मोदी की लोकप्रियता बढ़ी, फिर आएंगे सत्ता में: NBT सर्वे

पिछले 3 सालों में एक-दो अपवादों को छोड़कर चुनाव-दर-चुनाव BJP और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता पर मुहर लगती रही है। कुछ ऐसी ही तस्वीर नवभारत टाइम्स और टाइम्स इंटरनेट लिमिटेड की 9 अन्य वेबसाइट्स पर किए गए महापोल में भी सामने आई है। सर्वे में भाग लेने वाले करीब 10 लाख पाठकों ने सरकार के कामकाज को लेकर संतोष जताया है और ज्यादातर का मानना है कि अभी चुनाव हुए तो मोदी सरकार बिना किसी मुश्किल के सत्ता में वापसी करेगी।

3 साल पूरे होने पर देशभर की जनता का मूड जानने के लिए 7 सवालों के साथ हमने एक सर्वे कराया। ज्यादातर सवालों पर मिलीं प्रतिक्रियाएं जहां सरकार के लिए राहत भरी हैं, वहीं कुछ मुद्दों पर लोग सरकार से संतुष्ट नहीं हैं। सर्वे में भाग लेने वालों ने आतंकवाद, कश्मीर और नक्सलवाद जैसे संवेदनशील मुद्दों पर सरकार के कामकाज को लेकर नाखुशी जताई है, वहीं कई नई योजनाओं को भरपूर नंबर भी दिए हैं।

NBT के सर्वे में भाग लेने वाले 74% लोगों का मानना है कि 3 साल का कार्यकाल बीत जाने के बाद भी प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता लगातार बढ़ी है। इस मामले में हमारी तमिल समयम साइट के रीडर्स एकमात्र अपवाद हैं, जिनमें से ज्यादातर ने माना है कि मोदी की लोकप्रियता या तो पहले जैसी है या घटी है। सर्वे में एक अन्य सवाल के जवाब में 71% लोगों ने मोदी के कार्यकाल को बढ़िया बताया है, जबकि 18% की नजर में ये 3 साल कामचलाऊ रहे हैं। 11% लोगों ने PM मोदी के कार्यकाल को बेकार बताया है।

नोटबंदी सुपरहिट फैसला रहा

सर्जिकल स्ट्राइक से सरकार की वाहवाही हुई तो नोटबंदी की वजह से सरकार लगातार जनता के एक तबके और विपक्ष के निशाने पर रही। फिर भी हमारे सर्वे में 56% लोगों की नजर में नोटबंदी ही सरकार का सबसे बड़ा फैसला रहा, जबकि सिर्फ 13% लोगों की नजर में सर्जिकल स्ट्राइक सबसे बड़ा फैसला रहा। 7% लोगों ने माना कि जनधन खाते खुलवाने और सब्सिडी सीधे खाते में ट्रांसफर करने जैसी योजनाएं मौजूदा सरकार के सबसे बड़े फैसले रहे।

आजादी के बाद सबसे बड़े टैक्स सुधार के रूप में प्रचारित किए जा रहे GST को भी 15% लोगों का समर्थन मिला है। हालांकि, इसके साथ ही पाठकों की राय में यह कसक भी दिखी कि नोटबंदी को और बेहतर तरीके से लागू किया जाता तो परिणाम ज्यादा अच्छा होता और ब्लैक मनी पर भी अंकुश लगाने में मदद मिलती।

आतंकवाद पर जागे सरकार

सर्वे में हमने यह जानने की भी कोशिश की कि सरकार किस मोर्चे पर सबसे ज्यादा विफल रही। इस सवाल के जवाब में 45% लोगों ने माना कि आतंकवाद पर लगाम कसने में सरकार फ्लॉप रही है। 33% लोगों की नजर में सरकार नई नौकरियां पैदा नहीं कर पा रही है और 4% लोगों ने माना है कि सरकार खेती और किसानों की दशा में सुधार नहीं कर पाई है। आंतरिक सुरक्षा के मोर्चे पर लोग नक्सलवाद को एक चुनौती मानते हैं और कई लोगों ने माना कि इस पर अभी बहुत कुछ करना होगा।

हालांकि, इस सवाल के जवाब में हमारी अलग-अलग साइटों पर स्थानीय मुद्दे छाए रहे। तमिल समयम की साइट पर वोट करने वाले 44% पाठकों का मानना है कि खेती और किसानों की दशा में कोई सुधार नहीं हुआ है और यह NDA सरकार की सबसे बड़ी असफलता है। मराठी, कन्नड़ और तेलुगू के भी एक-चौथाई से ज्यादा पाठकों ने माना कि खेती-किसानी की स्थिति में सुधार न होना सरकार की सबसे बड़ी असफलता है।

भ्रष्टाचार पर और कदम उठाने की जरूरत

मोदी सरकार ने नोटबंदी को भ्रष्टाचार खत्म करने की राह का सबसे बड़ा फैसला करार दिया। सर्वे में भी 65% भागीदारों ने यह माना है कि सरकार ने भ्रष्टाचार को रोकने की दिशा में अच्छा काम किया है, लेकिन इन लोगों का यह भी मानना है कि सरकार को इस मोर्चे पर अभी और काम करने की जरूरत है। 16% की नजर में भ्रष्टाचार रोकने के लिए कुछ भी नहीं किया गया है और 19% का मानना है कि सरकार ने अपर्याप्त कदम उठाए हैं।

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By admin , May 24, 2017

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