Monthly Archives: August 2016

हम महंगाई दर को 6 फीसदी से नीचे लाए : पीएम मोदी

 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि उनकी सरकार दो बार खराब मॉनसून के बावजूद वार्षिक महंगाई दर को छह प्रतिशत से नीचे लाने में सफल रही. वहीं, पहले महंगाई दर 10 प्रतिशत थी.

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मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर अपने संबोधन में कहा, “लगातार दो साल तक सूखे की मार झेलने के कारण हमारी सरकार ने महंगाई के रूप में कई चुनौतियां झेलीं.”

उन्होंने कहा, “पिछली सरकार में महंगाई ने 10 प्रतिशत के स्तर को पार कर लिया था, लेकिन हमने इसे छह प्रतिशत से अधिक नहीं बढ़ने दिया.”

प्रधानमंत्री कार्यालय ने मंत्रालयों से आपसी मुकदमेबाजी से बचने को कहा

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सरकार ने आज कहा कि प्रधानमंत्री कार्यालय ने मंत्रालयों से आपसी मुकदमेबाजी से बचने और मामलों का समाधान सौहार्दपूर्ण ढंग से निकालने को कहा है.

विधि एवं न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में बताया कि 31 जुलाई 2014 को प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) में हुए विमर्श के अनुपालन में विधि सचिव ने भारत सरकार के सभी सचिवों को सात अगस्त 2014 को डीओ पत्र जारी कर मंत्रालयों और विभागों से आपसी मुकदमेबाजी से बचने का अनुरोध किया था.

उन्होंने बताया कि मंत्रालयों विभागों के प्रशासनिक नियंत्रण के अधीन सार्वजनिक क्षेत्र के सभी उपक्रमों बोर्डों प्राधिकरणों को इस संबंध में आवश्यक निर्देश जारी किए गए थे और कहा गया था कि आपसी सहमति और सरकार के सशक्त अभिकरणों के माध्यम से सौहार्दपूर्ण समाधान संभव नहीं होने पर मामला पहले मंत्रिमंडल सचिवालय को और यदि आवश्यक हो तो प्रधानमंत्री कार्यालय को निर्दिष्ट किया जाना चाहिए.

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की पहल, ओलिंपिक में पहली बार भारतीय खिलाड़ी चख रहे हैं इंडियन फूड का ज़ायका

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ओलिंपिक में खेल खेले जा रहे हैं और भारत ने अपनी मज़ेदार जीत पहले ही सफलता पूर्वक हासिल कर ली है। इस सहयोगात्मक प्रयास का श्रेय जाता है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को। ऐसा पहली बार हो रहा है, जब पीएम मोदी ने रियो ओलिंपिक गेम्स विलेज में भारतीय खाने का मेन्यू शामिल किया है।

नियम के अनुसार बाहर का कोई भी खाद्य पदार्थ ओलिंपिक्स की किचन में नहीं भेजा जा सकता है, यह सुनिश्चित करने के लिए कि वेन्यू के बाहर किसी भी सामग्री में कोई मिलावट नहीं की गई है। यहां आए सभी खिलाड़ी केवल ओलिंपिक गेम्स विलेज के अंदर पकाया गया खाना ही खाएंगे। मेन्यू में इंडियन फूड शामिल करने के लिए भारतीय खेल मंत्री और भारतीय ओलिंपिक एसोसिएशन ने कई बार आवेदन किया था, लेकिन ओलिंपिक गेम्स आयोजन कमिटी ने ऐसा करने से मना कर दिया था। फिर भी मिनिस्ट्री की तरफ से हुई ईमेल की सीरीज़ के बाद दो हफ्तों पहले ही मेन्यू में भारतीय खाना उपलब्ध कराया गया है।

खेल सचिव राजीव यादव ने इकनॉमिक टाइम्स को बताया कि “खिलाड़ियों को घर जैसा अहसास दिलाने के लिए सभी चीज़ों को एक साथ जुटाया गया है। यह बात वैज्ञानिक तौर पर साबित हो चुकी है कि घर का बना खाना व्यक्ति को मानसिक और शारीरिक रूप से फिट रखता है। इस बार, खिलाड़ी अच्छी तरह खेल में फोकस कर सकें, इसलिए उन्हें प्रतियोगिता शुरू होने से कुछ समय पहले ही भेज दिया गया है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि वे जो खाना खा रहे हैं, उनकी पसंद का है”।

पीओके जम्‍मू-कश्‍मीर का ही हिस्‍सा है : सर्वदलीय बैठक में पीएम नरेंद्र मोदी

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कश्मीर के मौजूदा हालात और उन्‍हें सामान्‍य करने पर चर्चा करने के लिए सरकार द्वारा बुलाई गई सभी दलों की बैठक खत्‍म हो गई है. बैठक की अध्यक्षता खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की. बैठक में विपक्ष ने कश्‍मीर में स्थिति सामान्‍य बनाने के लिए विश्‍वास बहाली के कदम उठाने की मांग की. साथ ही पैलेट गन के इस्‍तेमाल को बंद करने की भी मांग उठी. इसके अलावा नागरिक इलाकों से आफ्स्‍पा को समाप्‍त करने सभी संबंधित पक्षों जिसमें अलगाववादी भी शामिल हैं, से वार्ता करने की भी मांग विपक्ष ने की.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि पाकिस्‍तान अधिकृत कश्‍मीर (पीओके) जम्‍मू-कश्‍मीर का ही भाग है. उन्‍होंने कहा कि सरकार को विदेशों में रह रहे पीओके के निर्वासित लोगों से संपर्क करना चाहिए और उनसे बात की जानी चाहिए. पीएम ने कहा, जम्‍मू-कश्‍मीर के चार हिस्‍से हैं, कश्‍मीर, लद्दाख, जम्‍मू और पाकिस्‍तान अधिकृति कश्‍मीर. उन्‍होंने बलूचिस्‍तान सहित पाकिस्‍तान के अन्‍य हिस्‍सों में हो रहे मानवाधिकार उल्‍लंघन का भी जिक्र किया.

बैठक में सभी दलों के नेता पहुंचे, जिनमें सतीश मिश्रा, डेरेक ओ ब्रायन, सुखदेव सिंह ढिंढसा, सुदीप बंदोपाध्‍याय, शरद यादव, दुष्‍यंत चौटाला, सीताराम पासवान, अनंत कुमार, कर्ण सिंह, डी राजा, प्रेमचंद गुप्‍ता, तारिक अनवर, प्रफुल पटेल आदि शामिल हैं.

स्वच्छता मिशन : वाराणसी के जन प्रतिनिधियों के लिए पीएम मोदी ने शुरू की यात्रा की योजना

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वच्छता मिशन के तहत के अपने संसदीय क्षेत्र में एक नई योजना ‘जन प्रतिनिधियों की यात्रा’ की शुरुआत की है. इसमें ग्राम प्रधान और नगर निगम के सभासदों के साथ उनके परिवार के लोगों को दिल्ली बुलाया गया है. वहां वे उनको सदन की कार्यवाही दिखाएंगे. उनके साथ चाय पियेंगे और चर्चा करेंगे.

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इसके अलावा जनप्रतिनिधियों को गुजरात के दो आदर्श गांव मॉडल के रूप में दिखाए जाएंगे, कि कैसे गांव का विकास हुआ है. सभासदों को गुजरात के नगर निगम की कार्यवाही और काम दिखाए जाएंगे. इसके साथ ही उन्हें सोमनाथ, द्वारिका मंदिर भी घुमाए जाएंगे.

इस योजना के तहत करीब 360 प्रधानों और 80 सभासदों की टीम दिल्ली गई है. इसमें सभी दलों के लोगों को आमंत्रित किया गया है. सभासदों में कांग्रेस के लोग तो नहीं गए पर कुछ समाजवादी पार्टी के सभासद जरूर गए हैं. वे यह देखने गए हैं कि आखिर मोदी जी क्या बताते हैं. वे उनसे शिकायत करेंगे कि बनारस का कोई विकास नहीं हुआ है.

Swachh Bharat : लक्ष्मी के अवतार में कंगना रानौत, मनाने में लगे हैं लोग, कहीं रूठ न जाएं…

अब पीएम नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान को कंगना रानाउत और अमिताभ बच्चन अनोखे अंदाज में प्रमोट करते दिख रहे हैं. जी हां, वह एक विज्ञापन के जरिये लोगों को समझा रहे हैं कि कैसे गंदगी के कारण ‘लक्ष्मी’ आपसे रूठ सकती है.

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इसमें दिखाया गया है कि कुछ लोग अपने घर में, दुकान में और कार में लक्ष्मी की पूजा कर रहे हैं, लेकिन उसी जगह से वह गंदगी भी फैला रहे हैं. जैसे ही ये लोग गंदगी फैलाते हैं, वैसे ही उनके सामने लगी लक्ष्मी की फोटो से चित्र गायब हो जाता है.

‘क्वीन’ की अदाकार कंगना रानौत ने इसमें ‘लक्ष्मी’ का रोल निभाया है. वीडियो में अभिनेत्री ईशा कोपिकर, रवि किशन, ओमकार कपूर भी दिख रहे हैं. अमिताभ बच्चन इस वीडियो में स्वच्छता पर संदेश देते दिखाई दे रहे हैं. इसके निर्देशक प्रदीप सरकार हैं और यह वीडियो काफी पसंद किया जा रहा है.

पीएम मोदी, पुतिन और जयललिता ने कुनडकुलम संयंत्र-1 राष्ट्र को समर्पित किया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता ने बुधवार को 1,000 मेगावाट की क्षमता वाले कुडनकुलम परमाणु बिजली संयत्र-1 को संयुक्त रूप से राष्ट्र को समर्पित किया तथा भरोसा दिलाया कि यह दुनिया के सबसे अधिक सुरक्षित परमाणु संयंत्रों में से एक है.

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इस मौके पर नई दिल्ली से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पीएम मोदी ने कहा कि भारत-रूस परियोजना कुडनकुलम-1 भारत में स्वच्छ ऊर्जा के उत्पादन को बढ़ाने के प्रयासों में महत्वपूर्ण कदम है.

उन्होंने कहा, ‘मैंने रूस के साथ हमारी मित्रता को हमेशा बहुत महत्व दिया और यह बिल्कुल उपयुक्त है कि हम कुडनकुलम परमाणु उर्जा संयंत्र की यूनिट-1 को संयुक्त रूप से समर्पित कर रहे हैं. यह हरित विकास के लिए साझेदारी का मार्ग बनाने की हमारी साझी प्रतिबद्धता का भी संकेत है. पुतिन ने मॉस्को से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कहा कि यह सभी के लिए बड़ा कार्यक्रम है.

पुतिन ने कहा, ‘यह बिजली संयत्र आधुनिक रूसी प्रौद्योगिकी से उन्नत है. यह सिर्फ बिजली संयंत्र का निर्माण और आरंभ नहीं है. यह सर्वविदित है कि रूस परमाणु प्रौद्योगिकी के मामले में विश्व में अगुवा देशों में से एक है और हम अपनी प्रौद्योगिकी को अपने भारतीय साथियों के साथ साझा करके खुश हैं. 

इस कार्यक्रम में चेन्नई से जुड़ीं जयललिता ने कहा कि यह संयंत्र रूस और भारत के बीच लंबी और गहरी मित्रता का प्रतीक है. कुडनकुलम परियोजना तमिलनाडु के तिरूनेलवेली जिले में स्थित है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन ने संयुक्त रूप से कुडनकुलम परमाणु बिजली संयंत्र की पहली इकाई राष्ट्र को समर्पित की. पीएम मोदी ने कहा कि देश में स्वच्छ उर्जा उत्पादन बढ़ाने के लिये किये जा रहे निरंतर प्रयास में कुडनकुलम-एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है. बुधवार सुबह के समाचारपत्रों में दिए गए पूरे पेज के विज्ञापनों में घोषणा की गई थी कि यह इकाई राष्ट्र को तथा ‘भारत-रूस मैत्री एवं सहयोग’ को समर्पित होगी.रूसी तकनीक से बना यह प्लांट वर्ष 2014 से कार्यरत है. इसमें 1,000 मेगावॉट बिजली पैदा होती है, जिसमें से आधी तमिलनाडु द्वारा इस्तेमाल की जाती है. तमिलनाडु में तिरुनेलवेली जिले के कुडनकुलम में भारत की आणविक ऊर्जा प्लांट संचालक न्यूक्लियर पॉवर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया 1,000 मेगावॉट के दो रूसी रिएक्टर स्थापित कर रही है. कुडनकुलम में इन रिएक्टरों की स्थापना भारतीय परमाणु ऊर्जा कॉरपोरेशन और रूस की आणविक नियामक संस्था रोसाटॉम की एक सहायक इकाई संयुक्त रूप से कर रहे हैं. इस समझौते पर दस्तखत वर्ष 1988 में भारत के भूतपूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी तथा तत्कालीन सोवियत संघ के राष्ट्रपति मिखाइल गोर्बाचोव ने किए थे, लेकिन सोवियत संघ के विघटन के बाद उत्पन्न हुए हालात की वजह से यहां निर्माण कार्य वर्ष 1999 में शुरू हो पाया. सीमांत इलाकों में ग्रामीणों के ज़ोरदार विरोध के बावजूद पहले प्लांट को चालू किया गया. ग्रामीणों का आरोप था कि रूसी तकनीक सुरक्षित नहीं है, उसमें कमियां हैं, और इससे पहले उसका कहीं परीक्षण भी नहीं हुआ है, इसलिए यह प्लांट एक ज़िन्दा बम की तरह है, जो इलाके से मछलियों को खत्म कर देगा. जुलाई, 2013 में प्लांट ने ऊर्जा उत्पादन शुरू कर दिया, और शुरुआत में 300 मेगावॉट बिजली बनाई. अधिकारियों का कहना है कि कुडनकुलम प्लांट की दूसरी इकाई विभिन्न परीक्षणों तथा मंजूरियों के बाद जल्द ही तैयार हो जाएगी. इस इकाई से 1,000 मेगावॉट बिजली के उत्पादन की उम्मीद है. कुडनकुलम परियोजना से तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश तथा केरल सहित कई राज्यों को बिजली आपूर्ति किए जाने की उम्मीद की जा रही है. फिलहाल यहां कम से कम दो और रिएक्टर बनाए जाने की योजना है. परमाणु-विरोधी आंदोलन का चेहरा माने जाने वाले एसपी उदयकुमार ने आरोप लगाया, “पिछले दो साल में पहली इकाई 32 बार बंद हुई, और ऊर्जा उत्पादन के लिए भरोसेमंद इकाई बनने की दिशा में लड़खड़ाकर ही बढ़ रही है… रूसी तथा भारतीय सरकारों द्वारा की जा रही यह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग दरअसल सभी तरह के परेशान करने वाले सवालों से बचने का सबसे बढ़िया तरीका है…” हालांकि कुडनकुलम के अधिकारी इन आरोपों से सरासर इंकार करते हैं.

तनख्वाह बढ़ाने की मांग को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बुधवार को सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल मिला.

इस प्रतिनिधिमंडल ने पीएम मोदी को 250 सांसदों के दस्तखत वाला एक ज्ञापन भी दिया. अपने ज्ञापन में सांसदों ने कहा है कि सांसदों के क्षेत्र में विकास के लिए दी जाने वाली सांसद निधि की राशि को बढ़ाया जाए.

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वहीं, सूत्र बता रहे हैं कि पीएम मोदी ने सांसदों को खर्च कम करने का सुझाव दिया है. इससे यह समझा जा रहा है कि पीएम ने एक तरह से सांसदों की मांग को ठुकरा दिया है. जहां तक एमपीलैड फंड यानी सांसदों के क्षेत्र में विकास के लिए दी जाने वाली राशि को बढ़ाने की बात पर पीएम कुछ पॉजिटिव नजर आए.

बताया जा रहा है कि राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के वेतन बढ़ाने के लिए सरकार जल्द ही संसद में एक बिल प्रस्तुत करेगी. सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू हो जाने के बाद कुछ सरकारी अधिकारियों से इनका वेतन कम हो गया है.बता दें कि सांसदों का वेतन बढ़ाने का एक प्रस्ताव प्रधानमंत्री कार्यालय में पहले ही भेजा जा चुका है, लेकिन इस पर पीएम मोदी ने अभी तक कुछ भी सार्वजनिक तौर पर नहीं कहा है.

पीएम मोदी और पुतिन ने कुडनकुलम प्लांट को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से हरी झंडी दिखाई : 10 खास बातें

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन ने संयुक्त रूप से कुडनकुलम परमाणु बिजली संयंत्र की पहली इकाई राष्ट्र को समर्पित की. पीएम मोदी ने कहा कि देश में स्वच्छ उर्जा उत्पादन बढ़ाने के लिये किये जा रहे निरंतर प्रयास में कुडनकुलम-एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है.

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  1. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन ने संयुक्त रूप से कुडनकुलम परमाणु बिजली संयंत्र की पहली इकाई राष्ट्र को समर्पित की. पीएम मोदी ने कहा कि देश में स्वच्छ उर्जा उत्पादन बढ़ाने के लिये किये जा रहे निरंतर प्रयास में कुडनकुलम-एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है.
  2. बुधवार सुबह के समाचारपत्रों में दिए गए पूरे पेज के विज्ञापनों में घोषणा की गई थी कि यह इकाई राष्ट्र को तथा ‘भारत-रूस मैत्री एवं सहयोग’ को समर्पित होगी.रूसी तकनीक से बना यह प्लांट वर्ष 2014 से कार्यरत है. इसमें 1,000 मेगावॉट बिजली पैदा होती है, जिसमें से आधी तमिलनाडु द्वारा इस्तेमाल की जाती है.
  3. तमिलनाडु में तिरुनेलवेली जिले के कुडनकुलम में भारत की आणविक ऊर्जा प्लांट संचालक न्यूक्लियर पॉवर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया 1,000 मेगावॉट के दो रूसी रिएक्टर स्थापित कर रही है.
  4. कुडनकुलम में इन रिएक्टरों की स्थापना भारतीय परमाणु ऊर्जा कॉरपोरेशन और रूस की आणविक नियामक संस्था रोसाटॉम की एक सहायक इकाई संयुक्त रूप से कर रहे हैं.
  5. इस समझौते पर दस्तखत वर्ष 1988 में भारत के भूतपूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी तथा तत्कालीन सोवियत संघ के राष्ट्रपति मिखाइल गोर्बाचोव ने किए थे, लेकिन सोवियत संघ के विघटन के बाद उत्पन्न हुए हालात की वजह से यहां निर्माण कार्य वर्ष 1999 में शुरू हो पाया.
  6. सीमांत इलाकों में ग्रामीणों के ज़ोरदार विरोध के बावजूद पहले प्लांट को चालू किया गया. ग्रामीणों का आरोप था कि रूसी तकनीक सुरक्षित नहीं है, उसमें कमियां हैं, और इससे पहले उसका कहीं परीक्षण भी नहीं हुआ है, इसलिए यह प्लांट एक ज़िन्दा बम की तरह है, जो इलाके से मछलियों को खत्म कर देगा.
  7. जुलाई, 2013 में प्लांट ने ऊर्जा उत्पादन शुरू कर दिया, और शुरुआत में 300 मेगावॉट बिजली बनाई.
  8. अधिकारियों का कहना है कि कुडनकुलम प्लांट की दूसरी इकाई विभिन्न परीक्षणों तथा मंजूरियों के बाद जल्द ही तैयार हो जाएगी. इस इकाई से 1,000 मेगावॉट बिजली के उत्पादन की उम्मीद है.
  9. कुडनकुलम परियोजना से तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश तथा केरल सहित कई राज्यों को बिजली आपूर्ति किए जाने की उम्मीद की जा रही है.
  10. फिलहाल यहां कम से कम दो और रिएक्टर बनाए जाने की योजना है. परमाणु-विरोधी आंदोलन का चेहरा माने जाने वाले एसपी उदयकुमार ने आरोप लगाया, “पिछले दो साल में पहली इकाई 32 बार बंद हुई, और ऊर्जा उत्पादन के लिए भरोसेमंद इकाई बनने की दिशा में लड़खड़ाकर ही बढ़ रही है… रूसी तथा भारतीय सरकारों द्वारा की जा रही यह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग दरअसल सभी तरह के परेशान करने वाले सवालों से बचने का सबसे बढ़िया तरीका है…” हालांकि कुडनकुलम के अधिकारी इन आरोपों से सरासर इंकार करते हैं.

केंद्र ने राज्यों से कहा- गोरक्षा के नाम पर कानून से खिलवाड़ करने वालों पर कड़ी कार्रवाई करें

केंद्र ने अतिउत्साही गोरक्षकों के खिलाफ नकेल कसते हुए सभी राज्यों से कहा है कि वह ऐसे किसी भी व्यक्ति को बर्दाश्त नहीं करें, जो गोरक्षा के नाम पर कानून अपने हाथ में लेते हैं और ऐसे अपराधियों के खिलाफ उचित कार्रवाई करें.

गृह मंत्रालय का यह परामर्श आने से दो दिन पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अतिउत्साही गोरक्षकों की निंदा की थी और लोगों से समाज एवं देश को विभाजित करने की कोशिश करने वाले ‘फर्जी’ रक्षकों से सचेत रहने और राज्यों से उन्हें कड़ी सजा देने को कहा था.

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गृह मंत्रालय के परामर्श में कहा गया है कि ऐतिहासिक रूप से मवेशियों का भारतीय संस्कृति एवं इतिहास में एक विशेष, सम्मानजनक एवं पूजनीय स्थान है और यहां तक कि राष्ट्रपिता ने भी कहा था कि ‘मेरे लिए गोरक्षा केवल गाय की रक्षा करना नहीं है, इसका अर्थ दुनिया में जीवित, असहाय और कमजोर की रक्षा करना है.’ हालांकि यह किसी भी व्यक्ति या व्यक्तियों के समूह को यह अधिकार नहीं देता है कि वे कथित गोहत्या को रोकने के लिए स्वयं कदम उठाएं या कथित रूप से गलत काम करने वालों को स्वयं सजा दें.

उन्होंने कहा, ‘हाल में, कुछ मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें कुछ व्यक्तियों एवं समूहों ने गोरक्षा के नाम पर कानून अपने हाथ में लिया है। यह स्वीकार्य स्थिति नहीं है.’