धित होंगे और राष्ट्र निर्माण के लिए cashless प्रणाली बहुत आवश्यक है और मैं पूरे देश के साथ हूँ और मैं बहुत खुश हूँ कि आपने हज़ार-पाँच सौ के नोट बंद करा दिए |’ 

वैसा ही मुझे एक फ़ोन कर्नाटक के श्रीमान येलप्पा वेलान्कर जी की तरफ़ से आया है: –

‘मोदी जी नमस्ते, मैं कर्नाटक का कोप्पल डिस्ट्रिक्ट का इस गाँव से येलप्पा वेलान्कर बात कर रहा हूँ | आपको मन से मैं धन्यवाद देना चाहता हूँ, क्योंकि आपने कहा था कि अच्छे दिन आएँगे, लेकिन किसी ने भी नहीं सोचा कि ऐसा बड़ा क़दम आप उठाएँगे | पाँच सौ का और हज़ार का नोट, ये सब देखकर के काला धन और भ्रष्टाचारियों को सबक सिखाया | हर एक भारत के नागरिक को इससे अच्छे दिन कभी नहीं आएँगे | इसी के लिए मैं आपको मनपूर्ण धन्यवाद करना चाहता हूँ |

कुछ बातें मीडिया के माध्यम से, लोगों के माध्यम से, सरकारी सूत्रों के माध्यम से जानने को मिलती हैं, तो काम करने का उत्साह भी बहुत बढ़ जाता है | इतना आनंद होता है, इतना गर्व होता है कि मेरे देश में सामान्य मानव का क्या अद्भुत सामर्थ्य है | महाराष्ट्र के अकोला में National Highway NH-6 वहाँ कोई एक restaurant है | उन्होंने एक बहुत बड़ा board लगाया है कि अगर आप की जेब में पुराने नोट हैं और आप खाना खाना चाहते हैं, तो आप पैसों की चिंता न करें, यहाँ से भूखा मत जाइए, खाना खा के ही जाइए और फिर कभी इस रास्ते से गुजरने का आ जाए आपको मौका, तो ज़रूर पैसे दे कर के जाना | और लोग वहाँ जाते हैं, खाना खाते हैं और 2-4-6 दिन के बाद जब वहाँ से फिर से गुजरते हैं, तो फिर से पैसे भी लौटा देते हैं | ये है मेरे देश की ताक़त, जिसमें सेवा-भाव, त्याग-भाव भी है और प्रामाणिकता भी है |

मैं चुनाव में चाय पर चर्चा करता था और सारे विश्व में ये बात पहुँच गई थी | दुनिया के कई देश के लोग चाय पर चर्चा शब्द भी बोलना सीख गए थे | लेकिन मुझे पता नहीं कि चाय पर चर्चा में, शादी भी होती है | मुझे पता चला कि 17 नवम्बर को सूरत में, एक ऐसी शादी हुई, जो शादी चाय पर चर्चा के साथ हुई | गुजरात में सूरत में एक बेटी ने अपने यहाँ शादी में जो लोग आए, उनको सिर्फ़ चाय पिलाई और कोई जलसा नहीं किया, न कोई खाने का कार्यक्रम, कुछ नहीं – क्योंकि नोटबंदी के कारण कुछ कठिनाई आई थी पैसों की | बारातियों ने भी उसे इतना ही सम्मान माना | सूरत के भरत मारू और दक्षा परमार – उन्होंने अपनी शादी के माध्यम से भ्रष्टाचार के खिलाफ़, काले धन के खिलाफ़, ये जो लड़ाई चल रही है, उसमें जो योगदान किया है, ये अपने आप में प्रेरक है | नवपरिणीत भरत और दक्षा को मैं बहुत-बहुत आशीर्वाद भी देता हूँ और शादी के मौके को भी इस महान यज्ञ में परिवर्तित करके एक नये अवसर में पलट देने के लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूँ | और जब ऐसे संकट आते हैं, लोग रास्ते भी बढ़िया खोज लेते हैं |

मैंने एक बार टीवी न्यूज़ में देखा, रात देर से आया था, तो देख रहा था | असम में धेकियाजुली करके एक छोटा सा गाँव है | Tea-worker रहते हैं और Tea-worker को साप्ताहिक रूप से पैसे मिलते हैं | अब 2000 रुपये का नोट मिला, तो उन्होंने क्या किया ? चार अड़ोस-पड़ोस की महिलायें इकट्ठी हो गयी और चारों ने साथ जाकर के ख़रीदी की और 2000 रुपये का नोट payment किया, तो उनको छोटी currency की जरुरत ही नहीं पड़ी, क्योंकि चारों ने मिलकर ख़रीदा और तय किया कि अगले हफ़्ते मिलेंगे, तब उसका हिसाब हम कर लेंगे बैठ करके | लोग अपने-आप रास्ते खोज रहे हैं | और इसका बदलाव भी देखिए ! सरकार के पास एक message आया, असम के Tea garden के लोग कह रहे हैं कि हमारे यहाँ ATM लगाओ | देखिए, किस प्रकार से गाँव के जीवन में भी बदलाव आ रहा है | इस अभियान का कुछ लोगों को तत्काल लाभ मिल गया है | देश को तो लाभ आने वाले दिनों में मिलेगा, लेकिन कुछ लोगों को तो तत्काल लाभ मिल गया है | थोड़ा हिसाब पूछा, क्या हुआ है, तो मैंने छोटे-छोटे जो शहर हैं, वहाँ की थोड़ी जानकारी पाई | क़रीब 40-50 शहरों की जानकारी जो मुझे मिली कि इस नोट बंद करने के कारण उनके जितने पुराने पैसे बाक़ी थे, लोग पैसे नहीं देते थे tax के – पानी का tax नहीं, बिजली का नहीं, पैसे देते ही नहीं थे और आप भली-भाँति जानते हैं – ग़रीब लोग 2 दिन पहले जा कर के पाई-पाई चुकता करने की आदत रखते हैं | ये जो बड़े लोग होते हैं न, जिनकी पहुँच होती है, जिनको पता है कि कभी भी उनको कोई पूछने वाला नहीं है, वो ही पैसे नहीं देते हैं | और इसके लिए काफ़ी बकाया रहता है | हर municipality को tax का मुश्किल से 50% आता है | लेकिन इस बार 8 तारीख़ के इस निर्णय के कारण सब लोग अपने पुराने नोटें जमा कराने के लिए दौड़ गए | 47 शहरी इकाइयों में पिछले साल इस समय क़रीब तीन-साढ़े तीन हज़ार करोड़ रुपये का tax आया था | आपको जान कर के आश्चर्य होगा, आनंद भी होगा – इस एक सप्ताह में उनको 13 हज़ार करोड़ रुपये जमा हो गया | कहाँ तीन-साढ़े तीन हज़ार और कहाँ 13 हज़ार ! और वो भी सामने से आकर के | अब उन municipality में 4 गुना ये पैसा आ गया, तो स्वाभाविक है, ग़रीब बस्तियों में गटर की व्यवस्था होगी, पानी की व्यवस्था होगी, आंगनबाड़ी की व्यवस्था होगी | ऐसे तो कई उदाहरण मिल रहे हैं कि जिसमें इसका सीधा-सीधा लाभ भी नज़र आने लगा है |

भाइयो-बहनो, हमारा गाँव, हमारा किसान ये हमारे देश की अर्थव्यवस्था की एक मज़बूत धुरी हैं | एक तरफ़ अर्थव्यवस्था के इस नये बदलाव के कारण, कठिनाइयों के बीच, हर कोई नागरिक अपने आपको adjust कर रहा है | लेकिन मैं मेरे देश के किसानों का आज विशेष रूप से अभिनंदन करना चाहता हूँ | अभी मैं इस फ़सल की बुआई के आँकड़े ले रहा था | मुझे ख़ुशी हुई, चाहे गेहूँ हो, चाहे दलहन हो, चाहे तिलहन हो; नवम्बर की 20 तारीख़ तक का मेरे पास हिसाब था, पिछले वर्ष की तुलना में काफ़ी मात्रा में बुआई बढ़ी है | कठिनाइयों के बीच भी, किसान ने रास्ते खोजे हैं | सरकार ने भी कई महत्वपूर्ण निर्णय किए हैं, जिसमें किसानों को और गाँवों को प्राथमिकता दी है | उसके बाद भी कठिनाइयाँ तो हैं, लेकिन मुझे विश्वास है कि जो किसान हमारी हर कठिनाइयाँ, प्राकृतिक कठिनाइयाँ हो, उसको झेलते हुए भी हमेशा डट करके खड़ा रहता है, इस समय भी वो डट करके खड़ा है |

हमारे देश के छोटे व्यापारी, वे रोजगार भी देते हैं, आर्थिक गतिविधि भी बढ़ाते हैं | पिछले बजट में हमने एक महत्वपूर्ण निर्णय किया था कि बड़े-बड़े mall की तरह गाँव के छोटे-छोटे दुकानदार भी अब चौबीसों घंटा अपना व्यापार कर सकते हैं, कोई क़ानून उनको रोकेगा नहीं | क्योंकि मेरा मत था, बड़े-बड़े mall को 24 घंटे मिलते हैं, तो गाँव के ग़रीब दुकानदार को क्यों नहीं मिलना चाहिये ? मुद्रा-योजना से उनको loan देने की दिशा में काफी initiative लिए | लाखों-करोड़ों रुपये मुद्रा-योजना से ऐसे छोटे-छोटे लोगों को दिए, क्योंकि ये छोटा कारोबार, करोड़ों की तादाद में लोग करते हैं और अरबों-खरबों रुपये के व्यापार को गति देते हैं | लेकिन इस निर्णय के कारण उनको भी कठिनाई होना स्वाभाविक था | लेकिन मैंने देखा है कि अब तो हमारे इन छोटे-छोटे व्यापारी भी technology के माध्यम से, Mobile App के माध्यम से, मोबाइल बैंक के माध्यम से, क्रेडिट कार्ड के माध्यम से, अपने-अपने तरीक़े से ग्राहकों की सेवा कर रहे हैं, विश्वास के आधार पर भी कर रहे हैं | और मैं अपने छोटे व्यापारी भाइयो-बहनों से कहना चाहता हूँ कि मौका है, आप भी digital दुनिया में प्रवेश कर लीजिए | आप भी अपने मोबाइल फ़ोन पर बैंकों की App download कर दीजिए | आप भी क्रेडिट कार्ड के लिए POS मशीन रख लीजिए | आप भी बिना नोट कैसे व्यापार हो सकता है, सीख लीजिए | आप देखिए, बड़े-बड़े मॉल technology के माध्यम से अपने व्यापार को जिस प्रकार से बढ़ाते हैं, एक छोटा व्यापारी भी इस सामान्य user friendly technology से अपना व्यापार बढ़ा सकता है | बिगड़ने का तो सवाल ही नहीं उठता है, बढ़ाने का अवसर है | मैं आप को निमंत्रण देता हूँ कि  cashless society बनाने में आप बहुत बड़ा योगदान दे सकते हैं, आप अपने व्यापार को बढ़ाने में, mobile phone पर पूरी banking व्यवस्था खड़ी कर सकते हैं और आज नोटों के सिवाय अनेक रास्ते हैं, जिससे हम कारोबार चला सकते हैं | technological रास्ते हैं, safe  है, secure है और त्वरित है | मैं चाहूँगा कि आप सिर्फ़ इस अभियान को सफल करने के लिए मदद करें, इतना नहीं, आप बदलाव का भी नेतृत्व करें और मुझे विश्वास है, आप बदलाव का नेतृत्व कर सकते हैं | आप पूरे गाँव के कारोबार में ये technology के आधार पर काम कर सकते हैं, मेरा विश्वास है |I मैं मज़दूर भाइयों-बहनों को भी कहना चाहता हूँ, आप का बहुत शोषण हुआ है | कागज़ पर एक पगार होता है और जब हाथ में दिया जाता है, तब दूसरा होता है | कभी पगार पूरा मिलता है, तो बाहर कोई खड़ा होता है, उसको cut देना पड़ता है और मज़दूर मजबूरन इस शोषण को जीवन का हिस्सा बना देता है | इस नई व्यवस्था से हम चाहते हैं कि आपका बैंक में खाता हो, आपके पगार के पैसे आपके बैंक में जमा हों, ताकि minimum wages  का पालन हो | आपको पूरा पैसा मिले, कोई cut ना करे | आपका शोषण न हो | और एक बार आपके बैंक खाते में पैसे आ गए, तो आप भी तो छोटे से मोबाइल फ़ोन पर – कोई बड़ा smart phone  की ज़रूरत नहीं हैं, आजकल तो आपका mobile phone भी ई-बटुवे का काम करता है – आप उसी mobile phone से अड़ोस-पड़ोस की छोटी-मोटी दुकान में जो भी खरीदना है, खरीद भी सकते हैं, उसी से पैसे भी दे सकते हैं | इसलिए मैं मज़दूर भाइयों-बहनों को इस योजना में भागीदार बनने के लिए विशेष आग्रह करता हूँ, क्योंकि आखिरकार इतना बड़ा मैंने निर्णय देश के ग़रीब के लिये, किसान के लिये, मज़दूर के लिये, वंचित के लिये, पीड़ित के लिये लिया है, उसका benefit उसको मिलना चाहिए |

आज मैं विशेष रूप से युवक मित्रों से बात करना चाहता हूँ | हम दुनिया में गाजे-बाजे के साथ कहते हैं कि भारत ऐसा देश है कि जिसके पास 65% जनसंख्या, 35 साल से कम उम्र की है | आप मेरे देश के युवा और युवतियाँ, मैं जानता हूँ, मेरा निर्णय तो आपको पसन्द आया है | मैं ये भी जानता हूँ कि आप इस निर्णय का समर्थन करते हैं | मैं ये भी जानता हूँ कि आप इस बात को सकारात्मक रूप से आगे बढ़ाने के लिए बहुत योगदान भी करते हैं | लेकिन दोस्तो, आप मेरे सच्चे सिपाही हो, आप मेरे सच्चे साथी हो | माँ भारती की सेवा करने का एक अद्भुत मौका हमारे सामने आया है, देश को आर्थिक ऊंचाइयों पर ले जाने का अवसर आया है | मेरे नौजवानो, आप मेरी मदद कर सकते हो क्या ? मुझे साथ दोगे, इतने से बात बनने वाली नहीं है | जितना आज की दुनिया का अनुभव आपको है, पुरानी पीढ़ी को नहीं है | हो सकता है, आपके परिवार में बड़े भाई साहब को भी मालूम नहीं होगा और माता-पिता, चाचा-चाची, मामा-मामी को भी शायद मालूम नहीं होगा | आप App क्या होती है, वो जानते हो, online banking  क्या होता है, जानते हो, online ticket booking कैसे होता है, आप जानते हो | आपके लिये चीज़ें बहुत सामान्य हैं और आप उपयोग भी करते हो | लेकिन आज देश जिस महान कार्य को करना चाहता है, हमारा सपना है cashless society | ये ठीक है कि शत-प्रतिशत cashless society संभव नहीं होती है | लेकिन क्यों न भारत less-cash society की तो शुरुआत करे | एक बार अगर आज हम less-cash society की शुरुआत कर दें, तो cashless society की मंज़िल दूर नहीं होगी | और मुझे इसमें आपकी physical मदद चाहिए, ख़ुद का समय चाहिए, ख़ुद का संकल्प चाहिए | और आप मुझे कभी निराश नहीं करोगे, मुझे विश्वास है, क्योंकि हम सब हिंदुस्तान के ग़रीब की ज़िंदगी बदलने की इच्छा रखने वाले लोग हैं | आप जानते हैं, cashless society के लिये, digital banking के लिये या mobile banking के लिये आज कितने सारे अवसर हैं | हर बैंक online सुविधा देता है | हिंदुस्तान के हर एक बैंक की अपनी mobile app है | हर बैंक का अपना wallet है | wallet का सीधा-सीधा मतलब है e-बटुवा | कई तरह के card उपलब्ध हैं | जन-धन योजना के तहत भारत के करोड़ों-करोड़ ग़रीब परिवारों के पास Rupay Card है और 8 तारीख़ के बाद तो जो Rupay Card का बहुत कम उपयोग होता था, गरीबों ने Rupay Card का उपयोग करना शुरू किया और क़रीब-करीब 300% उसमें वृद्धि हुई है | जैसे mobile phone में prepaid card आता है, वैसा बैंकों में भी पैसा ख़र्च करने के लिये prepaid card मिलता है | एक बढ़िया platform है, कारोबार करने की UPI, जिससे आप ख़रीदी भी कर सकते हैं, पैसे भी भेज सकते हैं, पैसे ले भी सकते हैं | और ये काम इतना simple है जितना कि आप WhatsApp भेजते हैं | कुछ भी ना पढ़ा-लिखा व्यक्ति होगा, उसको भी आज WhatsApp कैसे भेजना है, वो आता है, forward कैसे करना है, आता है | इतना ही नहीं, technology इतनी सरल होती जा रही है कि इस काम के लिए कोई बड़े smart phone की भी आवश्यकता नहीं है | साधारण जो feature phone होता है, उससे भी cash transfer हो सकती है | धोबी हो, सब्ज़ी बेचनेवाला हो, दूध बेचनेवाला हो, अख़बार बेचनेवाला हो, चाय बेचनेवाला हो, चने बेचनेवाला हो, हर कोई इसका आराम से उपयोग कर सकता है | और मैंने भी इस व्यवस्था को और अधिक सरल बनाने के लिए और ज़ोर दिया है | सभी बैंक इस पर लगी हुई हैं, कर रही हैं | और अब तो हमने ये online surcharge का भी ख़र्चा आता था, वो भी cancel कर दिया है | और भी इस प्रकार के कार्ड वगैरह का जो ख़र्चा आता था, उसे आपने देखा होगा पिछले 2-4 दिन में अख़बारों में, सारे ख़र्चे ख़त्म कर दिए, ताकि cashless society की movement को बल मिले |

मेरे नौजवान दोस्तो, ये सब होने के बाद भी एक पूरी पीढ़ी ऐसी है कि जो इससे अपरिचित है | और आप सभी लोग, मैं भली-भांति जानता हूँ, इस महान कार्य में सक्रिय हैं | WhatsApp पर जिस प्रकार के creative message आप देते हैं – slogan, कवितायेँ, किस्से, cartoon, नयी-नयी कल्पना, हंसी-मज़ाक – सब कुछ मैं देख रहा हूँ और चुनौतियों के बीच ये हमारी युवा पीढ़ी की जो सृजन शक्ति है, तो ऐसा लग रहा है, जैसे ये भारत भूमि की विशेषता है कि किसी ज़माने में युद्ध के मैदान में गीता का जन्म हुआ था, वैसे ही आज इतने बड़े बदलाव के काल से हम गुजर रहे हैं, तब आपके अन्दर भी मौलिक creativity प्रकट हो रही है | लेकिन मेरे प्यारे नौजवान मित्रो, मैं फिर एक बार कहता हूँ, मुझे इस काम में आपकी मदद चाहिए | जी-जी-जी, मैं दुबारा कहता हूँ, मुझे आपकी मदद चाहिए और आप, आप मुझे विश्वास है मेरे देश के करोड़ों नौजवान इस काम को करेंगे | आप एक काम कीजिए, आज से ही संकल्प लीजिए कि आप स्वयं cashless society के लिए ख़ुद एक हिस्सा बनेंगे | आपके mobile phone पर online ख़र्च करने की जितनी technology है, वो सब मौजूद होगी |  इतना ही नहीं, हर दिन आधा-घंटा, घंटा, दो घंटा निकाल करके कम से कम 10 परिवारों को आप ये technology क्या है, technology का कैसे उपयोग करते हैं, कैसे अपनी बैंकों की App download करते हैं ? अपने खाते में जो पैसे पड़े हैं, वो पैसे कैसे ख़र्च किए जा सकते हैं ? कैसे दुकानदार को दिए जा सकते हैं ? दुकानदार को भी सिखाइये कि कैसे व्यापार किया जा सकता है ? आप स्वेच्छा से इस cashless society, इन नोटों के चक्कर से बाहर लाने का महाभियान, देश को भ्रष्टाचार मुक्त करने का अभियान, काला-धन से मुक्ति दिलाने का अभियान, लोगों को कठिनाइयों-समस्याओं से मुक्त करने का अभियान – इसका नेतृत्व करना है आपको | एक बार लोगों को Rupay Card का उपयोग कैसे हो, ये आप सिखा देंगे, तो ग़रीब आपको आशीर्वाद देगा | सामान्य नागरिक को ये व्यवस्थायें सिखा दोगे, तो उसको तो शायद सारी चिंताओं से मुक्ति मिल जाएगी और ये काम अगर हिंदुस्तान के सारे नौजवान लग जाएँ, मैं नहीं मानता हूँ, ज्यादा समय लगेगा | एक महीने के भीतर-भीतर हम विश्व के अन्दर एक नये आधुनिक हिंदुस्तान के रूप में खड़े हो सकते हैं और ये काम आप अपने mobile phone के ज़रिये कर सकते हो, रोज़ 10 घरों में जाकर के कर सकते हो, रोज़ 10 घरों को इसमें जोड़ करके कर सकते हो | मैं आपको निमंत्रण देता हूँ – आइए, सिर्फ समर्थन नहीं, हम इस परिवर्तन के सेनानी बनें और परिवर्तन लेकर ही रहेंगे | देश को भ्रष्टाचार और काले-धन से मुक्त करने की ये लड़ाई को हम आगे बढ़ाएँगे और दुनिया में बहुत देश हैं, जहाँ के नौजवानों ने उस राष्ट्र के जीवन को बदल दिया है और ये बात माननी पड़ेगी, जो बदलाव लाता है, वो नौजवान लाता है, क्रांति करता है, वो युवा करता है | केन्या, उसने बीड़ा उठाया, M-PESA ऐसी एक mobile व्यवस्था खड़ी की, technology का उपयोग किया, M-PESA नाम रखा और आज क़रीब-क़रीब Africa के इस इलाक़े में केन्या में पूरा कारोबार इस पर shift होने की तैयारी में आ गया है | एक बड़ी क्रांति की है इस देश ने |

मेरे नौजवानो, मैं फिर एक बार, फिर एक बार बड़े आग्रह से आपको कहता हूँ कि आप इस अभियान को आगे बढ़ाइए | हर school, college, university, NCC, NSS, सामूहिक रूप से, व्यक्तिगत रूप से इस काम को करने के लिए मैं आपको निमंत्रण देता हूँ | हम इस बात को आगे बढ़ाएँ | देश की उत्तम सेवा करने का हमें अवसर मिला है, मौक़ा गंवाना नहीं है |

प्यारे भाइयो-बहनो, हमारे देश के एक महान कवि – श्रीमान हरिवंशराय बच्चन जी का आज जन्म-जयंती का दिन है और आज हरिवंशराय जी के जन्मदिन पर श्रीमान अमिताभ बच्चन जी ने “स्वच्छता अभियान” के लिये एक नारा दिया है | आपने देखा होगा, इस सदी के सर्वाधिक लोकप्रिय कलाकार अमिताभ जी स्वच्छता के अभियान को बहुत जी-जान से आगे बढ़ा रहे हैं | जैसे लग रहा है कि स्वच्छता का विषय उनके रग-रग में फैल गया है और तभी तो अपने पिताजी की जन्म-जयंती पर भी उनको स्वच्छता का ही काम याद आया I| उन्होंने लिखा है कि हरिवंशराय जी की एक कविता है और उसकी एक पंक्ति उन्होंने लिखी है –“” “””‘मिट्टी का तन, मस्ती का मन, क्षण भर जीवन, मेरा परिचय’ | हरिवंशराय जी इसके माध्यम से अपना परिचय दिया करते थे I‘मिट्टी का तन, मस्ती का मन, क्षण भर जीवन, मेरा परिचय’, तो उनके सुपुत्र श्रीमान अमिताभ जी ने, जिसकी रगों में स्वच्छता का mission दौड़ रहा है, उन्होंने मुझे लिखकर के भेजा है हरिवंशराय जी की कविता का उपयोग करते हुए – “‘स्वच्छ तन, स्वच्छ मन, स्वच्छ भारत, मेरा परिचय”’ | मैं हरिवंशराय जी को आदर-पूर्वक नमन करता हूँ | श्रीमान अमिताभ जी को भी ‘मन की बात’ में इस प्रकार से जुड़ने के लिये और स्वच्छता के काम को आगे बढ़ाने के लिये भी धन्यवाद करता हूँ |

मेरे प्यारे देशवासियो, अब तो ‘मन की बात’ के माध्यम से आपके विचार, आपकी भावनायें आपके पत्रों के माध्यम से, MyGov पर, NarendraModiApp पर लगातार मुझे आपको जोड़ करके रखती हैं | अब तो 11 बजे ये ‘मन की बात’ होती है, लेकिन प्रादेशिक भाषाओं में इसे पूरा करने के तुरंत बाद शुरू करने वाले हैं | मैं आकाशवाणी का आभारी हूँ, ये नया उन्होंने जो Initiative लिया है, ताकि जहाँ पर हिंदी भाषा प्रचलित नहीं है, वहाँ के भी मेरे देशवासियों को ज़रूर इससे जुड़ने का अवसर मिलेगा | आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद |

नरेश अग्रवाल से ऐसा कटाक्ष सुन पीएम मोदी और अरुण जेटली हो गए हंसने को मजबूर

 राज्यसभा में नोटबंदी पर बहस के दौरान सपा सांसद नरेश अग्रवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री जी आपने तो वित्तमंत्री अरुण जेटली तक को कॉन्फिडेंस में नहीं लिया, कितना सच है पता नहीं, लेकिन अगर लिया होता तो वह हमें कान में जरूर बता देते. यह सुनकर पूरे सदन में ठहाके लगने लगे. खुद पीएम मोदी और अरुण जेटली भी इस पर जोर-जोर से हंसे.
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इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आप (पीएम मोदी) जब भावुक होकर जान को खतरा होने की बात करते हैं तो हमें बहुत दुख होता है. आप उत्तर प्रदेश में बेफिक्र होकर घूम सकते हैं, क्योंकि हमारे राज्य में कानून व्यवस्था अच्छी है.

उन्होंने पीएम मोदी के भावुक होने को लेकर भी निशाना साधा और कहा कि भावुक प्रधानमंत्री हमारे देश की रक्षा कैसे करेंगे. अगर हमारे प्रधानमंत्री को जान का खतरा हो सकता है तो पाकिस्तान से हमारे देश की रक्षा कौन करेगा?

नरेश अग्रवाल ने सरकार पर आरोप लगाया कि नोटबंदी का फैसला आगामी यूपी चुनावों को ध्यान में रखकर लिया गया है. वित्तमंत्री को भी भरोसे में न लेना कितना सही है. आप काला धन की बात करते हैं, लेकिन विदेशों से अब तक काला धन वापस नहीं आया है.

पीएम नरेंद्र मोदी बोले सर्वे को मिली ‘ऐतिहासिक प्रतिक्रिया’, 90 फीसदी जनता नोटबंदी के साथ

1000 और 500 रुपये के पुराने नोटों को बंद करने के फैसले को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी की तरफ से कराए गए सर्वे के आंकड़ों को जारी कर दिया गया है. सर्वे में बताया गया है कि 90 फीसदी जनता नोटबंदी को सही मानती है. वहीं 92 प्रतिशत लोगों ने माना है कि करप्शन और कालाधन के खिलाफ नोटबंदी अच्छा कदम है. इस सर्वे में पांच लाख से ज़्यादा लोगों ने भाग लिया था.66% लोगों का कहना है, इस फ़ैसले से प्रॉपर्टी, स्वास्थ्य सुविधाओं और उच्च शिक्षा को फायदा होगा. 48% ने माना है कि इस फैसले से कुछ दिक्कत है. लेकिन इतना चलेगा.  सर्वे में पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए 98 फीसदी लोगों ने माना है कि देश में काला धन है.
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प्रधानमंत्री द्वारा इस मुद्दे पर जनता की प्रतिक्रिया मांगे जाने के एक दिन बाद पीएमओ ने बुधवार को यह जानकारी दी.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस सर्वेक्षण के नतीजों के साथ ट्वीट कर कहा, ‘मैं इस सर्वेक्षण में ऐतिहासिक भागीदारी के लिए लोगों को धन्यवाद देता हूं. गहन विचारों और टिप्पणियों को पढ़ना संतोषजनक है’.