Monthly Archives: February 2016

सियाचिन के बर्फीले तूफान में दबे 10 जवान शहीद, पीएम मोदी ने ट्वीट कर जताया दुख

सियाचिन में बुधवार को आए बर्फीले तूफान में लापता हुए सभी 10 भारतीय जवान शहीद हो गए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार शाम ट्विटर पर सभी 10 जवानों के शहीद होने की जानकारी दी।

जवानों को बचाने के लिए पिछले 40 घंटे से सियाचिन में युद्धस्तर पर बचाव कार्य चलाया जा रहा था। समय बीतने के साथ-साथ जवानों के जिंदा होने की उम्मीद भी दम तोड़ती जा रही थी। गुरुवार रात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर जवानों की बहादुरी को सलाम करते हुए उनकी शहादत की खबर दी। पीएम ने जवानों के परिवार के प्रति संवेदना जताते हुए कहा कि सियाचिन में हुआ हादसा बहुत दुखद है।

PM मोदी से मिले हांगकांग के CEO, आर्थिक सहयोग को मजबूत करने का निर्णय

भारत और हांगकांग ने वित्तीय सेवा क्षेत्र में आर्थिक सहयोग मजबूत करने का फैसला किया है। भारत की यात्रा पर आए हांगकांग के मुख्य कार्यकारी सीवाई लियुंग ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। मोदी ने लियुंग का उनकी पहली आधिकारिक भारत यात्रा पर स्वागत करते हुए उम्मीद जताई कि उनकी इस यात्रा से भारत और हांगकांग के बीच व्यापार, निवेश और पर्यटन संपर्क मजबूत हो सकेंगे।

pm-narendra-modiप्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने एक बयान में यह जानकारी दी। बैठक के दौरान लियुंग ने प्रधानमंत्री को हांगकांग की कंपनियों की भारत के प्रति रचि के बारे में बताया। मोदी और लियुंग ने विशेषरूप से वित्तीय सेवा क्षेत्र में द्विपक्षीय आर्थिक सहयोग मजबूत करने पर सहमति दी। इसके अलावा दोनों नेताओं ने शिक्षा के क्षेत्र में भी सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया।

PM condoles the passing away of Shri Balram Jakhar

Prime Minister, Shri Narendra Modi has condoled the passing away of Shri Balram Jakhar.

“Balram Jakhar ji was a popular leader who enriched our Parliamentary democracy in his long political journey. Saddened by his demise. RIP,” the Prime Minister said.

रंग लाया छात्र का पीएम को भेजा गया पत्र, रास्ता बनाएगा रेलवे

स्कूल जाने में रेल की पटरी की बाधा की बाबत उन्नाव के एक छात्र का प्रधानमंत्री को भेजा गया पत्र असर कर गया है। प्रधानमंत्री कार्यालय की पहल पर रेलवे के अधिकारी छात्र के परिवार से मिले। अब उसके स्कूल जाने का आसान रास्ता बनाने की कवायद हो रही है।

3railwaytrackलखनऊ-कानपुर रेलवे मार्ग के दूसरे छोर पर पडऩे वाली बस्ती के एक छात्र को स्कूल तक जाने में दुश्वारियों की बात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक बीते सितंबर में पत्र के माध्यम से पहुंचीं। नयन सिन्हा आवास विकास कालोनी स्थित एक स्कूल में कक्षा सात में पढ़ता है। उसे स्कूल आने-जाने में राजेपुर रेलवे क्रासिंग का करीब डेढ़ किलोमीटर का चक्कर लगाना पड़ता है, जबकि मोहल्ले में गली के सामने ही रेलवे ट्रैक पार कर पांच मिनट में ही स्कूल पहुंचा जा सकता है।

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छात्र ने मोहल्ले के पास रेलवे ट्रैक समतल न होने से स्कूल जाने में हो रही परेशानी बताते हुए बीते सितंबर में प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र लिखा था। नयन ने स्कूल में आने-जाने में हो रही परेशानी और हादसे की आशंका से परेशान होकर प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर समस्या बताई। पीएमओ कार्यालय ने छात्र की समस्या पर ध्यान दिया और रेल मंत्रालय को समस्या समाधान के निर्देश दिए। नयन सिन्हा के घर पत्र पहुंचा तो उसकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। डिवीजनल इंजीनियर रंजीत कुमार ने बताया कि उन्नाव-लखनऊ रेलमार्ग पर मनोहर नगर के सामने रेलवे ट्रैक के दोनों ओर मिट्टी डालकर इंटरलॉक ब्रिक बिछाकर रास्ता समतल करने का काम जल्द ही कराया जाएगा। रेल प्रशासन केवल छात्र और उसके अभिभावक से ही नहीं मिला, उसकी मांग के अनुरूप रेलवे पटरी पार करने के लिए उसका सर्वे भी कराने के लिए पहुंच गया।

स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में दुनिया का नेतृत्व कर सकता है भारत : मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि केंद्र सरकार आयुर्वेद जैसी पारंपरिक औषधीय प्रणाली को प्रोत्साहित करने के लिए प्रतिबद्ध है जिसका अपर्याप्त वैज्ञानिक जांच, मानक एवं गुणवत्ता चिंताओं के कारण दोहन नहीं हो पाया है।

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चीन जैसे देशों के अनुभवों से सीखेगा भारत
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत इस बारे में चीन जैसे दूसरे देशों के अनुभवों से सीखेगा जिन्होंने अपनी पारंपरिक औषधियों को प्रोत्साहित करने के लिए नीतियां एवं नियमन तैयार किए हैं। उन्होंने कहा, ‘ वहनीय एवं समग्र स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में भारत दुनिया का नेता बन सकता है।’ उन्होंने कहा, ‘ अगर इन मुद्दों को ठीक ढंग से सुलझाया जाए तब मुझे विश्वास है कि आयुर्वेद स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याओं का समाधान प्रदान कर सकता है। भारत दुनिया में वहनीय, समग्र स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के संबंध में नेतृत्व प्रदान कर सकता है।’ यहां पांच दिवसीय ‘वैश्विक आयुर्वेद महोत्सव’ के दौरान विजन कॉनक्लेव को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार पारंपरिक औषधियों को प्रोत्साहित करने के लिए प्रतिबद्ध है ताकि देश में सस्ती और प्रभावी स्वास्थ्य सेवा प्रदान की जा सके।

मोदी की ‘महामना एक्सप्रेस’ का यात्रियों ने किया बुरा हाल

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगर इन तस्वीरों को देखेंगे तो निश्चित ही उन्हें दुख का अहसास होगा। अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी से दिल्ली के लिए शुरू की गई इस ट्रेन का एक महीने में ही कैसा हाल किया है लोगों ने, जरा देखिए… सिर शर्म से झुक जाएगा…

Mahamana Expressशनिवार को जब यह ट्रेन वाराणसी पहुंची तो पुलिस ने इसके हर कम्पार्टमेंट की बारीकी से तलाशी ली। गायब चीजों की लिस्ट बनाई। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया था कि इस ट्रेन से सामान की चोरी हो रही है।

 

बजट में ब्लैक मनी पर बड़े एक्शन की तैयारी में मोदी सरकार!

मोदी सरकार ब्लैक मनी पर बड़े एक्शन की तैयारी कर रही है। ये एक्शन बजट में हो सकता है। सरकार ब्लैक मनी पर शिकंजा कसने के लिए नकदी रखने की सीमा तय कर सकती है। इसके अलावा और कदम भी सामने आ सकते हैं। तय सीमा से ज्यादा रकम रखने पर पाबंदी जैसी व्यवस्था यूरोप के कई देशों में है। नकदी लाने-जाने पर भी पाबंदी संभव है। शाह कमेटी की 10-15 लाख रुपये की अधिकतम सीमा की सिफारिश है। हालांकि वित्त मंत्रालय इस सीमा को बढ़ाने के पक्ष में है। माना जा रहा है कि कारोबारियों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए सीमा तय होगी।

modibudgetबजट में स्कूल, कॉलेजों में नकद डोनेशन पर पाबंदी लग सकती है और डोनेशन अकाउंट पेई चेक से देना जरूरी हो सकता है। जस्टिस शाह ने अपनी रिपोर्ट में ये सिफारिश की हैं। सूत्रों के मुताबिक बजट में जस्टिस शाह कमेटी की कई सिफारिशें स्वीकार की जा सकती हैं। हालांकि बजट में धार्मिक और दूसरे संस्थानों को दान पर सख्ती की संभावना कम ही है।

काला धन रोकने की समय-समय पर सरकार कोशिश करती रही है। लेकिन अभी तक बहुत ही मामूली सफलता उसे हाथ लगी है। सरकार ने काले धन पर रोक लगाने के लिए ब्लैक मनी बिल पास कराया और इससे जुड़े अलग-अलग कानून बनाए तो लगा कि वाकई अब काले धन का धंधा मंदा पड़ने वाला है लेकिन ऐसा हुआ नहीं। एक रिपोर्ट के मुताबिक एक साल में 12 हजार करोड़ रुपये के काले धन का लेनदेन सिर्फ डोनेशन के तौर पर होता है। ये डोनेशन एमबीबीएस या अन्य पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स में एडमिशन को लेकर ज्यादा होता है लेकिन प्रोफेशनल कोर्स चलाने वाले संस्थानों का राजनीति से इतना गहरा रिश्ता होता है कि कोई इस पर शिकंजा कसने को तैयार नहीं होता।

पीएम मोदी के खाते में है सिर्फ 4,700 रुपए, नहीं है कोई कार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संपत्ति के ब्योरे से लगता है कि वह अपने पास ज्यादा नकदी नहीं रखते और उनकी कुल परिसंपत्ति बढ़कर 1.41 करोड़ रुपए हो गई है। परिसंपत्ति में वृद्धि में मुख्य योगदान एक रिहायशी परिसंपत्ति का है जो 13 साल पहले उन्होंने खरीदी थी और उसका मूल्य तब से 25 गुना से अधिक बढ़ चुका है।

MODIप्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा मोदी की परिसंपत्तियों के बारे में ताजा ब्यौरे के अनुसार पिछले वित्त वर्ष के अंत में मोदी के ‘हाथ में कुल नकदी’ मात्र 4,700 रुपए थी। यह वित्त वर्ष के मध्य में 18 अगस्त 2014 को घोषित विवरण में दिखाई गई 38,700 रुपए की नकदी से कम है। हालांकि, समीक्षाधीन अवधि में मोदी की चल-अचल परिसंपत्तियों का कुल मूल्य बढ़कर 1,26,12,288 रुपए से बढ़कर मार्च 2015 के अंत में 1,41,13,893 रुपए तक पहुंच गया। मोदी ने 26 मई 2014 को प्रधानमंत्री का पद संभाला था।

इस घोषणा के मुताबिक प्रधानमंत्री के पास कोई मोटर वाहन-विमान-याच-पोत नहीं है। वह अब भी गुजरात में अपने पुराने बैंक खाते को ही बरकरार रखे हुए हैं। दिल्ली में उनका कोई बैंक खाता नहीं है। प्रधानमंत्री मोदी ने कोई कर्ज नहीं लिया हुआ है। उनके पास चार सोने की अंगूठी हैं। उनका कुल वजन करीब 45 ग्राम और कुल मूल्य 31 मार्च 2015 के अनुसार करीब 1.19 लाख रुपए था। इन अंगूठियों की कीमत 18 अगस्त 2014 के मुकाबले थोड़ी कम हुई है जबकि उनका मूल्य 1.21 लाख रुपए आंका गया था।

मन की बात : पीएम मोदी बोले- खादी में करोड़ो लोगों को रोजगार देने की ताकत

साल 2016 का पहला और पीएम के रूप में मन की बात के 16वें संस्करण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के दिये खादी का आज के युवाओं में जबरदस्त क्रेज हो गया है। इतना ही नहीं, खादी में करोड़ो लोगों को रोजगार देने की भी ताकत है। पीएम मोदी का 2016 में यह पहला ‘मन की बात’ कार्यक्रम है। आमतौर पर वह हर महीने के आखिरी रविवार को इस कार्यक्रम के जरिए देश को संबोधित करते हैं।

PM Modi-mann-ki-baatपीएम मोदी ने कहा कि हम सब एक साथ चलें, हम सब एक स्वर में बोलें और हमारे मन एक हों, यही राष्ट्र की सच्ची ताकत है। पीएम ने सरदार पटेल की बातों का उल्लेख करते हुए कहा, सरदार पटेल कहते थे कि हिंदुस्तान की अंहिसा और आजादी खादी में है। इसलिए देशवासी अपने कपड़ों में एक जोड़ी खादी का कपड़ा जरूर रखें। महात्मा गांधी भी टेक्नोलॉजी के अपग्रेडेशन के लिए तैयार थे। रेलवे समेत कई मिनिस्ट्री ने खादी को बढ़ावा देने के लिए इनिसियेटिव लिए हैं। आजकल युवाओं में भी खादी का क्रेज काफी बढ़ गया है।

हाल ही में घोषित फसल बीमा योजना के फायदों को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोगों से पूरे देश में इसकी जानकारी फैलाने में सहयोग का आग्रह किया ताकि अगले दो वर्षों में कम से कम 50 प्रतिशत किसान इसके दायरे में लाये जा सके। आकाशवाणी पर प्रसारित मन की बात कार्यक्रम में अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने बालिकाओं को बचाने के बारे में जागरूकता फैलाने एवं स्टार्ट अप कार्यक्रम का भी जिक्र किया। उन्होंने फरवरी माह में विशाखापत्तनम में आयोजित होने वाले अंतरराष्ट्रीय फ्लीट रिव्यू सहित कुछ अन्य मुद्दों के बारे में भी लोगों से अपने विचार साझा किये।

मोदी ने कहा, ‘हमारे देश में किसानों के नाम पर बहुत-कुछ बोला जाता है, बहुत-कुछ कहा जाता है। खैर, मैं उस विवाद में उलझना नहीं चाहता हूं। लेकिन किसान का एक सबसे बड़ा संकट है, प्राकृतिक आपदा में उसकी पूरी मेहनत पानी में चली जाती है। उसका साल बर्बाद हो जाता है।’ उन्होंने कहा, ‘उसको सुरक्षा देने का एक ही उपाय अभी ध्यान में आता है और वह फसल बीमा योजना है। 2016 में भारत सरकार ने एक बहुत बड़ा तोहफा किसानों को दिया है – प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना।’

मोदी ने कहा, ‘इस योजना की तारीफ हो, वाहवाही हो, प्रधानमंत्री को बधाईयां मिले, ..यह इसके लिये नहीं है। हमारा प्रयास है कि संकट में पड़े किसान को इसका भरपूर फायदा मिले।’ किसानों तक इसकी जानकारी पहुंचाने का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि इतने सालों से फसल बीमा की चर्चा हो रही है, लेकिन देश के 20-25 प्रतिशत से ज्यादा किसान उसके लाभार्थी नहीं बन पाए हैं, उससे जुड़ नहीं पाए हैं। ‘क्या हम संकल्प कर सकते हैं कि आने वाले एक-दो साल में हम कम से कम देश के 50 प्रतिशत किसानों को फसल बीमा से जोड़ सकें?

प्रधानमंत्री ने कहा कि खादी एक राष्ट्रीय प्रतीक और युवा पीढ़ी के आकर्षण का केंद्र बन गया है। इसके जरिये भारतवासियों को स्वाबलंबी बनाने के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के सपने को उनकी सरकार आगे बढ़ा रही है और विभिन्न सरकारी संस्थान आगे बढ़कर खादी के उत्पादों का उपयोग कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि नव गठित खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग नये अवसरों एवं चुनौतियों को ध्यान में रखकर कई महत्वपूर्ण पहल कर रहा है। इन पहलों के तहत सौर चरखा और सौर लूम से उत्पादन के सफल प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सौर ऊर्जा से चलने वाले चरखा और लूम से बुनकर पहले से कम मेहनत में अधिक उत्पादन और दोगुनी आमदनी पा सकेंगे।

फरवरी में विशाखापत्तनम में आयोजित होने वाले अंतरराष्ट्रीय फ्लीट रिव्यू का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि यह गर्व की बात है कि 4 से 8 फरवरी तक भारत इसकी मेजबानी कर रहा है। पूरा विश्व, हमारे यहां मेहमान बन कर आ रहा है और हमारी नौसेना इस मेजबानी के लिए पुरे जोश से तैयारी कर रही है। दुनिया के कई देशों के युद्धपोत, नौसेना के जहाज आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम के समुद्री तट पर इकट्ठे हो रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘यह भारत के समुद्र तट पर हो रहा है। यह विश्व की सैन्य-शक्ति और हमारी सैन्य-शक्ति के बीच तालमेल का एक प्रयास है। एक बहुत बड़ा अवसर है।’ उन्होंने कहा कि भारत जैसे देश के लिए ये बहुत महत्वपूर्ण है और भारत का सामुद्रिक इतिहास स्वर्णिम रहा है। संस्कृत में समुद्र को उदधि या सागर कहा जाता है। इसका अर्थ है अनंत प्रचुरता।

उन्होंने कहा कि सीमायें हमें अलग करती होंगी, जमीन हमें अलग करती होगी, लेकिन जल हमें जोड़ता है, समुद्र हमें जोड़ता है। समंदर से हम अपने-आप को जोड़ सकते हैं, किसी से भी जोड़ सकते हैं। और हमारे पूर्वजों ने सदियों पहले विश्व भ्रमण करके, विश्व व्यापार करके इस शक्ति का परिचय करवाया था। चाहे छत्रपति शिवाजी हों, चाहे चोल साम्राज्य हो – सामुद्रिक शक्ति के विषय में उन्होंने अपनी एक नई पहचान बनाई थी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि 26 जनवरी का पर्व बहुत उमंग और उत्साह के साथ हमने मनाया। आतंकवादी क्या करेंगे, इसकी चिंता के बीच देशवासियों ने हिम्मत दिखाई, हौसला दिखाया और आन-बान-शान के साथ इस पर्व को मनाया। उन्होंने कहा कि लेकिन हरियाणा और गुजरात, दो राज्यों ने एक बड़ा अनोखा प्रयोग किया। इस वर्ष उन्होंने हर गांव के सरकारी स्कूल में ध्वजवंदन करने के लिए, उस गांव की सबसे पढ़ी-लिखी बेटी को चुना।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हरियाणा में तो और भी अच्छी बात हुई कि गत एक वर्ष में जिस परिवार में बेटी का जन्म हुआ है, उन परिवारजनों को 26 जनवरी के निमित्त विशेष रूप से निमंत्रित किया और वी.आई.पी. के रूप में प्रथम पंक्ति में उनको स्थान दिया गया। ये अपने आप में इतना बड़ा गौरव का पल था क्योंकि हरियाणा में एक हजार बेटों के सामने जन्म लेने वाली बेटियों की संख्या बहुत कम हो गयी थी। बड़ी चिंता थी, सामाजिक असंतुलन का विषय उत्पन्न हो गया था।

विज्ञान भवन में 16 जनवरी को आयोजित स्टार्टअप कार्यक्रम का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि सारे देश के नौजवानों में नयी उर्जा, नयी चेतना, नई उमंग, नये उत्साह का अनुभव किया। लेकिन इस बारे में एक सामान्य लोगों की सोच है कि स्टार्ट अप का मतलब कि आईटी क्षेत्र की बातें, बहुत ही उन्नत कारोबार से जुड़ा है..इस आयोजन के बाद ये भ्रम टूट गया। आईटी तो इसका एक छोटा सा हिस्सा है। जीवन विशाल है, आवश्यकताएं अनंत हैं। स्टार्ट अप भी अनगिनत अवसरों को लेकर आता है।

स्वच्छता अभियान का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि हम महापुरुषों की प्रतिमाएं लगाने के बारे में काफी भावनात्मक होते हैं लेकिन बाद में हम बेपरवाह हो जाते हैं। और दूसरी बात प्रजासत्तात्मक पर्व है तो हम कर्तव्य पर भी बल कैसे दें, कर्तव्य की चर्चा कैसे हो? अधिकारों की चर्चा बहुत हुई है और होती भी रहेगी, लेकिन कर्तव्यों पर भी तो चर्चा होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि देश के कई स्थानों पर नागरिक आगे आए, सामाजिक संस्थाएं आगे आई, शैक्षिक संस्थाएं आगे आई, कुछ संत-महात्मा आगे आए और उन सबने कहीं-न-कहीं जहां महपुरूषों की प्रतिमाएं हैं, उसकी सफाई की, परिसर की सफाई की। एक अच्छी शुरुआत हुई है, और ये सिर्फ स्वच्छता अभियान नहीं है, ये सम्मान अभियान भी है।

प्रधानमंत्री ने इस संदर्भ में देश में कई रेलवे स्टेशनों पर वहां के स्थानीय नागरिकों, स्थानीय कलाकारों एवं अन्य लोगों की स्थानीय कला को केंद्र में रखते हुए दीवारों की पेंटिंग, साइन-बोर्ड अच्छे ढंग से बनाने का जिक्र किया। उन्होंने इसके बारे में रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन, अस्पताल, स्कूल, मंदिरों, गिरजाघरों, मस्जिदों के आस-पास साफ सफाई पर ध्यान देने का भी आग्रह किया।

महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर कल राजघाट जाकर श्रद्धांजलि अर्पित करने का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि शहीदों को नमन करने का यह प्रतिवर्ष होने वाला कार्यक्रम है। यह स्वभाव बनना चाहिए, इसे हमें अपनी राष्ट्रीय जिम्मेवारी समझना चाहिए? और यही बातें हैं जो देश के लिये हमें जीने की प्रेरणा देती हैं । हर वर्ष 30 जनवरी ठीक 11 बजे सवा-सौ करोड़ देशवासी 2 मिनट के लिये मौन रखें। आप कल्पना कर सकते हैं कि इस घटना में कितनी बड़ी ताकत होगी ।

आने वाले दिनों में होने वाली दसवीं और बारहवीं कक्षा की परीक्षाओं का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि मेरी इच्छा है कि इनमें सफल होने वाले विद्यार्थी इस बारे में अनुभव मेरे साथ साझा करें कि परीक्षा के दिन उन्होंने तनावमुक्त होकर कैसे गुजारे हैं, परिवार में क्या माहौल बना, गुरुजनों ने, शिक्षकों ने क्या सहयोग किया, स्वयं ने क्या प्रयास किये, सीनियर लोगों ने उनको क्या बताया और क्या किया। (एजेंसी इनपुट के साथ)