Monthly Archives: July 2016

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रियो जाने वाले खिलाड़ियों से मुलाकात कर शुभकामनाएं दीं

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्राजील के रियो डि जनेरियो में होने वाले आगामी ओलिंपिक खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले खिलाड़ियों से सोमवार को मुलाकात की और उन्हें शुभकामनाएं दीं। मानेकशॉ सेंटर में हुए समारोह में प्रधानमंत्री मोदी ने खिलाड़ियों से व्यक्तिगत तौर पर बात की और 5 से 21 अगस्त तक होने वाले खेलों के इस महाकुंभ के लिए उन्हें शुभकामनाएं दीं।

समारोह में खेल मंत्री जितेंद्र सिंह, खेल सचिव राजीव यादव, अखिल भारतीय खेल परिषद (एआईसीएस) के अध्यक्ष विजय कुमार मल्होत्रा, भारतीय ओलिंपिक संघ के अध्यक्ष एन रामचंद्रन, महासचिव राजीव मेहता, हॉकी इंडिया के अध्यक्ष नरिंदर बत्रा और महासचिव मुश्ताक मोहम्मद आदि ने भी हिस्सा लिया।

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भारत इस साल ओलिंपिक में अपना अब तक का सबसे बड़ा दल भेज रहा है। देश के 100 से अधिक खिलाड़ी पहले ही 13 खेलों के लिए क्वालीफाई कर चुके हैं। इससे पहले लंदन ओलिंपिक के दौरान भारत ने सर्वाधिक 83 खिलाड़ी भेजे थे। आगामी दिनों में कुछ और खिलाड़ी ओलिंपिक के लिए क्वालीफाई कर सकते हैं और खेल मंत्रालय तथा आईओए को उम्मीद है कि यह आंकड़ा 110 के पार पहुंच जाएगा।

सोमवार को प्रधानमंत्री से मिलने वाले खिलाड़ियों में निशानेबाज जीतू राय, मानवजीत सिंह संधू, हीना सिद्धू, बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधू, के श्रीकांत, मुक्केबाज शिव थापा, लंबी दूरी की धाविका सुधा सिंह और ललिता बाबर आदि शामिल रहे। भारतीय महिला हॉकी टीम, मुख्य कोच नील हागुड और कोच सीआर कुमार भी इस दौरान मौजूद थे।

राष्ट्रीय बैडमिंटन कोच पुलेला गोपीचंद और मुक्केबाजी कोच गुरबक्श सिंह संधू ने भी कार्यक्रम में शिरकत की। इस दौरान खिलाड़ियों को प्रधानमंत्री के साथ सेल्फी खींचते और उनके ऑटोग्राफ लेते हुए देखा गया। मुक्केबाज शिव थापा ने बाद में ट्वीट किया, ‘माननीय प्राधनमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलना शानदार रहा। आपके समर्थन के लिए धन्यवाद। जय हिंद।’ रियो खेलों के लिए क्वालीफाई करने वाले कई खिलाड़ियों ने हालांकि कार्यक्रम में हिस्सा नहीं लिया, क्योंकि वे विदेश में ट्रेनिंग कर रहे हैं।

बाबा बंदा सिंह बहादुर की कोशिशों से किसानों को पहली बार उनका हक मिला : पीएम मोदी

रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 18वीं सदी के प्रारंभिक दिनों के सिख सैन्य कमांडर बंदा सिंह बहादुर को एक महान योद्धा बताते हुए कहा कि उनके प्रयासों के कारण किसानों को पहली बार अपना हक मिला और आम आदमी ने सशक्त महसूस किया।

पीएम मोदी ने सिख सैन्य कमांडर के 300वें शहीदी दिवस पर आयोजित एक समारोह में कहा, “बाबा बंदा सिंह बहादुर-जी सिर्फ एक महान योद्धा नहीं थे, बल्कि आम जनता के प्रति वह काफी संवेदनशील भी थे। गुरु गोबिंद सिंह-जी से प्रेरणा पाने के बाद उन्होंने एक योद्धा के मूल्यों को आत्मसात किया और सामाजिक विकास की एक नई यात्रा शुरू की।”

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नरेंद्र मोदी ने कहा, “बाबा बंदा सिंह बहादुर-जी के समय में पहली बार किसानों को उनका हक मिला, आम आदमी ने खुद को सशक्त महसूस किया, गरीब और अल्पसंख्यकों ने सुरक्षित महसूस किया। उन्होंने आर्थिक आजादी का पक्ष लिया।”

प्रधानमंत्री ने इस सिख योद्धा पर एक किताब का विमोचन भी किया। पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल और उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल भी इस मौके पर मौजूद थे। पिछले महीने केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बंदा सिंह बहादुर के 300वें शहीदी दिवस पर चांदी का एक स्मारक सिक्का जारी किया था।

ढाका हमले से हुई तकलीफ शब्दों में बयां नहीं कर सकते : पीएम मोदी ने शेख हसीना से कहा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना से फोन पर बात कर कहा कि ढाका हमले के बाद इस दुख की घड़ी में भारत उनके साथ है और इस हमले से हुई तकलीफ को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता।

प्रधानमंत्री ने ढाका में एक रेस्तरां पर हुए आतंकवादी हमले के संदर्भ में ट्वीट किया, ‘‘ढाका के हमले से हुई तकलीफ को हम शब्दों में बयां नहीं कर सकते।’’ इस हमले में 24 लोग मारे गये।

मोदी ने कहा कि उन्होंने हसीना से बात की और घृणित हमले की कड़ी निंदा की।

उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘भारत इस दुख की घड़ी में बांग्लादेश के हमारे भाइयों और बहनों के साथ मजबूती से खड़ा है। शोकसंतप्त परिवारों के साथ मेरी संवेदनाएं हैं। मैं दुआ करता हूं कि घायल हुए लोग जल्दी स्वस्थ हों।’’

आतंकवादियों ने शुक्रवार रात उच्च सुरक्षा वाले राजनयिक इलाके में स्थित रेस्तरां पर हमला किया जहां विदेशी लोग बड़ी संख्या में आते हैं। शनिवार सुबह संकट समाप्त हुआ जब सेना के कमांडो ने वहां घुसकर सभी छह हमलावरों को मार गिराया।

PM से बोली छात्रा, मेरा गांव ‘गंदा’ है, नाम बदल दीजिए, MODI ने यह जवाब दिया

फतेहाबाद की 7वीं की छात्रा ने पीएम को पत्र लिखकर की थी नाम बदलने की गुहार और मान गए पीएम, हरकत में आया विभाग।

आदरणीय प्रधानमंत्री जी, मेरे गांव का नाम ‘गंदा’ है। किसी को बताते हैं तो शर्म आती है। लोग हमारे गांव का नाम लेकर बेइज्जती करते हैं। प्लीज बदल दीजिए…। दरअसल हरियाणा के फतेहाबाद जिले के रतिया खंड के गांव ‘गंदा’ की छात्रा हरप्रीत कौर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आठ जनवरी को पत्र लिखकर यह गुहार लगाई थी।

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पीएमओ से जिला और रतिया प्रशासन को मिले जवाबी पत्र में गांव का नाम बदलने के अलावा अन्य समस्याओं के त्वरित समाधान की कार्रवाई शुरू करने के निर्देश दिए। हरकत में आईं रतिया की एसडीएम पूजा चौवरिया ने मंगलवार को अधिकारियों की बैठक बुलाकर गांव में व्याप्त सभी समस्याओं को दूर करने के बारे विचार-विमर्श किया।

पंचायत ने 1989 में की थी नाम बदलने की थी सिफारिश्
गांव ‘गंदा’ की पंचायत ने चार मार्च 1989 को प्रस्ताव पास कर गांव का नाम बदलकर अजीत नगर रखने की सिफारिश की थी, लेकिन राजस्व विभाग एवं प्रशासन की अन्य औपचारिकताओं के पूरे न होने के चलते गांव का नाम बदलने की प्रक्रिया पर अमल नहीं हो सका। इसके बाद सरकारी और गैर सरकारी रिकॉर्ड में गांव का यही नाम चलता रहा, लेकिन हरप्रीत कौर ने प्रधानमंत्री कार्यालय को गांव के नाम बदलने एवं अन्य समस्याओं बारे लिख दिया। पीएमओ से मिले जवाबी पत्र के बाद जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया और अधिकारियों को तत्काल बैठक बुलवाकर फिर से प्रस्ताव मांगे जानी की प्रक्रिया शुरू की है।