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प्रधानमंत्री मोदी ने किया सबसे लंबी जोजिला सुरंग का किया शिलान्यास

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को श्रीनगर-करगिल और लेह के बीच सभी मौसमों में संपर्क मुहैया कराने वाली जोजिला सुरंग की आधारशिला रखी। करीब 6,800 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली एशिया की सबसे लंबी दो तरफा यातायात सुविधा वाली सुरंग होगी। रणनीतिक दृष्टि से यह सुरंग काफी अहम मानी जा रही है।


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जम्मू एवं कश्मीर राज्य के एक दिवसीय दौरे के तहत शनिवार को लद्दाख क्षेत्र के लेह पहुंचे। इस दौरान राज्यपाल एन. एन वोहरा और मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के साथ ही वरिष्ठ असैन्य और सैन्य अधिकारियों ने लेह हवाईअड्डे पर उनका स्वागत किया।


पाकिस्तान और चीन के साथ सीमा साझा करने वाले इस क्षेत्र में मोदी की यह दूसरी यात्रा है। श्रीनगर से 450 किलोमीटर उत्तर में स्थित लेह में मोदी इससे पहले 12 अगस्त 2014 को आए थे और तब उन्होंने एक जल विद्युत परियोजना का शुभारंभ किया था। हवाईअड्डे पर पहुंचने के बाद प्रधानमंत्री सड़क पर रुके और उन्होंने स्वागत के लिए आए लोगों से मुलाकात की।


उन्होंने ट्वीट कर कहा, मैं गर्मजोशी भरे स्वागत के लिए लेह के शानदार लोगों का आभार जताता हूं। मैं यहां आकर खुश हूं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लद्दाखी आध्यात्मिक नेता 19 वें कुशक बाकुला रिनपोचे की 100 वीं जयंती के समापन समारोह में भी भाग लिया।


इस सुरंग के बनने से श्रीनगर-कारगिल-लेह के बीच सालभर सड़क संपर्क बनाए रखने में मदद मिलेगी। अभी दोनों जगहों के बीच का रास्ता करीब छह महीने बंर्फ से ढके रहने के कारण बंद रहता है।

बता दें कि श्रीनगर रिंगरोड 42.1 किलोमीटर लंबी होगी। यह पश्चिम श्रीनगर में गलंदर को सुम्बल से जोड़ेगी। साथ ही श्रीनगर से कारगिल और लेह के लिए एक नया मार्ग भी उपलब्ध कराएगी जो यात्रा के समय को कम करेगा। इसकी लागत 1,860 करोड़ रुपये होगी।

जम्मू की रिंगरोड 58.25 किलोमीटर लंबी होगी। यह पश्चिमी जम्मू में जगती को रायामोड़ से जोड़ेगी। इसकी लागत 2,023 करोड़ रुपये होगी। इसके रास्ते में आठ बड़े पुल, छह फ्लाईओवर, दो सुरंग और चार डक्ट होंगे।

बता दें कि जम्‍मू-कश्‍मीर में रमजान के दौरान केंद्र सरकार की ओर से सीजफायर को मंजूरी मिलने के बाद पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्य के दौरे पर हैं। केंद्र सरकार ने राज्य सरकार की अपील पर घोषणा की थी कि रमजान के महीने में आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन नहीं चलाया जाएगा। इस फैसले की कई हलकों से आलोचना भी की जा रही है क्योंकि सीजफायर के बावजूद भी आतंकी गतिविधियों में कमी नहीं आई है।

Prabhat Sharma
By Prabhat Sharma , May 19, 2018

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