All posts by Rohit Gangwal
भारतीय जनता पार्टी को नोटा ने हराया कांग्रेस में कहाँ दम था!
27 सितंबर 2013 की तारीख भारत की चुनावी प्रक्रिया के इतिहास में एक नई क्रांति लेकर आया था जब सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय चुनाव आयोग को मतदान प्रक्रिया में नोटा अर्थात किसी भी उम्मीदवार को वोट ना करने का एक विकल्प देने को कहा था। धीरे धीरे इस नए विकल्प ने अपनी प्रासंगिकता दिखानी शुरू की। साल 2014 के आम चुनाव में, नोटा को कुल 1.1% वोट मिले, जो 6,000,000 से भी अधिक थे। अगर बात हाल ही में हुए...
गुजरात के वरिष्ठ मंत्री श्री प्रदीप सिंह जडेजा जी ने मोदी फॉर पीएम संगठन को प्रशस्ति पत्र प्रदान किया
दिनांक 18 फरवरी 2018 को मोदी फॉर पीएम संगठन की दक्षिण भारतीय इकाई ने तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में एक “फ्री मेडिकल कैंप प्रोग्राम” का आयोजन किया था। इस हेल्थ प्रोग्राम को देश और राज्य के तमाम बुद्धिजीवी वर्ग द्वारा प्रशंसा प्राप्त हुई। इसी कड़ी में गुजरात प्रदेश के वरिष्ठ मंत्री श्री प्रदीप सिंह जडेजा जी का प्रशस्ति पत्र हाल ही में हमारी टीम को प्राप्त हुआ। इस पत्र में श्री जडेजा जी ने मोदी फॉर पीएम संगठन के साउथ...
गुजरात के मुख्यमंत्री श्री विजय रुपानी जी ने मोदी फॉर पीएम संगठन के कार्यो को सराहा
‘मोदी फॉर पीएम’ संगठन साल 2010 यानि पिछले 7 सालों से श्री नरेंद्र मोदी जी के समर्थन में सक्रिय रूप से कार्य कर रही है। इस कार्य के लिए हमारे संगठन को कई अलग अलग क्षेत्रों से प्रशंसा मिलती रहती है। वर्तमान में गुजरात राज्य के माननीय मुख्य मंत्री श्री विजय रुपाणी जी ने पत्राचार के माध्यम से हमारे संगठन के कार्यों की प्रशंसा की और हमारा हौसला बढ़ाया। उन्होंने अपने पत्र में लिखा कि "मोदी फॉर पीएम संगठन" द्वारा...
क्या 60 साल पुरानी आरक्षण व्यवस्था की समीक्षा का वक्त आ गया है?
आज़ादी के वक़्त हमारे देश में दलितों की स्थिति बहुत हीं दयनीय थी। इसी वजह से संविधान बनाने वालों ने बहुत सोच विचार के बाद संविधान में आरक्षण की व्यवस्था दी। साल 1950 में संविधान पारित होते हीं वंचित वर्गों को आरक्षण की सुविधाएँ मिलने लगी। आरक्षण देने के पीछे की मुख्य वजह ये थी की देश के संसाधनों, अवसरों और शासन प्रणाली पर समाज के हर वर्ग की सहभागिता सुनिश्चित हो। स्वर्गीय लाल बहादुर शास्त्री जी ने एक बार...
मोदी के आने से भारतीय सेना कितनी हुई मजबूत
भारतीय सेना का इतिहास स्वर्णिम और गौरवशाली रहा है। भारतीय जवानों के शौर्य, पराक्रम, साहस एवं बलिदान की गाथा सदियों से सुनाई जाती रही हैं।शौर्य और साहस के अलावा भारतीय सेना सैन्य धर्म एवं चरित्रगत आचरण के लिए भी दुनिया भर में प्रसिद्ध है। "बारहवीं शताब्दी से लेकर वर्तमान की इक्कीसवीं सदी तक तक, चाहे वह पृथ्वीराज चौहान, राणा साँगा, राजा पोरस, शिवाजी या महाराणा प्रताप के नेतृत्व में लड़ी हो या फिर प्रथम और द्वितीय विश्वयुद्ध में ब्रिटिश सेना...
असम में बांग्लादेशी घुसपैठियों की समस्या पर क्या कर रही है सरकार
स्वामी विवेकानंद ने एक बार कहा था कि भारत की धरती पर कश्मीर के बाद अगर कोई स्थल है तो वो है असम। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद से अब तक के इतिहास को देखें तो इन दोनों स्थानों के साथ कुछ भी अच्छा नहीं घटा, एक तरफ कश्मीर में जहाँ आतंकवाद ने अपने पैर पसारे वहीं असम में बांग्लादेशी घुसपैठ ने प्रदेश की शांति को आघात पहुँचाया है। आजादी से पहले जहाँ असम एक हिन्दुबहुल प्रदेश हुआ करता था वहीं...
लालू यादव की कमजोर कड़ी “चारा घोटाला”
70 के दशक में इंदिरा सरकार की तानाशाही के खिलाफ बिहार की धरती से उपजे जयप्रकाश नारायण (जेपी) की अगुआई वाले देशव्यापी आंदोलन जिसे सम्पूर्ण क्रांति भी कहा जाता है ने देश को कई बड़े नेता दिए जो आगे चल कर प्रखर नेता बने। उन्ही नेताओं की लम्बी फेहरिस्त में एक थे गोपालगंज बिहार में जन्मे लालू प्रसाद यादव। इस आंदोलन की भट्टी से तप कर निकले लालू यादव आगे चल के बिहार के मुख्यमंत्री और देश के रेलमंत्री भी...
तीन तलाक विधेयक, क्या मिल पायेगा मुस्लिम महिलाओं को न्याय !
हर धर्म से कुछ ना कुछ रूढ़िवाद जुड़े होते हैं जिसे तथाकथित धर्म के ठेकेदार हमेशा धर्म से जोड़कर सभी धर्मावलम्बी को डरा कर रखते हैं। मध्यकाल के बाद भारत में कई ऐसे बुद्धिजीवी हुए जिन्होंने हिन्दुधर्म में व्याप्त कुप्रथाओं को बंद करवाया। राजाराम मोहन राय और ईश्वर चंद विद्यासागर आदि जैसे समाज सुधारकों का तत्कालीन धार्मिक मठाधीशों ने बहुत विरोध किया फिर भी वो अपने पथ से डिगे नहीं और उनके निश्चय के कारण हीं हम आज हिन्दू धर्म...
पाकिस्तान की जेल में बंद एक आम हिंदुस्तानी “कुलभूषण”
भारत के आज़ादी के साथ साथ पाकिस्तान भी आज़ाद हुआ। जहाँ एक तरफ भारत ने तरक्की की राह पकड़ी वहीं पाकिस्तान का हमेशा से एकसूत्री एजेंडा रहा की वो कैसे भारत की जमीन पे कब्ज़ा करे और भारत में अस्थिरता पैदा करे। पिछले 70 सालों में हमारे बीच चार बड़े युद्ध हो चुके हैं और सरहद पे कोई ऐसा दिन नहीं जाता जब गोलियां नहीं चलती हो। दोनों देशों के बीच शांति स्थापित करने के लिए अलग अलग समयों पर...